- सरकारी योजनाओं के लिए हुआ भटकना बंद…
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। वैसे तो प्रदेश में जब भी सरकारी स्तर पर कोई बड़ा आयोजन किया जाता है तो उसमें नेता ही चर्चा में रहते हैं , लेकिन अगर ऐसे ही किसी आयोजन में अफसर भी चर्चा में आएं , ऐसे मौके कम ही देखने को मिलते हैं। सरकार द्वारा प्रदेश में निकाली जा रही विकास यात्रा में इन दिनों एक युवा आईएएस अफसर संदीप जीआर की चर्चा खूब हो रही है। वे इन दिनों छतरपुर जिले में बतौर कलेक्टर पदस्थ हैं। उनके द्वारा नवाचार करते हुए अपने स्तर पर जिला प्रशासन की मदद से श्रद्धांजलि योजना शुरु की गई है। इसकी वजह से ही वे चर्चा में बने हुए हैं। इस योजना की वजह से वे गरीब विशेषतौर पर लाभान्वित हो रहे हैं जिनके घर में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है। इस योजना में ऐसे परिवारों को बिना आवेदन किए ही शासकीय योजनाओं का लाभ तत्काल पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। इसके अंतर्गत मृतक के परिजन सरकार की जिन योजनाओं के दायरे में आतेे हैं, उसका लाभ तत्काल दिलाया जाता है। इस नवाचार के तहत एक दिन में मृत्यु प्रमाण पत्र के अलावा संबल कार्ड, कर्मकार मंडल योजना में अंत्येष्टि और अनुग्रह सहायता, राष्ट्रीय परिवार सहायता, राष्ट्रीय विधवा पेंशन, कल्याणी पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लाभ बगैर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे ििदया जाता है।
स्वच्छ व सुंदर शहर बनाने की भी मुहिम
कलेक्टर संदीप जी आर के द्वारा नवाचार के तहत शहर को अतिक्रमण मुक्त स्वच्छ और सुंदर बनाने के प्रयास किए जा रहे है। आवागमन को बेहतर बनाने एवं आमजन सुरक्षित चल सके जिसको लेकर शहर के छत्रसाल चौराहे से अदालत रोड बिजावर नाके को अतिक्रमण मुक्त बनाया गया। कलेक्टर की मानें तो यह तभी संभव होता है जब शहर के रहवासी शहर को सुंदर स्वच्छ बनाने में सहयोग करते हैं।
मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं प्रशंसा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छतरपुर के कलेक्टर संदीप जीआर द्वारा शुरू किए गए नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा जा चुका है कि इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि विकास यात्राओं में अनेकों नवाचार हो रहे है। यह जनसेवा का महायज्ञ बन गई है। छतरपुर जिले में शुरु की गई श्रंद्धाजलि योजना शुरू कर जन कल्याण का नवाचार शुरू किया गया है। इसमें यदि किसी परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होती है तो परिवार के बिना आवेदन किए शासकीय योजनाओं के लाभ तत्काल उनके घर पर व्हाट्सएप और ई मेल से देने की जिम्मेदारी प्रशासन ने अपने हाथों में ली है।