38 में से 18 बैंकों में की जाएगी सीधे सीईओ की नियुक्ति

सीईओ
  • बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान को अपेक्स बैंक ने भेजा प्रस्ताव…

    भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के सहकारी बैंकों में हो रही गड़बड़ियों, भ्रष्टाचार और मनमानी को रोकने के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की सीधी नियुक्ति होगी। प्रदेश में पहली बार जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के सीईओ की सीधी नियुक्ति के लिए सेवा नियमों में संशोधन किया गया है। यह प्रक्रिया अब बैंकों के लिए रिक्रूटमेंट इंस्टीट्यूट फॉर बैंकिंग पर्सनेल सिलेक्शन द्वारा की जाएगी। अपेक्स बैंक ने प्रस्ताव भेजा है। इसके माध्यम से 18 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।
    गौरतलब है कि राज्य में जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के माध्यम से सरकार प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों से किसानों को अल्पकालीन ऋण उपलब्ध कराने का कार्य करती है। हर साल 30 लाख से अधिक किसानों को 10,000 करोड़ रुपए से अधिक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाता है। वहीं दूसरी ओर बैंकों में गड़बड़ी की कई शिकायतें हैं। ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, देवास समेत अन्य बैंकों पर भी करोड़ों रुपए की अनियमितता का मुकदमा चलाया गया है। दरअसल ये अनियमितताएं सहकारी बैंकों में बैंकिंग नियमों का पालन न करने के कारण हुई हैं। जिसमें बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। बैंक अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है। अब सहकारिता विभाग ने व्यवस्था में सुधार के लिए बैंकिंग क्षेत्र में अनुभव रखने वाले व्यक्तियों को मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त करने का निर्णय लिया है। इसके लिए पुरानी भर्ती प्रक्रिया को भी रद्द कर दिया गया है। इसमें भी गड़बड़ी हुई थी।
    सहकारी बैंकों में लगातार आ रहे गबन और धोखाधड़ी के मामले: प्रदेश के सहकारी बैंकों में गबन और धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। शिवपुरी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की कोलारस शाखा में एक बड़ा मामला सामने आया है। सहकारिता विभाग की ओर से कराए गए आॅडिट में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। जिसमें शाखा अधिकारियों की मिलीभगत से हेराफेरी हुई है। जिसके आधार पर अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन व विभागीय जांच की कार्रवाई की गई है। सहकारी बैंकों में गड़बड़ी के मामले काफी समय से सामने आ रहे हैं।
    रीवा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की डभौरा शाखा में 16 करोड़, सिद्ध सहकारी सेंट्रल बैंक में ट्रैक्टर वित्त में अनियमितता, छतरपुर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की राजनगर शाखा में 3 करोड़, मंदसौर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में 12 करोड़ की अनियमितता, शहडोल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में एक करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितता के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। जबलपुर, बालाघाट, नरसिंहपुर, मंडला, सिवानी, सीधी और शहडोल बैंकों ने समर्थन मूल्य पर धान और गेहूं की खरीद में 17 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप लगाया है। बालाघाट जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने भी किसानों के खातों से पैसे काट कर उन्हें मासिक पत्रिका का सदस्य बनाया है।
    पारदर्शिता के लिए कई बदलाव
    बैंकिंग क्षेत्र में कम से कम आठ साल का अनुभव रखने वाले व्यक्ति ही चयन के लिए पात्र होंगे। अभी तक सहकारी संवर्ग के अधिकारियों की पोस्टिंग होती थी, लेकिन बैंकों में जिस तरह से अनियमितताएं हो रही हैं, उसे देखते हुए सरकार ने व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में कई बदलाव भी किए जा रहे हैं। संभागीय अधिकारियों ने कहा कि 38 में से 18 बैंकों में सीईओ की नियुक्ति की जाएगी। ये वे व्यक्ति होंगे जिनके पास बैंकिंग क्षेत्र में कम से कम आठ साल का अनुभव है।

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