चंदेल को मिल सकती है गुना पुलिस की कमान

पुलिस की कमान
  • अब चुनाव के बाद बदलेंगे कई जिलों के पुलिस कप्तान….

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मई महीने के अंत तक प्रदेश के एक दर्जन के करीब पुलिस अधीक्षकों व इतने ही कलेक्टरों को बदलने की तैयारी की जा रही थी, लेकिन इस बीच निकायों व पंचायतों के चुनाव आ जाने की वजह से इन तबादलों पर अब सरकार ने ब्रेक लगा दिया है। इस बीच गुना के पुलिस कप्तान को हटाए जाने के बाद रिक्त पद पर शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल को गुना का नया पुलिस अधीक्षक बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है। खास बात यह है की सरकार को आईपीएस अफसरों के ताबदलों पर ऐसे समय रोक लगानी पड़ी है ,जबकी उनकी मुख्य सचिव से लेकर डीजीपी तक से इस मामले में चर्चा हो चुकी थी। दरअसल तबादलों के आदेश जारी होते इसके पहले ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर अपना फैसला सुनाते हुए सरकार को यह चुनाव कराने के निर्देश दे दिए गए। इसकी वजह से अब  राज्य सरकार को चुनाव की तैयारियों में लगना पड़ रहा है। यह बात अलग है की पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले दो आरोपियों के गुना की अदालत में समर्पण करने की वजह से गुना पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा को हटा दिया गया है। इसके पहले दो आदिवासियों की हत्या के मामले में सिवनी पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक, रामनवमी पर हुए उपद्रव और दंगे के कारण खरगोन एसपी पहले ही हटाए जा चुके हैं। इसी बीच एक दर्जन जिलों के पुलिस अधीक्षक भी बदले जाने थे, लेकिन अब यह बदलाव नगरीय निकाय और त्रि- स्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम आने के बाद ही होने की संभावना है। इस बीच दो-तीन अफसरों की नए सिरे से पदस्थापना बेहद जरुरी होने की वजह से किए जाने की संभावना बनी हुई है। इसमें गुना में रिक्त चल रहे पुलिस अधीक्षक के पद पर शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल को और उनकी जगह किसी अन्य अफसर को पदस्थ किया जा सकता है। चंदेल लंबे समय तक भोपाल में पदस्थ रहे हैं। चंदेल ईमानदार के साथ कार्य के प्रति बेहद कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। शिवपुरी में उनके कार्यों को देखते हुए सरकार उन्हें गुना जैसे चुनौतीपूर्ण जिले की कमान दी जा सकती है।
कलेक्टरों को भी राहत
सूत्रों के अनुसार इसी तरह से सरकार द्वारा करीब एक दर्जन कलेक्टरों को भी बदले जाने की तैयारी  की जा रही थी, लेकिन निकाय व पंचायत चुनावों की वजह से उनके तबादलों का भी मामला फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इसकी वजह से उन  कलेक्टरों ने  भी राहत की सांस ली है , जिनके बदले जाने की पूरी संभावना बनी हुई थी। इसकी वजह है कलेक्टर ही जिलों में किजला निर्वाचन अधिकारी की भूमिका में रहते हैं।
यह है वजह
वर्तमान तैयारियों को देखते हुए 20 जून के पहले निकाय और पंचायत चुनाव के मतदान कराए जाने की संभावना है। ऐसे में अगर जिलों के कप्तान व कलेक्टर बदल दिए जाते हैं तो नए अधिकारी को महीने भर से अधिक समय जमीनी और भौगोलिक स्थिति समझने में लग जाएगा। चुनाव के समय राज्य सरकार किसी प्रकार का विवाद या अप्रिय स्थिति नहीं पैदा होने देना चाहती, इस कारण चुनाव के बाद ही अब पुलिस अधीक्षकों के तबादले किए जाने की चर्चा है।

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