
विधानसभा में मंत्री ने किया स्वीकार
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। ग्रामीण व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाने की जिम्मेदारी जिन अफसरों यानी जनपद सीईओ पर होती है वे भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। यानी भ्रष्टों के हाथ में जनपद पंचायतों की कमान है। इस बात को विधानसभा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने स्वीकार करते हुए जानकारी दी है कि प्रदेश के आधे से ज्यादा जनपद पंचायत सीईओ भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे हैं। इनके खिलाफ लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में प्रकरण लंबित हैं। इनमें करीब 150 से अधिक प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारी शामिल हैं।
दरअसल, विधायक प्रदीप पटेल के सवाल के लिखित जवाब में सदन को यह जानकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने स्वयं दी। लोकायुक्त एवं ईओडब्ल्यू में भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे जनपद पंचायत सीईओ में उज्जैन के तत्कालीन सीईओ अशोक कुमार उईके पर अपराध क्रमांक 47/2019 दर्ज है, इसमें अभी अभियोजना की स्वीकृति नहीं मिली है। इसी प्रकार जनपद पंचायत बेगमगंज के केबी मालवीय, गैरतगंज के नवल मीणा, सांची के सुरेश आर्य, सिलवानी के मानवेंद्र शाह, औबेदुल्लागंज के विनोद सिंह यादव, बाड़ी के अनूप कुमार बाजपेयी तथा उदयपुरा के अशोक कुमार उईके के विरुद्ध की गई शिकायत में जांच प्रतिवेदन नहीं दिया गया है। मुरार के सीईओ ब्रम्हेंद्र गुप्ता, गोहद के श्याम मोहन श्रीवास्तव, रीवा के संयुक्त आयुक्त राकेश शुक्ला के विरुद्ध जांच लंबित है, वहीं अतिरिक्त संचालक कमलेख कुमार शुक्ला के खिलाफ अपराध क्रमांक 516/2015 में प्रकरण पंजीबद्ध है। रिटायर्ड राजेश शुक्ला के खिलाफ डीई प्रारंभ की गई है। तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ टीकमगढ़ सुदेश मालवीय के विरुद्ध भी आरोप पत्र जारी कर डीई शुरू की गई। डीई की कार्यवाही 2019 से लंबित है। जनपद पंचायत सीईओ रानू जैन तथा जयशंकर तिवारी के विरुद्ध 2019 से जांच चल रही है। इसी तरह जनपद सीईओ पंकज दरोठिया, राकुश शर्मा, गिर्राज शर्मा, प्रभावती तेकाम, केदार प्रसाद डहेरिया, शिवकुमार श्रीवास्तव, अर्पित गुप्ता के विरुद्ध रिश्वत लेने का प्रकरण दर्ज है। अभियोजन के संबंध में अभी विभाग ने स्वीकृति नहीं दी है। अरविंद शर्मा, संतोष कुमार पटेल के भी मामले लंबित हैं, जबकि टीआर काजले के विरुद्ध पुलिस थाना परसवाड़ा में अपराध क्रमांक 94/2014 में मामला दर्ज है। वीरेंद्र साहू, विजयलक्ष्मी मरावी, डीएन पटेल, उदयराज सिंह, रविंद्र बाबू गुप्ता, चेता बिसेन के विरुद्ध 2018 में मामला दर्ज किया गया। इसके खिलाफ शासन ने अभियोजन की मंजूरी दे दी है। तत्कालीन जनपद सीईओ एवं वर्तमान में संयुक्त आयुक्त के रूप में पदस्थ केबी मालवीय के विरुद्ध विभागीय जांच प्रारंभ करने के संबंध में प्रस्ताव 2017 से लंबित है। उपायुक्त विकास सुधीर खांडेकर के विरुद्ध संयुक्त आरोप पत्र जारी किया गया। मामला जांच में लंबित है। इसके अलावा उपायुक्त वृंदावन मीणा, रघुनाथ खरौले आदि के खिलाफ भी डीई चल रही है। यह चुनिंदा मामले ही दिए गए है, पूरी सूची छापना संभव नहीं है।