
- 7 जिलों में पीपीपी मोड पर 400 करोड़ से बनेंगे भवन
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राजधानी भोपाल समेत सात जिलों को नए कलेक्टोरेट का इंतजार है। सरकार ने इन जिलों में सर्वसुविधायुक्त कलेक्टर भवन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। सातों जिलों में 400 करोड़ की लागत से नए कलेक्ट्रेट भवन बनाए जाएंगे। यह भवन पीपीपी मोड पर तीन वर्ष के अंदर बनकर तैयार हो जाएंगे। इस लागत राशि के बदले में सरकार निर्माण एजेंसी को जमीन उपलब्ध कराएगी। निर्माण एजेंसी इस भूखंडों पर प्लाट काटकर अथवा मल्टी स्टोरी बनाकर बेच सकेगी। इनमें वे तीन जिले भी शामिल हैं, जो नए बने हैं। इसके साथ ही कलेक्टर कार्यालय के पास ही अधिकारियों के आवास भी बनाए जाएंगे। सभी कलेक्ट्रेट कार्यालय भवन का साइज 10 हजार स्क्वायर मीटर होगा। नए कलेक्ट्रेट भवन भोपाल, शिवपुरी, सिवनी, सीधी सहित नए बनाए गए जिले मऊगंज, मैहर और पांढुर्णा में बनाए जाना है। ये वे जिले हैं, जहां पर एक साल से अधिक समय से कलेक्ट्रेट भवन बनाने के लिए प्रक्रिया चल रही है। कुछ जिलों में प्रस्ताव बनकर तैयार हो गया है तो कुछ में प्रक्रिया इससे आगे बढ़ गई है ,लेकिन कहीं भी जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ है। अपर आयुक्त-2 मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल शैलेन्द्र वर्मा का कहना है कि सात नए कलेक्टर कार्यालय परिसर बनाने का प्रस्ताव है। कलेक्टर भवन में ही जिलों में स्थित सभी जिला कार्यालय होंगे। सभी भवन पीपीपी मोड पर बनाए जाने का प्रस्ताव है। कुछ जिलों में प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही टेंडर होंगे, फिर काम की शुरुआत की जाएगी।
रिडेंसीफिकेशन में बनेंगे चार जिलों के कलेक्ट्रेट भवन
भोपाल सहित चार जिलों में कलेक्ट्रेट भवन रिडेंसीफिकेशन में बनाया जाएगा। इसमें सिवनी, शिवपुरी और सीधी जिले में काम भी शुरू कर दिया गया है, जबकि भोपाल में इस प्रस्ताव में काम चल रहा है। भोपाल में कलेक्ट्रेट कार्यालय को एक जगह से दूसरी (प्रोफेसर कॉलोनी) जगह शिफ्ट किया जाएगा। इन कार्यालयों का पूरा परिसर करीब 6 एकड़ का होगा। यहां सरकार को पहले बंगलों को खाली कराना होगा। जबकि सीधी, सिवनी और शिवपुरी में उसी जगह पर कलेक्ट्रेट भवन उसी जगह पर बनाया जा रहा है जहां पहले से है। सीधी में पुराने कलेक्टर कार्यालय के बगल में ही नया कलेक्ट्रेट कार्यालय भवन बनेगा।
मल्टी स्टोरी बनाए जाएंगे स्टाफ क्वार्टर
कलेक्टर कार्यालय के पास कर्मचारियों के लिए कॉलोनी भी बनाई जाएगी। सभी आवास कम से कम दो-तीन मंजिला होंगे, जिससे कम लागत और कम जगह में ज्यादा से ज्यादा आवास बनाए जा सकेें। भोपाल को छोडक़र अन्य जिलों में कार्यालय के पास ही कलेक्टर का भी बंगला बनाया जाएगा। दरअसल 4 जिलों में बने कलेक्ट्रेट भवन पुराने हो गए हैं और यहां पर जगह भी कम पड़ती है। इसके अलावा नए तीन जिलों में इन भवनों को बनाना ही था। लोगों की सुविधाओं के लिए भी इन्हें विकसित किया जा रहा है। भोपाल की बात करें तो अभी नर्मदापुरम रोड, अवधपुरी, साकेत नगर, अयोध्या बायपास, कोलार रोड, बावडिय़ाकलां, अरेरा कॉलोनी, सहित कई क्षेत्रों के लोगों को पुराना आरटीओ और कलेक्ट्रेट जाना पड़ता है।
तीन नए जिलों में ये होगी कार्ययोजना
मऊगंज में 5 से 7 हेक्टेयर शासकीय भूखंड को चिन्हित कर लिया गया है। इस पूरे प्रोजेक्ट में करीब 50 करोड़ रुपए से अधिक राशि लगेगी। वहीं मैहर में कलेक्ट्रेट बनाने के लिए शहर से 7 किलोमीटर दूर जमीन मिल रही है, जिससे इस प्रस्ताव को तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने रिजेक्ट कर दिया था। उनका तर्क था कि शहर से दूर कलेक्टर कार्यालय भवन बनाए जाने से लोगों को आने जाने में दिक्कत होगी। यहां पर नई जमीन की तलाश जारी है। वहीं पांढुर्ना में अभी भूखंड चिन्हित नहीं हो पाया है। अधिकारियों का मानना यह है कि वहां भूमि चिन्हित करने के साथ ही उसका आवंटन भी किया जा सकेगा।