
- पहले चरण में 25 फीसदी रेस्ट हाउस में मिलेगी ठहरने की सुविधा
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में मौजूद पीडब्ल्यूडी के सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस में रुकने का आम आदमी का सपना होता है, लेकिन बहुत ही कम आम आदमी ऐसे होते हैं जिनका यह सपना पूरा हो पता है, लेकिन अब ऐसा होना संभव हो जाएगा।
इसकी वजह है विभाग अब रेस्ट हाउस को आम आदमी के लिए भी खोलने जा रहा है। इसकी शुरुआत विभाग पर्यटन स्थलों वाली जगहों से करने जा रहा है। खास बात यह है कि इनकी पहले से बुकिंग की जा सकेगी। यह बुकिंग कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन कर सकेगा। फिलहाल प्रदेश में अभी तक सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस में केवल मंत्री, विधायक, अफसरों के अलावा वीआईपी को ही ठहरने की सुविधा मिली हुई है। खास बात यह है कि इसके साथ ही इनके व्यावसायिक उपयोग की भी योजना तैयार की जा रही है। विभाग के इस कदम से जहां उसकी आय में वृद्धि हो सकेगी, वहीं आम आदमी को भी ठहरने के लिए पेरशान नहीं होना पड़ेगा। इनसे होने वाली आय से विभाग अपने सर्किट हाउस का रखरखाव और अच्छे से कर सकेगा। फिलहाल विभाग ने पहले चरण में करीब 110 सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस की सूची तैयार की है, जहां पर इस तरह की सुविधा दी जाएगी। दरअसल मुख्यमंत्री ने हाल ही में पीडब्ल्यूडी विभाग की समीक्षा के समय विभाग के सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस की व्यवस्थाओं को सुधारने, इनका व्यावसायिक उपयोग करने तथा निजी हाथों में देने पर विचार करने के निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि प्रदेश में पीडब्ल्यूडी के प्रदेश में 411 सर्किट हाउस और गेस्ट हाउस हैं। इनमें से कई पर्यटन स्थलों में भी हैं। इनमें से कई तो इतने अच्छे हैं कि उन्हें होटल की टक्कर का माना जाता है, लेकिन बजट के अभाव में अब इनका देखरेख और मेंटेनेंस में अत्याधिक दिक्कत होती है। यही नहीं विभाग के पास इनकी देखरेख के लिए पर्याप्त स्टॉफ नहीं होने की वजह से उनका जिम्मा गैंगमैन या फिर अन्य कर्मचारियों के भरोसे रहता है। यही वजह है कि अब विभाग तय राशि देकर आम आदमी को रुकने की सुविधा देने जा रही है।
इस तरह की व्यवस्था जुटाई जाएंगी
विश्राम गृहों को व्यवसायिक उपयोग में लाने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा आधुनिक किचन को निर्माण कराया जाएगा। इसमें जरूरी सभी सुविधाओं को जुटाया जाएगा। इसी तरह से कमरों का भी नए सिरे से स्वरूप बदलकर उन्हें आधुनिक लग्जरी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इनको राजस्थान की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। राजस्थान में इस तरह का प्रयोग सफल रहा है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी वित्त विभाग की सहमति के लिए कार्ययोजना तैयार कर रहा है। यह बात अलग है कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों, मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के लिए बुकिंग के अधिकार पूर्व की ही तरह कलेक्टर के पास ही रहेंगे। कलेक्टर के निर्देश पर ही एसडीएम इनकी बुकिंग कर सकेंगे।
25 गेस्ट हाउस पर्यटन को देंगे
प्रदेश के धार्मिक और पर्यटन स्थलों पर संचालित पीडब्ल्यूडी के 25 सर्किट हाउस विभाग द्वारा पर्यटन निगम को हस्तांतरित करने की भी योजना तैयार की गई है। इसी तरह से विभाग द्वारा संचालित सर्किट हाउस और रेस्ट हाउस में आउटसोर्स के जरिए कर्मचारियों की व्यवस्था की जाएगी। वर्तमान में दो दर्जन जिलों में अच्छे गेस्ट हाउस, हैं। इनमें इंदौर की रेसीडेंसी कोठी, खजुराहो, रीवा, सतना, छतरपुर, जबलपुर, सागर, मंडला, उज्जैन, करैरा, मोली, शिवपुरी, उमरिया, शहडोल, ओंकारेश्वर आदि स्थानों पर फेमस सर्किट और गेस्ट हाउस हैं। छतरपुर के सर्किट हाउस का एक कमरा विजयाराजे सिंधिया के लिए बनाया गया था। इसी तरह मंडला का सर्किट हाउस पुराने किले की तरह है।