सार्वजनिक वितरण प्रणाली की निगरानी व्यवस्था में बदलाव

  • अब खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग खुद करेगा पीडीएस की निगरानी
  • गौरव चौहान
सार्वजनिक वितरण प्रणाली

प्रदेश में सरकार की सख्ती के बाद भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार और अन्य शिकायतें लगातार आ रही हैं। इसको देखते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग निगरानी व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत अब पीडीएस की निगरानी खुद खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग करेगा। खाद्य विभाग में नई व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव फिलहाल विभाग की अपर मुख्य सचिव रश्मि अरुण शमी के पास लंबित है। बताया गया कि विभाग पीडीएस निगरानी की व्यवस्था को बदलने के पक्ष में नहीं है, लेकिन मंत्री चाहते हैं कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में सिर्फ विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारी रहें। दूसरे विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों की इसमें भूमिका नही रहे।
गौरतलब है कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दुरूस्त बनाने में जुटा हुआ है। इसके तहत मप्र सरकार का खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग दशकों पुरानी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की निगरानी व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं अन्य को बाहर करने जा रहा है। खाद्य विभाग भण्डार गृहों से लेकर जिला भंडार केंद्र एवं राशन दुकानों तक सप्लाई व्यवस्था की पूरी निगरानी अपने हाथों में लेने जा रहा है। इसके लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शासन को नोटशीट भेजी है। जिस पर विचार होना है।
हर स्तर पर होगी निगरानी
यदि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की यह नई व्यवस्था लागू होती है तो फिर बड़े गोदामों से राशन के परिवहन होने से लेकर जिला भंडार केंद्रों पर उतरने एवं फिर राशन दुकानों तक पहुंचाने तक की पूरी निगरानी खाद्य विभाग ही करेगा। यानी जिलों में भी अधिकारी प्रदेश स्तर से तय होंगे। खाद्य विभाग का कौनसा अधिकारी भंडार गृहों से माल निकलवाएगा और कौनसा राशन दुकानों तक पहुंचेगा। इसकी जमावट शासन स्तर पर या फिर संचालनालय स्तर से की जाएगी। यह बात अलग है कि खाद्य विभाग में अमले की कमी है। यदि राशन वितरण, भंडारण एवं परिवहन निगरानी व्यवस्था से एसडीएम, तहसीलदार एवं अन्य को हटाया जाता है तो फिर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को अधिकारियों की समस्या का सामना करना पड़ेगा। यह भी संभव है कि जिले में राशन वितरण से लेकर भंडारण एवं परिवहन की निगरानी व्यवस्था एक ही अधिकारी को सौंप दी जाए। वर्तमान में वेयर हाउस प्रभारी से लेकर भंडार प्रभारी एवं वितरण प्रभारी एसडीएम, तहसीलदार एवं अन्य को बनाया जाता है। मप्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हर महीने 5.43 करोड़ लोगों को राशन मिलता है। जिसमें एक व्यक्ति को 5 किलो अनाज मिलता है। आधार लिंकिंग से 5 लाख से ज्यादा नाम काटे गए हैं, संभवत- ये नाम फर्जी थे या हितग्राही प्रदेश छोड़ गया है या दुनिया में नहीं है। ई-केवाबसी नहीं कराने वालों के भी नाम काटे जा रहे हैं।

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