
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। अब भी तक बुंदेलखंड अंचल के टीकमगढ़ जिले के ग्राम छिपरी की पहचान संत श्री रविशंकर महाराज यानी रावतपुरा सरकार की जन्मस्थली के रुप में ही थी, लेकिन अब इसे दूसरी पहचान प्रदेश के सबसे वाले शिवलिंग के रूप में मिलने जा रही है। इससे इस इलाके में न केवल धार्मिक बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलना तय है। दरअसल , गांव की मां शारदा पहाड़ी पर प्रदेश के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना की जा रही है। पहाड़ी पर 8 फीट नीचे खुदाई के बाद 11 फीट ऊंचा चबूतरा बनाया गया। चबूतरे के ऊपर 61 फीट ऊंची शिव प्रतिमा का निर्माण किया गया है। त्रिशूल की लंबाई मिलकर प्रतिमा की ऊंचाई 70 फीट से ज्यादा है। प्रतिमा के निर्माण में करीब 2 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसका निर्माण रावतपुरा सरकार ने करीब ढाई साल पहले शुरू कराया था। इसे ध्यान मुद्रा में सदाशिव रूप में बनाया गया है। यहां पर ध्यान केंद्र, गेस्ट हाउस और संत निवास बनाया जाना प्रस्तावित है। 61 फीट ऊंची शिव प्रतिमा तैयार होने के बाद अब पहाड़ी पर मां शारदा का मंदिर बनाया जाना है। 5 जुलाई को संत श्री रविशंकर महाराज मंदिर के निर्माण का भूमिपूजन करेंगे। इसके अलावा पहाड़ी पर बाहर से आने जाने वाले पर्यटकों के लिए ध्यान केंद्र, गेस्ट हाउस और संत निवास का निर्माण भी किया गया है। प्रतिमा का निर्माण करीब 100 फीट ऊंची पहाड़ी पर हुआ है, इससे प्रतिमा की कुल ऊंचाई करीब 161 फीट हो गई है। करीब 10 किलोमीटर दूर से प्रतिमा दिखाई देने लगती है।
16 में पहाड़ी के नीचे सामाजिक महाकुंभ हुआ था
मां शारदा पहाड़ी पर पिछले 8 साल में करीब 2 लाख पेड़ लगाया जा चुके हैं। हर साल बारिश के मौसम में 10 से 12 हजार पेड़ लगाए जा रहे हैं। पहाड़ी के चारों ओर पीपल, बरगद, जामुन, कंजी, पलाश, आम, मोलश्री, अमलताश, महुआ, चिरौल सहित कई वैरायटी के पेड़ लगे हैं। पेड़ों की सुरक्षा के लिए पहाड़ी के चारों ओर करीब 12 फीट ऊंची तार फेंसिंग लगाई गई है। साल 2016 में पहाड़ी के निचले तल में उन्होंने सामाजिक महाकुंभ कराया था। उस दौरान पूरी पहाड़ी वीरान थी। धार्मिक समारोह के बाद उन्होंने पहाड़ी पर पौधारोपण शुरू कराया। हर साल उनके जन्म दिवस पर 5 जुलाई को हजारों की संख्या में पेड़ लगाए जाते हैं।
काले पत्थर से किया गया निर्माण
छिपरी में बनाई गई 61 फीट ऊंची शिव प्रतिमा प्रदेश की सबसे ऊंची मूर्ति बन गई है। सबसे ऊंची इसलिए क्योंकि प्रतिमा का निर्माण करीब 100 फीट ऊंची पहाड़ी पर हुआ है। जिसके चलते धरातल से कुल ऊंचाई 161 फिट हो गई है। इसके पहले जैन तीर्थ स्थल पपौरा में भगवान आदिनाथ की 41 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जा चुकी है। प्रतिमा का निर्माण वर्ष 2017 में राजस्थान के मकराना में हुआ था। यह काले पत्थर से बनी है।
आश्रम का नामकरण
पिछले 8 साल से लगातार चल रहे प्रयास के कारण पूरी पहाड़ी पर हरियाली छा गई है। इस बार भी 5 जुलाई को करीब 10 हजार पौधे लगाए जाएंगे। पहाड़ी पर बने संत श्री रविशंकर महाराज के आश्रम का नाम महर्षि वाल्मीकि भवन रखा गया है। संतों के लिए बनाई गई बिल्डिंग का नाम संत रविदास भवन और पर्यटकों के लिए बने गेस्ट हाउस को निषाद राज भवन नाम दिया गया है। इसके अलावा देवी अहिल्या बाई भवन भी बनाया गया है।