विकास की नई इबारत लिखेंगे चंबल के बीहड़

-10 साल में ग्वालियर-चंबल संभाग बनेगा उद्योग का बड़ा केन्द्र

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। जब भारत विश्व में बड़ी आर्थिक शक्ति बनकर चीन को पीछे छोड़ेगा, तब उसमें विशेष रूप से ग्वालियर-चंबल अंचल का विशेष योगदान होगा क्योंकि ,यहां पर हर संसाधन के साथ प्रतिभाशाली उद्यमी और किसान हैं। इसकी शुरूआत भी हो चुकी है और अब चंबल की धरती डकैत नहीं बल्कि मप्र और देश की तरक्की में योगदान देने के लिए तैयार हो चुकी है। आने वाले 10 साल में ग्वालियर-चंबल संभाग उद्योग का बड़ा केन्द्र होगा। यहां से सभी राज्यों की सीधे तौर पर कनेक्टिविटी होगी।
दिल्ली-मुंबई पोर्ट तक माल पहुंचाने में महज चार से पांच घंटे का समय लगेगा। आगरा-मुंबई रोड, नार्थ- साउथ ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर इसी क्षेत्र से होकर गुजरेगा। सड़क मार्ग से 12 घंटे के अंदर किसी भी राज्य तक सीधे तौर पर माल परिवहन किया जा सकेगा। इसके चलते सरकार इस क्षेत्र में उद्योग के लिए कई क्षेत्रों में अलग-अलग इंडस्ट्रियल कॉरिडोर प्लान कर रही है, क्योंकि इस क्षेत्र में हजारों हैक्टेयर सरकारी जमीन वर्षों से खाली पड़ी हैं। चंबल के बीहड़ों में अब शांति है। डकैतों का आतंक नहीं है और आने वाले समय में यहां के युवा उद्यमी नई पहचान बनाएंगे। राज्य सरकार इसमें पूरी मदद कर रही है और चंबल के बीहड़ों में ऐसा बुनियादी ढांचा तैयार करने में जुटी है, जिससे नौजवानों को मदद मिले। सरकार एक औद्योगिक गलियारा बना रही है, जो चंबल नदी से शुरू होकर मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी और गुना तक जाएगा और राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर उद्योग लगेंगे। चंबल के बीहड़, जिनमें लाखों हेक्टेयर जमीन बंजर है, इसका उपयोग उद्योग लगाने और समतल करके टाउनशिप विकसित करने की भी योजना है।
प्रगति के नए द्वार खोलेगा अटल प्रगति पथ
अटल प्रगति पथ चंबल क्षेत्र में प्रगति के नए द्वार खोलेगा। यहां नए उद्योग पनपेंगे। औद्योगिक कलेस्टर विकसित होने से भूमि के मूल्यों में वृद्धि होगी। इस प्रोग्रेस-वे के निर्माण से युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध करवाने के साथ ही संपूर्ण चंबल क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों का विकास होगा।
अटल प्रोग्रेस-वे का निर्माण हो जाने से मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से और बेहतर तरीके से कनेक्ट होगा। किसान वर्ग और अन्य सभी वर्ग भी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह भविष्य संवारने की परियोजना है। अटल प्रगति पथ के लिए 404 किलोमीटर का एलाईनमेंट, विस्तृत सर्वे और डीपीआर तैयार करने के बाद, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सक्षम समिति ने अनुमोदन कर दिया है। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिसूचित होने के बाद भू-अर्जन के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। निजी भूमि के अर्जन के लिए लगभग 335 करोड़ का मुआवजा दिया जाना अनुमानित है। अटल प्रगति पथ राजस्थान-मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश को जोड़ेगा। परियोजना दिल्ली-बड़ोदरा एक्सप्रेस-वे एवं पूर्व की ओर आगरा-कानपुर हाई-वे तथा पश्चिम की ओर पूर्व-पश्चिम कॉरीडोर को भी जोड़ेगी। अटल प्रगति पथ श्योपुर-मुरैना और भिंड जिलों से 313 किलोमीटर की लंबाई में गुजरेगा। इसके भारतमाला परियोजना में सम्मिलित होने की कार्यवाही भी पूरी हो गई है। उद्योग विभाग ने आगामी वर्षों के लिए कार्य-योजना भी तैयार कर ली है। इसके अनुसार भिण्ड जिले में लॉजिस्टिक्स हब, मुरैना जिले में लेदर एवं नॉन लेदर, टेक्निकल टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक, फूड प्रोसेसिंग एवं मल्टी प्रोडक्ट औद्योगिक क्षेत्र, श्योपुर जिले में कृषि आधारित गतिविधियों को प्रारंभ करने के प्रयास मूर्त रूप लेंगे। चंबल क्षेत्र के वर्तमान औद्योगिक क्षेत्रों के विस्तार के लिए भिंड, मुरैना और ग्वालियर जिलों में स्थित औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास के ग्रामों में भी भूमि चिन्हित की जा रही है।
एक हजार किमी के अंदर चार पोर्ट
प्रदेश से एक हजार किमी की दूरी पर चार पोर्ट हैं। इसमें खंडाला और जेएनपीटी 650 किलोमीटर की दूरी पर हैं। विशाखापट्टनम  और प्रदीप पोर्ट 1200 किलोमीटर तक हैं। ऐसे में हाईवे का नया जाल बेहद कारगर होगा। इस क्षेत्र से गुजर रहे अटल प्रोग्रेस वे और नर्मदा एक्सप्रेस वे का काम चल रहा है। दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस-वे ग्रीन कॉरिडोर का काम एक वर्ष में पूरा जाएगा। आगरा-मुंबई और नार्थ साउथ कॉरिडोर प्रदेश का बड़ा इंडस्ट्रियल और इकोनॉमिक कॉरिडोर होगा। ये सड़कें अंतर्राज्यीय होंगी। नॉर्थ साउथ कॉरिडोर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, बैतूल और नर्मदापुरम होते हुए भोपाल, विदिशा, सागर और ग्वालियर संभाग से निकल जाएगा, जबकि ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर निवाड़ी से प्रवेश करेगा और शिवपुरी से दूसरे राज्यों में निकल जाएगा
फैक्ट फाइल
87 प्रदेश में कुल औद्योगिक पार्क
15163 प्रदेश में कुल प्लॉट
13211 प्रदेश में कुल औद्योगिक प्लॉट
1327  प्लॉट के लिए वर्तमान में कुल आवेदन

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