- निगम-मंडलों में राजनीतिक नियुक्ति के लिए दावेदारों ने बढ़ाई सक्रियता
- गौरव चौहान

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कल दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की। इस मेल मुलाकात के बाद मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना बढ़ गई। इससे पहले मुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद की दिल्ली यात्रा ने प्रदेश के निगम मंडल, प्राधिकरण और आयोगों के दावेदारों की सक्रियता बढ़ा दी है। वहीं प्रदेश कार्यकारिणी में पदाधिकारी बनने की आस पाले नेताओं की भी बैचेनी बढ़ गई है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इस महीने के अंत तक प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही निगम-मंडलों में नियुक्ति हो सकती है।
प्रदेश में मोहन यादव सरकार को डेढ़ वर्ष से अधिक का समय होने जा रहा है, लेकिन राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हुई हैं। उधर, मंत्रिमंडल विस्तार का भी नेताओं को इंतजार है। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, जयंत मलैया, हरिशंकर खटीक, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह को अपना नंबर आने की संभावना दिख रही है। इसमें क्षेत्रीय संतुलन साधने के हिसाब कुछ पूर्व मंत्रियों को फिर मौका दिया जा सकता है। उनके अलावा कांग्रेस से भाजपा में आए छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट से विधायक कमलेश शाह भी प्रतीक्षारत हैं। रामनिवास रावत के मंत्रिमंडल से त्याग पत्र देने के बाद मोहन कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित 31 मंत्री हैं। नियम के अनुसार 35 मंत्री हो सकते हैं।
कुछ मंत्रियों की पद से हो सकती है छुट्टी
मंत्री बनने के लिए पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य पूर्व मंत्री सत्ता और संगठन में अपने संपर्कों के माध्यम से प्रयासरत भी हैं। संभावना जताई जा रही है कि रिक्त स्थानों की पूर्ति हो सकती है। कुछ मंत्रियों को खराब प्रदर्शन के आधार पर विश्राम भी दिया जा सकता है। उधर, राजनीतिक नियुक्तियां भी अब की जाएंगी। इसको लेकर संगठन स्तर पर कई बार चर्चा भी हो चुकी है। इसमें कुछ पूर्व विधायकों को समायोजित भी किया जाएगा। अभी इनके पास कोई काम नहीं है। अस संदर्भ में दिल्ली के मध्यप्रदेश भवन में मध्यप्रदेश भाजपा संसदीय दल की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष हेमत खंडेलवाल, केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश समेत प्रदेश से जुड़े केन्द्रीय मंत्रियों और सांसदों ने हिस्सा लिया।
प्रदेश के समर्पित कार्यकर्ताओं की बनी रही सूची
मप्र भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल अब प्रदेश में अपनी नई टीम बनाएंगे। इसके लिए समर्पित कार्यकर्ताओं की सूची बनाई जा रही है। प्रदेश कार्यकारिणी समिति से सांसद और विधायक बाहर होंगे। प्रदेश कार्यकारिणी में बड़ी संख्या में नए चेहरों को शामिल किया जाएगा। जानकारी के अनुसार अगस्त के पहले पखवाड़े में खंडेलवाल अपनी टीम की घोषणा कर सकते हैं। गौरतलब है कि भाजपा में संगठनात्मक फेरबदल की प्रक्रिया तेज हो गई है। हाल ही में प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किए गए हेमंत खंडेलवाल को पार्टी नेतृत्व ने अपनी नई कार्यकारिणी गठित करने की पूरी अनुमति दे दी है। वे प्रदेशभर से अनुभवी और समर्पित कार्यकर्ताओं को शामिल कर एक नई टीम तैयार करेंगे। जानकारी के अनुसार पार्टी की नीति एक व्यक्ति, एक पद के तहत वर्तमान कार्यकारिणी में शामिल सांसदों, मंत्रियों और विधायकों को संगठनात्मक दायित्वों से मुक्त किया जाएगा। इस समय पार्टी की प्रदेश इकाई में सात सांसद, एक कैबिनेट मंत्री और छह विधायक विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।
नई टीम में नए चेहरों को मिलेगा मौका
पार्टी की रणनीति है कि संगठन के कार्यों को पूर्णकालिक रूप से निभाने वाले ऐसे कार्यकर्ताओं को आगे लाया जाए, जिनकी जमीनी पकड़ मजबूत है और जो संगठनात्मक कामकाज में सक्रिय हैं। इसी के तहत अब नए और कम चर्चित लेकिन प्रभावी चेहरों को प्रदेश टीम में स्थान मिल सकता है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि नई कार्यकारिणी में युवाओं, महिलाओं और सामाजिक दृष्टि से विविध प्रतिनिधित्व पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भाजपा के सात मोर्चा संगठनों में से तीन की कमान वर्तमान में सांसदों के पास है और एक मोर्चा कैबिनेट मंत्री के जिम्मे है। सांसद बनने के बाद इन नेताओं की व्यस्तता बढ़ गई है, जिससे मोर्चों के कामकाज पर असर पड़ा है। महिला मोर्चा की अध्यक्ष माया नारोलिया राज्यसभा सांसद बनने के बाद से सीमित सक्रियता में हैं। किसान मोर्चा के दर्शन चौधरी सांसद बन चुके हैं और ओबीसी मोर्चा के प्रमुख अब प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। खुद मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने मोर्चे की जिम्मेदारी से मुक्त करने का अनुरोध पार्टी से कर दिया है।भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की पसंद माने जाते हैं। इस लिहाज से ये माना जा रहा है कि नई टीम में संघ की च्वाइस का भी ख्याल रखा जाएगा। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि प्रदेश भाजपा की नयी टीम शीघ्र ही सामने आएगी और इस बार आप देखेंगे कि इस नई टीम में पार्टी के जो वरिष्ठ नेता और जो नौजवान हैं। उनका संगम आपको देखने को मिलेगा। जो कि आने वाले समय की सभी राजनीतिक आवश्यकताओं को पूरी करता दिखेगा।
बिगड़े विधायकों पर नकेल
भाजपा नेताओं के आचरण पर इन दिनों पार्टी सगठन गंभीरता से ध्यान दे रहा है। विधायक गोलू शुक्ला के बाद अब विधायक प्रदीप अग्रवाल और पूर्व विधायक त्रिपाठी को प्रदेश कार्यालय तलब किया है। केपी त्रिपाठी ने संगठन नेताओं से मुलाकात के बाद अपने आवरण और शब्दों के लिए माझी भी भागी है। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व दतिया जिले के सेवड़ा से विधायक प्रदीप आवाल के बेटे का हृटर वाली गाड़ी पर घूमते हुए वीडियो वायरल हुआ था। उनको सुरक्षा में पुलिस भी थी। संगठन ने कल रात अग्रवाल से बात कर उन्हें बेटे की गतिविधियों पर ध्यान स्ताने को कहा। सेमरिया से पूर्व विधायक के पी त्रिपाठी को गुरुवार सुबह तलब कर उनसे अपने व्यवहार के लिए सार्वजनिक रूप से क्षमा मांगने को कहा। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद से मुलाकात के बाद केपी त्रिपाठी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी हुआ जिसमें वे कह रहे हैं कि पीडित के माता-पिता की व्यथा सुनकर मैं थाने पहुंचा और महिला सीएसपी के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया, उसे लेकर मुझे बाद में लगा कि इस तरह की भाषा इस्तेमाल मुझे नहीं करना चाहिए। मैंने उसके बद सीएसपी से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में कोशिश करूंगा कि कितनी विपरीत परिस्थितियां हो मुझसे ऐसे शब्दों का भी कर प्रयोग न हो।