देशभर के बड़े शहरों में गूंजेगा शास्त्रीय संगीत

शास्त्रीय संगीत
  • तानसेन शताब्दी समारोह

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन का यह साल शताब्दी वर्ष है, जिसे यादगार बनाने के लिए प्रदेश का संस्कृति महकमा देशभर के बड़े शहरोंं में तानसेन समारोह मनाने की तैयारी में लगा हुआ है। मुख्य कार्यक्रम हर साल की तरह ग्वालियर में 14 से 18 दिसंबर के बीच आयोजित किया जाएगा। ऐसा पहली बार होगा जब यह मध्य प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों के मुख्य शहरों में भी इसके लिए संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस आयोजन में केन्द्र सरकार भी सहभागिता के लिए अपनी सहमति जता चुकी है। ग्वालियर में शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह का यह 100वां वर्ष है। मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग के लिए उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत कला अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा यह समारोह आयोजित किया जाता है। संस्कृति विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन शहरों में संबंधित सरकारों से बातचीत की जा रही है, वहां की सरकारों के सहयोग से इस बार तानसेन समारोह में कई तरह के पूर्वरंग कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसमें गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैं। इन राज्यों के मुख्य शहरों का शेड्यूल जल्द ही संस्कृति विभाग द्वारा जारी कर दिया जाएगा। इसके अलावा विदेशी कलाकार भी इस बार समारोह में कई तरह की प्रस्तुतियां देंगे। अभी तक की जानकारी के अनुसार 20 से अधिक देशों के कलाकारों से कार्यक्रम प्रस्तुति देने के लिए सम्पर्क किया जा चुका है।
बेहट में जन्में थे तानसेन
ग्वालियर से लगभग 45 किलोमीटर दूर बेहट ग्राम है, जो तानसेन की जन्मस्थली मानी जाती है। संगीत-सम्राट तानसेन की स्मृति में इस स्थान पर भी एक छोटे से कार्यक्रम का आयोजन समारोह के अनुक्रम में किया जाता है। समारोह में भाग लेने वाले कलाकारों में इच्छुक कलाकार स्थानीय संगीत विद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ वहां जाकर संगीत सम्राट के जन्म-स्थान पर अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं और ग्रामीण जनता को संगीत कला से परिचित कराते हैं। इस आयोजन को सफल बनाने में बेहट ग्राम के निवासियों तथा ग्राम एवं जनपद पंचायत का भी सहयोग मिलता है।
गायन के दौरान होने लगती थी बारिश
तानसेन मुगल सम्राट अकबर के दरबार के प्रसिद्ध संगीतकार थे। वे हिंदुस्तानी संगीत के जाने-माने गायक थे। वह दरबार के नवरत्नों में से एक थे। उनके गुरु सूफी संत मोहम्मद गौस थे। पुरानी कथाओं के अनुसार जब तानसेन राग मल्हार गाते थे, तो बरसात होने लगती थी। तानसेन की याद में हर साल नवंबर और दिसंबर में तानसेन संगीत समारोह मनाया जाता है, जिसमें भारत के महान गायक संगीतकार शामिल होते हैं। तानसेन का असली नाम राम तनु पांडेय था। वह हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महान ज्ञाता थे।

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