प्रदेश को बिजली उत्पादन में सरप्लस करने में जुटी कंपनियां

बिजली उत्पादन
  • सौर ऊर्जा 30 प्रतिशत बढ़ी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में बिजली की डिमांड लगातार बढ़ रही है। इसके चलते बिजली कंपनी प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता को सरप्लस करने में जुटी हैं। अभी प्रदेश में बिजली डिमांड 19 हजार मेगावॉट से अधिक पहुंच चुकी है। प्रदेश की बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश को साल 2047 तक बिजली उत्पादन में सरप्लस करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी टारगेट के तहत बिजली कंपनियां काम कर रही हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बिजली कंपनियों की स्थिति को सुधारने के लिए 51 हजार पद मंजूर किए थे। माना जा रहा है कि इन पदों पर भर्ती होने से बिजली कंपनियों की स्थिति में अधिक सुधार हो जाएगा। इससे बिजली कंपनियों के काम प्रभावित नहीं होंगी। दरअसल कंपनियों को ज्यादातर काम आउटसोर्स से कराने पड़ रहे हैं। इससे भी बिजली कंपनियों के काम प्रभावित हो रहे हैं। अभी प्रदेश उद्योगों और किसानों सहित सभी अभी बिजली प्रदेशवासियों की बिजली की मांग के साथ देश की बिजली की जरूरत को भी पूरा कर रहे हैं। देश की राजधानी दिल्ली की मेट्रो ट्रेन मध्य प्रदेश की बिजली से चल रही है। अब इस तरह की योजना बनाई जा रही है कि वर्ष 2047 तक बिजली की कोई कमी नहीं होगी, प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र में सरप्लस रहेगा। प्रदेश में विद्युत उत्पादन के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है। देश में क्लीन एनर्जी के लिए गतिविधियों का विस्तार हो रहा है।
13 साल में 22295 किमी बढ़ी 33 केवी लाइन
प्रदेश में बिजली की डिमांड लगातार बढ़ रही है। इसके चलते इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी इजाफा किया जा रहा है। पिछले 13 साल में प्रदेश में 33 केवी लाइन का विस्तार 22 हजार किमी से ज्यादा हो चुका है। वर्तमान में 33 केवी लाइंस 61 हजार 162 किलोमीटर हो गई है। साल 2011 में 33 केवी लाइन की लंबाई 38 हजार 867 किमी थी। प्रदेश में सिंचाई के लिए किसानों को बिजली उपलब्ध कराने ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे हैं। इसके तहत 1 लाख 30 हजार ट्रांसफॉर्मर लगाए जा चुके हैं।

Related Articles