
- वित्तीय प्रबंधन से चुकी सालों पुरानी देनदारियां
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि जिन देनदारियों का चुकारा प्रदेश सरकार बीते आठ सालों से नहीं कर पा रही है थी, उन्हें अब चुका दिया गया है। इसका श्रेय उनके द्वारा अपनी सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन को दिया गया है। उनका कहना है कि अब सरकार विकास के साथ औद्योगिक गतिविधियों और जन हितैषी कामों पर तेजी से बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में डबल इंजन की सरकार जनहितैषी संकल्पों के साथ आगे बढ़ रही है। सरकार ने इस वर्ष बजट में कोई नया कर नहीं लगाया है, इसके बाद भी बजट में 16 प्रतिशत की वृद्धि की गई। राज्य सरकार ने शासकीय कर्मचारियों के हित में लगभग 10-15 वर्ष तक पुराने भत्तों की राशि बढ़ाने का निर्णय लिया। इससे 1500 करोड़ रुपए का कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। एमएसएमई और हैवी इंडस्ट्रीज सहित सभी प्रकार की इकाइयों को गत एक वर्ष में लगभग 5 हजार 225 करोड़ रुपए की राशि देने का काम किया। मुख्यमंत्री ने अफसरों से दो टूक कहा कि प्रदेश का कोई भी स्कूल जर्जर हालत में न हो। समय रहते उसे ठीक करें। स्कूली बच्चों को अच्छा माहौल मिले, गर्मी में कूलर, पंखे और पीने के पानी का अच्छा इंतजाम हो। कन्या छात्रावासों में महिला कर्मियों व अधिकारियों की नियुक्ति हो। नई शिक्षा नीति-2020 का अक्षरश: पालन करें। बोर्ड के परीक्षा परिणाम समय पर घोषित करें। मुख्यमंत्री गुरुवार को स्कूल शिक्षा विकास के कामों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह भी मौजूद रहे। सीएम ने 100 आकांक्षी युवाओं को रोजगार से जोडऩे प्रशिक्षित करने और कक्षा 6 से व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने को कहा।
यह भी दी जानकारी
डॉ. यादव ने कहा कि कुशल वित्तीय प्रबंधन से सभी केंद्रीय कोयला कंपनियों की देनदारियों का भुगतान कर दिया है। प्रदेश में पावर जेनरेशन कंपनी के चारों ताप विद्युत गृहों में रेकॉर्ड 11.73 लाख मैट्रिक टन कोयले का भंडारण किया है। सरकार ने कोयला भंडारण का अग्रिम भुगतान भी कर दिया, ताकि बिजली की कमी न पड़े। हर जिले में पीपीपी मॉडल पर विकसित करें नर्सरियां
प्रदेश में अब उद्यानिकी तथा तथा प्र-संस्करण विभाग की नर्सरियों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुरुवार को यह निर्देश समीक्षा बैठक में दिए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों व शासकीय विभागों की खाली जमीनों पर उद्यान विकसित किए जाएं, रोजगारपरक गतिविधियों के लिए खाद्य प्रसंस्करण पर विशेषज्ञता आधारित सेल गठित हो, चंबल, मालवा और महाकौशल में क्षेत्र विशेष की आवश्यकतानुसार उद्यानिकी विकास की कार्य योजना बनाएं। बागवानी और नर्सरी लगाने को जन आंदोलन बनाना होगा, विधायक और पंचायत प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में आदर्श बागवानी विकसित करें।
उद्यानिकी इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीमच, मंदसौर में औषधीय कृषि के लिए उद्यानिकी इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होगा। आगामी 5 वर्ष में 33 लाख 91 हजार हेक्टेयर तक उद्यानिकी फसल का लक्ष्य है। रीवा के सुंदरजा आम और रतलाम के रियावन लहसुन को जीआई टैग प्राप्त हो चुका है। वहीं खरगोन की लाल मिर्च, जबलपुर के मटर, बुरहानपुर के केले, सिवनी के सीताफल, नरसिंहपुर के बैंगन, बैतूल के गजरिया आम, इंदौर के मालवी आलू, रतलाम की बालम ककड़ी, जबलपुर के सिंघाड़ा, धार की खुरासानी इमली और इंदौर के मालवी गराडू को जीआई टैग दिलाने की प्रकिया जारी है।