कर्ज को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में भिड़ंत

  • विपक्ष का आरोप हर रोज देना पड़ रहा 79 करोड़ ब्याज, सरकार बोली हमसे अधिक कर्ज उप्र पर

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
विधानसभा में सत्तापक्ष और विपक्ष ने सोमवार को बजट पर चर्चा के दौरान एक-दूसरे की खामियां गिनाई हैं कांग्रेस के बाला बच्चन ने कहा कि 31 मार्च 2026 को जब मौजूदा वित्तीय वर्ष खत्म होगा, तब तक राज्य सरकार को 28,636 करोड़ रुपए मौजूदा कर्ज के सिर्फ ब्याज भुगतान के लिए चुकाने पड़ेंगे। यानी हर दिन 79 करोड़ रुपए कर्ज अदायगी में जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में क्या वाकई सरकार जनता से किए लुभावने वादे पूरे कर पाएगी? प्रदेश का बजट 4.21 लाख करोड़ रुपए है, लेकिन इससे ज्यादा 4.62 लाख करोड़ का कर्ज हो गया है। यह जीएसडीपी का 29.99 प्रतिशत है। विधायक शैलेंद्र जैन और गौरव पारधी ने बच्चन को टोकते हुए कहा कि 2002-03 में कांग्रेस सरकार में कर्ज जीएसडीपी का 43 प्रतिशत था। इससे पहले पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने विस्तार से बजट की उपलब्धियां बताईं। बच्चन ने कहा कि जीएसटी की आय 40 हजार करोड़ होनी थी, लेकिन सिर्फ 37.5 हजार करोड़ हुई है। भू-राजस्व 1.79 हजार करोड़ होना था, लेकिन सिर्फ 810 करोड़ आय रह गई है। मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक सरकार को 10,379 करोड़ रुपए की कर वसूली करनी थी, जो सरकार नहीं कर पाई। डबल इंजन की सरकार का दंभ भरने के बावजूद केंद्र सरकार ने पिछली बार से 2 हजार करोड़ रुपए राज्य को कम दिए हैं। पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने सरकार के बचाव में कहा कि विश्व स्तर पर कोई ऐसा देश नहीं है, जिस पर कर्ज न हो और जो अभी कर्ज नहीं ले रहा हो। तमिलनाडु पर 8.33 लाख करोड़ का कर्ज है, यूपी पर 7.7 लाख करोड़, महाराष्ट्र पर 7.2 लाख करोड़ और पश्चिम बंगाल पर 6.6 लाख करोड़ का कर्ज है। हमारा कर्ज तो उन राज्यों से छोटा है। विधायक अभय शुक्ला ने रीवा- सतना में चल रहे रिडेंसीफिकेशन के लिए सरकारी जमीन बिल्डरों को आवंटित करने में 3 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब दिया कि मुंबई की विस्टा सेल्स ने अनुबंध करने से इनकार कर दिया। धरोहर राशि जब्त कर ली है

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