दावेदारों ने भोपाल से लेकर… दिल्ली तक शुरू की लॉबिंग

  • उपचुनाव के लिए दांव-पेंच
  • गौरव चौहान
दावेदारों

लोकसभा चुनाव संपन्न होते ही अब विधानसभा उपचुनाव का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग ने अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख तय कर दी है। इस सीट पर 10 जुलाई को मतदान और 13 जुलाई को मतगणना होगी। इसके साथ ही प्रदेश में एक राज्यसभा और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की संभावना है। ऐसे में इन सीटों पर उपचुनाव को देखते हुए दावेदारों ने सक्रियता बढ़ा दी है। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि अभी सीटें भले ही खाली नहीं हुई हैं, लेकिन दावेदारों ने भोपाल से लेकर दिल्ली तब लॉबिंग शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि भाजपा से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा चुनाव जीत कर संसद पहुंच गए हैं। अब उनकी जगह राज्यसभा की सीट खाली होगी। उनकी जगह पार्टी किसी अन्य नेता को राज्यसभा भेजेगी। सिंधिया द्वारा साल 2020 में कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा ने उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया था। 22 जून 2020 को सिंधिया राज्यसभा के लिए चुने गए थे उनका राज्यसभा का कार्यकाल 21 जून 2026 तक था। लेकिन हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में उनके गुना लोकसभा सीट से चुने जाने के बाद अब वह राज्यसभा से इस्तीफा देंगे। ऐसे में मध्यप्रदेश से एक राज्यसभा सीट रिक्त होगी। वहीं, बुधनी से विधायक शिवराज सिंह चौहान विदिशा से सांसद चुने गए हैं और केंद्र में मंत्री बन चुके हैं। वे अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे। ऐसे में बुधनी विधानसभा सीट खाली होगी। नियमानुसार किसी दूसरे सदन के लिए चुने जाने पर 14 दिन के भीतर इस्तीफा देना होता है। इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव होंगे। सिंधिया की जगह पार्टी जिस नेता को राज्यसभा में भेजेगी वह दो साल तक ही सांसद रह पाएगा। राज्यसभा चुनाव के लिए प्रदेश संगठन के कुछ नेताओं ने अपनी दावेदारी पेश की है। इस संबंध में वे संगठन के शीर्ष नेताओं को अपना बायोडाटा भी भेज चुके हैं। इसके अलावा दो कांग्रेस विधायक विजयपुर से रामनिवास रावत और बीना से विधायक निर्मला सप्रे ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली है। हालांकि, अभी दोनों ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है।  
बुधनी में आधा दर्जन दावेदार
शिवराज सिंह चौहान के विदिशा लोकसभा सीट से चुनें जाने के बाद अब वह बुधनी विधानसभा सीट से इस्तीफा देंगे। वह विगत वर्ष नवंबर माह में हुए विधानसभा चुनाव में बुधनी सीट से विजयी हुए थे। शिवराज सिंह चौहान के दिल्ली जाने के बाद बुधनी से उम्मीदवार कौन चुनाव लड़ेगा इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है। हालांकि, इसका फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृत्व करेगा। अभी बुधनी से दोनों नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है। पहला नाम पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे कार्तिकेय चौहान का है। वह बुधनी सीट पर काफी सक्रिय हैं। वहीं, दूसरे दावेदार विदिशा से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव हैं। भार्गव को शिवराज का करीबी माना जाता है। उनका लोकसभा टिकट काट कर ही शिवराज को प्रत्याशी बनाया गया था। ऐसे में अब संभावना है कि बुधनी विधानसभा सीट से रमाकांत भार्गव को चुनाव लड़ाया जा सकता है। वे शिवराज की भी पसंद माने जाते हैं। रमाकांत के अलावा गुरुप्रसाद शर्मा, सलकनपुर मंदिर ट्रस्ट के महेश उपाध्याय, रवीश चौहान के नाम भी दावेदारों में शामिल हैं। तय है कि टिकट उसे ही मिलेगा जिसके नाम पर शिवराज सहमत होंगे। हालांकि शिवराज कह चुके हैं कि बुधनी पर पार्टी को फैसला लेना है।
विजयपुर और सागर सीट पर भी चुनाव जल्द
कांग्रेस के दो विधायकों द्वारा भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद अब उनका अपने पद से इस्तीफा तय माना जा रहा है। इसमें विजयपुर से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत एवं सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से विधायक निर्मला सप्रे प्रमुख हैं। इन दोनों विधायकों ने अभी तक कांग्रेस और विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया है। जबकि छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने कमलेश शाह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके चलते यह सीट रिक्त घोषित की गई थी। अब वहां 10 जुलाई को मतदान होना है। माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान द्वारा विधायकी से इस्तीफा देने के साथ ही रामनिवास रावत के विजयपुर और निर्मला सप्रे द्वारा बीना विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया जा सकता है और इन तीनों सीट पर एक साथ उपचुनाव हो सकता है।
संगठन चुनाव की प्रक्रिया भी जल्द
केन्द्रीय मंत्रिमंडल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को शामिल किए जाने के बाद यह तय हो गया है कि भाजपा संगठन में 1 चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। नड्डा का कार्यकाल एक साल पहले पूरा हो गया था। उस समय चुनाव प्रक्रिया शुरू करने पर विचार हुआ था पर लोकसभा चुनावों को देखते हुए इन्हें एक साल के लिए टाल दिया गया। नड्डा के मंत्री बनने के बाद उनका इस्तीफा तय है। भाजपा सूत्रों की मानें तो इसी हफ्ते होने वाली संगठन नेताओं की बैठक में चुनाव प्रक्रिया शुरू करने पर विचार होगा और इसके लिए संगठन अपने केन्द्रीय चुनाव अधिकारी की नियुक्ति करेगा। चुनाव सबसे पहले बूथ, फिर मंडल, जिला के बाद प्रदेश और उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्वाचन होगा। हालांकि इससे पहले संगठन कुछ समय के लिए किसी अन्य नेता को भी मनोनीत कर सकता है।
अमरवाड़ा से भाजपा के प्रत्याशी शाह
अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर चुनाव की अधिसूचना 14 जून को जारी की जाएगी। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 21 जून और नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तारीख 26 जून है। भाजपा अमरवाड़ा सीट से कमलेश शाह को प्रत्याशी बना सकती है। छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट भाजपा ने 1972 से अब तक सिर्फ दो बार 1990 और 2008 में जीती थी। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर गोंडवाड़ा गणतंत्र पार्टी ने 2003 में एक बार जीत दर्ज की थी। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से चुनाव लड़े कमलेश शाह ने भाजपा की मोनिका शाह बट्टी 25 हजार से ज्यादा मतों से चुनाव हराया। बता दें हाल में लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट पर भाजपा के बंटी साहू ने कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ को एक लाख से ज्यादा मतों से चुनाव हराया है।

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