
भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि शहर का वर्टिकल विकास होना चाहिए। यही वजह है कि प्रदेश में शहरों के विस्तार को लेकर पूर्व की कमलनाथ सरकार सरकार द्वारा बनाई गई योजना को बदल दिया है। सीएम चौहान की मंशानुसार अब सैटेलाइट टाउनशिप की बजाए शहर के अंदर ही बहुमंजिला इमारतें बनाए जाने की योजना तैयार की जा रही है। अफसरों ने राजधानी भोपाल सहित इंदौर और अन्य शहरों के मास्टर प्लान में बदलाव की कवायद भी शुरू की गई है। यही वजह है कि अब भोपाल मास्टर प्लान ड्राफ्ट 2031 में और देरी की संभावना बन गई है। दरअसल पिछली कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ का पूरा जोर शहर के होरिजेंटल विस्तार और विकास पर था। यही नहीं उन्होंने मेट्रो ट्रेन के भूमि पूजन कार्यक्रम में कहा भी था कि शहर के किनारों पर नई बसाहट और नई सैटेलाइट टाउनशिप विकसित होंगीं। इसके बाद ही मास्टर प्लान में अलग-अलग जगह पर टाउनशिप प्रस्तावित की गई। वही अब भाजपा की सरकार ने इस योजना को बदल दिया है। अब शहर के वर्टिकल विकास की योजना बनाई गई है। इसके तहत ऊंचाई वाले विकास पर जोर दिया जाएगा। हाइराइज बिल्डिंगें बनाई जाएंगीं। यही वजह है कि अब इसके तहत सैटेलाइट टाउनशिप और शहर को विस्तार देने वाले प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी गई है।
भोपाल मास्टर प्लान ड्राफ्ट 2031 में हो सकती है और देरी
भोपाल मास्टर प्लान ड्राफ्ट 2031 फिलहाल शासन के पास ही है। यहीं पर इसमें बदलाव की कबायद शुरू की जा रही है। जो बदलाव होंगे उनमें विदिशा, रोड, सीहोर और नरसिंहगढ़ रोड, बैरसिया रोड व रायसेन रोड पर आगे गांव तक भोपाल को विस्तार देने वाले प्रावधान खत्म किए जाएंगे। अयोध्या नगर के आगे अयोध्या बाईपास के पास व्यावसायिक उपयोग के प्रस्ताव को खत्म किया जा रहा है। अब वहां पहले की तरह कृषि या अन्य उपयोग तय किए जाएंगे। बहरहाल इस प्रक्रिया में समय लगेगा। यही वजह है कि और आगामी प्रोजेक्ट में देरी होगी। यानी जो प्रोजेक्ट अगले एक या दो महीने में सामने आने थे वह नवंबर-दिसंबर तक या फिर अगले वर्ष जनवरी-फरवरी में ही सामने आएंगे। ऐसे में भोपाल मास्टर प्लान 2031 में भी और देरी हो सकती है।
शहर सीमा में विस्तार वाली योजनाओं पर लगाई जा रही रोक
उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को शहर के वर्टिकल डेवलपमेंट को लेकर निर्देश दिए हैं। इसके तहत अब शहर में सैटेलाइट टाउनशिप के साथ शहर सीमा में बढ़ोतरी करने और विस्तार वाली योजनाओं पर रोक लगाई जा रही है। इस दिशा में अफसरों में काम करना भी शुरू कर दिया है।
यहां पड़ेगा असर: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुसार किए जा रहे शहर के वर्टीकल विकास से मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट पर तो असर होगा ही साथ ही संबंधित क्षेत्रों में भी एफएआर बढ़ेगा, बहुमंजिला इमारतों की संख्या में इजाफा होगा। भोपाल मास्टर प्लान में तय एफएआर खरीद-फरोख्त का प्रावधान रद्द होगा। वहीं शहर किनारे व्यवसायिक उपयोग को भी खत्म किया जाएगा। खास बात है कि शहर के किनारे प्रस्तावित छह सेटेलाइट टाउनशिप रद्द होंगीं। इन्हें अब नए सिरे से तय किया जाएगा। मिक्स लैंडयूज को बढ़ावा मिलेगा। मास्टर प्लान में यह तय है और जहां नहीं है वहां इसे रखा जाएगा। इसके साथ ही नगर निगम सीमा विस्तार पर रोक लग सकती है।
शहर वासियों को किस योजना से लाभ होगा। किसमें शहर का भला होगा और किस तरह से सुनियोजित विकास हो सकता है। इन्हीं प्रावधान और तथ्यों के आधार पर काम होगा। शासन की मंशा से काम बेहतर तरीके से किया जाएगा। शहर विकास की योजनाएं विशेषज्ञ ही तय करेंगे।
भूपेंद्र सिंह मंत्री शहरी आवास एवं विकास