मुख्यमंत्री ने दिया मंत्रियों को होमवर्क

  • अपने क्षेत्र के विकास का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करें…
  • गौरव चौहान
मुख्यमंत्री

प्रदेश में एक समान विकास के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास का विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने को कहा था। इस संदर्भ में उन्होंने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में अनौपचारिक चर्चा के दौरान मंत्रियों से कहा कि अपने-अपने प्रभार के जिलों में भ्रमण करें और शेष रह गई विधानसभा से विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने संबंधी कार्यों को अगले 10 दिन में पूर्ण कर लें।  गौरतलब है कि मुख्यमंत्री का फोकस है कि प्रदेश में हर तरफ विकास हो। इसके लिए उन्होंने मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों को कई बार निर्देश दिया है कि वे गांवों में रात्रि विश्राम करें और लोगों की समस्याएं सुनकर उनका समाधान करवाएं। कैबिनेट की बैठक में अनौपचारिक चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने जहां विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली वहीं मंत्रियों के प्रभार के जिलों के बारे में भी जाना। इस अवसर पर मंत्रियों से कहा कि मप्र सरकार के विजन-2023 के संदर्भ में अपने-अपने प्रभार के जिलों में भ्रमण करें और शेष रह गई विधानसभा से विजन डॉक्यूमेंट तैयार करवाएं। उन्होंने कहा है कि सभी मंत्री क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ जन समस्याओं के निराकरण को लेकर जन-संवाद करें।  सीएम ने कहा कि जनकल्याण अभियान के मिल रहे परिणामों का आकलन करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। इसके लिए जनता के बीच जाएं, उनसे संवाद करें, उनकी समस्याएं जानें और निराकरण के लिए तुरन्त कदम उठाएं।  
10 दिन में पूर्ण करें विजन डॉक्युमेंट
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रियों से कहा कि अपने-अपने प्रभार के जिलों में भ्रमण करें और शेष रह गई विधानसभा से विजन डॉक्युमेंट तैयार करने संबंधी कार्यों को अगले 10 दिन में पूर्ण कर लें। उन्होंने कहा कि विधानसभा के विकास से संबंधित कार्यों को बजट में शामिल कराएं और इनके क्रियान्वयन के लिए भी समुचित कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में कहा कि वे सरकार की योजनाओं का फीडबैक लेने के लिए मंत्री दूरस्थ जनजातीय ग्रामों में रात्रि विश्राम करें। वहां ग्रामीणों से बात करें, उनकी कठिनाइयों का समाधान करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए विधायक यदि चाहें, तो कोई नवाचार भी कर सकते हैं। ऐसी नवाचारी गतिविधियों को अमल में लाएं, जिससे जनता को अधिकतम लाभ हो। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि वे सभी जरूरतमंदों को जाति प्रमाण-पत्र की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समुचित व्यवस्था करें।
जेएनयू के कुलपति को भी कहा जाएगा कुलगुरु
मुख्यमंत्री ने बताया कि मप्र सरकार के एक नवाचार को दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने भी अपना लिया है। मप्र की तरह जेएनयू दिल्ली में भी कुलपति अब कुलगुरु के नाम से जाने जाएंगे। जेएनयू ने मप्र से प्रेरणा लेकर यह कदम उठाया है।  हालांकि, मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जेएनयू ने इस बदलाव को औपचारिक रूप से लागू किया है या कोई आधिकारिक प्रशासनिक आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा था कि यह बदलाव भारतीय संस्कृति और गुरु परंपरा के अनुरूप है और कुलपति शब्द अपने अटपटे अर्थ के कारण महिला पदाधिकारियों के लिए समस्या पैदा करता है। इसलिए कुलगुरु शब्द उचित रहेगा।
हादसों में आई कमी
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) हटाने से बड़े ही सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि बीआरटीएस हटाने से हादसों में 51 प्रतिशत और हादसों की वजह से मृत्यु में 70 प्रतिशत तक की कमी आई है। यह मध्यप्रदेश सरकार के जनहित में लिए गए निर्णयों के सुचारू क्रियान्वयन का सुखद परिणाम है। बता  दें कि सरकार ने जनवरी 2024 में बीआरटीएस हटाने का निर्णय लिया था।
प्रदेशभर में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेश के सभी स्कूल और कॉलेजों में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा उत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में जिले के प्रभारी मंत्री भी प्रमुखता से शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भोपाल शहर में (कमला नेहरू स्कूल) सांदीपनि विद्यालय का लोकार्पण किया जाएगा। इन कार्यक्रमों के दौरान छात्रों को प्रार्थना सभा में गुरु पूर्णिमा के महत्व और भारतीय पारंपरिक गुरु-शिष्य संस्कृति के बारे में जानकारी दी जा रही है। विद्यार्थियों के लिए पुरानी गुरुकुल व्यवस्था और भारतीय संस्कृति पर उसके प्रभाव विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई हैं। गुरु पूर्णिमा के दूसरे दिन, मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन, शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा गुरुओं के महत्व पर व्याख्यान और गुरुजनों एवं शिक्षकों के सम्मान के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यह उत्सव भारतीय परंपराओं और शिक्षा के प्रति सम्मान की भावना को मजबूत करेगा।
मप्र से जुडऩा चाहते हैं लुधियाना के उद्योगपति
मुख्यमंत्री ने गत 7 जुलाई को पंजाब के लुधियाना मैं उद्योगपतियों के साथ हुए संवाद के अनुभव साझा करते हुए कहा कि मप्र में निवेश के अवसरों पर वहां बड़े उद्योगपतियों से चर्चा हुई। इन्टरैक्टिव सेशन में उद्योग जगत के 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने बड़ी आत्मीयता और सक्रियता से हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि लुधियाना सत्र में सरकार को 15,606 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इस निवेश के धरातल पर आने से प्रदेश में लगभग 20,275 से अधिक नए रोजगार सृजित होने की संभावना है। पंजाब के सभी उद्योगपति मप्र से जुडऩा चाहते हैं।
लाड़ली बहनों को 12 जुलाई को मिलेगी राशि
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि लाड़ली बहनों के खाते में 12 जुलाई को राशि अंतरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले माह आने वाले रक्षाबंधन के अवसर पर लाड़ली बहना योजना के तहत वर्तमान में दी जा रही मासिक आर्थिक सहायता राशि के अतिरिक्त 250 रूपए की विशेष सहायता राशि भी अंतरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की करीब 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में मत्स्य पालन के क्षेत्र में कार्यरत सभी व्यक्तियों के समग्र कल्याण एवं सम्मान के लिए निषादराज सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि निषादराज जयंती 10 जुलाई को है, परंतु प्रदेश में समन्वित रूप से 12 जुलाई को निषादराज सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इस सम्मेलन में मत्स्य पालन क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों की पारिश्रमिक दरों में वृद्धि, बोनस वितरण, उनके विश्राम के लिए जलाशयों के किनारे प्लेटफॉम्र्स की स्थापना के संबंध में प्रयास किए जाएं। भोपाल में करीब 5 करोड़ की लागत से आधुनिक केवट प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी।

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