
- मैदानी अफसरों की तेजी से बढ़ रही हैं धड़कने
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अनिल कपूर की फिल्म नायक का किरदार इन दिनों जमकर पंसद आ रहा है। शायद यही वजह है कि वे भी उसी अंदाज में जनता के बीच पहुंच कर कार्रवाई करने में पीछे नही रह रहे हैं। इसकी बानगी बीते दो दिनों से सामने आ रही है। वे सुबह उठते हैं तो सीधे जनता से जुड़े मामलों की समीक्षा करते हैं और इसमें लापरवाह मिलने वाले छोटे से लेकर बड़े अफसरों तक पर तत्काल कार्रवाई करने में पीछे नही रहते हैं। दो दिन पहले जब उनके द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कामकाज की समीक्षा बैठक की गई तो लापरवाही के मामले की गाज प्रभारी प्रमुख अभियंता के सोनगरिया पर तबादले के रुप में गिरी। यही नहीं इसके अलावा विभाग के दो अन्य वरिष्ठ अभियंताओं पी के मैदमवार और आर एल एस मौर्य के भी तबादले कर दिए गए थे। इसके बाद बीते रोज मुख्यमंत्री के तेवर और तीखे दिखे। वे बगैर अफसरों को बताए जब हेलीकॉप्टर में सवार हुए तो सभी असमंजस में थे, अचानक उन्होंने कहा कि डिंडोरी चलना है। फिर क्या था डिंडोरी के शाहपुरा में उनका चॉपर उतरा। वहां पर वे सड़क मार्ग से बेलगांव मध्यम सिंचाई परियोजना (बिलगढ़ा) बांध जा पहुंचे। वहां ग्रामीणों और किसानों के बीच पहुंचकर उनकी शिकायतों को सुना और तत्काल तीन अफसरों ईई वीजी एस सांडिया, एसई एसके चौधरी, डब्ल्यूआरडी के एसडीओ बेलगांव एमके रोहतास को निलंबित करने के निर्देश दे दिए। यही नहीं उनके द्वारा घोषणा की गई की बिल गड़ा जलाशय की जांच के लिए भोपाल से एक विशेष टीम आएगी जो जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उस आधार पर आगे की कार्रवाई भी होगी। बरगांव के बाद मुख्यमंत्री बड़झर पिपरिया स्थित आश्रम शाला का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने बच्चों से शैक्षणिक व्यवस्था की जानकारी ली। आश्रम शाला में लापरवाही व अनुपस्थिति के कारण संबंधित आश्रम के अधीक्षक कमलेश गोलिया को निलंबित कर दिया। इसी प्रकार ग्राम पंचायत अमठेरा के पोषक ग्राम बड़झर पिपरिया में किसानों के द्वारा बीज वितरण संबंधी शिकायत पर डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर अश्वनी झारिया को निलंबित कर दिया गया। मुख्यमंत्री यहीं नही रुके बल्कि इसके बाद मैं बड़झर पिपरिया स्थित आश्रम शाला का निरीक्षण करने पहुंचा। वहां लापरवाही व अनुपस्थिति के कारण आश्रम के अधीक्षक को भी निलंबित कर दिया। इसी तरह ग्राम पंचायत अमठेरा के किसानों की शिकायत पर डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर को निलंबित कर दिया। डिंडोरी के बाद जिला अस्पताल मंडला की व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया। एंबुलेंस के संचालन में लापरवाही मिली , तो वहां भी सिविल सर्जन को सस्पेंड कर दिया गया । अचानक हुई इस तरह की बड़ी कार्रवाई से पूरे जिले में हड़कंप मच गया।
डिंडोरी जाने की वजह
डिंडोरी एक आदिवासी जिला है। जिले में 927 गांव हैं। इसमें से 899 में बैगा जनजाति रहती है। शिवराज इन दिनों आदिवासियों के लिए लागू किए नए कानून पेसा की जानकारी सबको देने की कोशिश में सभाएं कर रहे हैं। पिछले कुछ समय से भाजपा और शिवराज का फोकस साफ है। जनजातीय वर्ग के बीच जा रहे हैं। उनकी समस्या सुन रहे हैं।
काम का बदला तरीका
मुख्यमंत्री शिवराज ने पिछले दो महीने में अपने कामकाज का तरीका ही बदल दिया है। जिलों की समीक्षा सुबह-सुबह करते हैं। वे जहां जाते हैं, वहां आम लोगों से मिलते हैं। उनकी समस्याओं और शिकायतों को सुनकर तत्काल कार्रवाई करते हैं। बड़े अफसरों को निलंबित करने में भी देर नहीं लगा रहे।
जलाशय का नहीं थम रहा रिसाव
दरअसल, बिलगांव जलाशय की नहरों से पानी रिसाव के चलते बड़ी संख्या में किसानों की फसलें प्रभावित होती थीं। इसी को लेकर सीएम तक जानकारी पहुंचने के बाद उनके द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा मौके पर मौजूद जल संसाधन विभाग के इंजीनियर से जानकारी ली गई है। अधिकारियों को भी उनके द्वारा तलब किया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा निरीक्षण के दौरान जलाशय निर्माण कार्य सहित नहर निर्माण कार्य की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
कार्रवाई की यह रही वजहें
भोपाल से कायाकल्प अभियान में कितनी राशि और उपकरण मिले हैं, उसका क्या उपयोग किया गया। पैथोलॉजी टेस्ट प्रतिदिन कितने हो रहे हैं। डायलेसिस मशीन कैसे काम कर रही है, दवाओं की उपलब्धता क्या है और एंबुलेंस की व्यवस्था क्या है, इसका लाभ कैसे लोगों को मिलता है… कुछ इस प्रकार के प्रश्न मुख्यमंत्री ने शनिवार को मंडला जिला चिकित्सालय के औचक निरीक्षण के दौरान अस्पताल प्रबंधन से किए। उन्होंने चिकित्सालय में उपचाररत भर्ती मरीजों की व्यवस्था का जायजा लिया और पैथोलॉजी लैब का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. कृपाराम शाक्य को तत्काल निलंबित कर दिया। इस दौरान कलेक्टर हर्षिका सिंह भी मौजूद रहीं।