- सतपुड़ा-विंध्याचल भवनों को तोड़ बनाए जाएंगे 12 टॉवर
- गौरव चौहान

राजधानी में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत सतपुड़ा और विंध्याचल भवनों को तोड़ा जाएगा, और उनके स्थान पर 1.60 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में 12 टॉवर बनाए जाएंगे। यह परियोजना दिल्ली के तर्ज पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल पर आधारित होगी और लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से 2030 तक पूरी होने की उम्मीद है। इसके अनुसार सतपुड़ा, विंध्याचल भवन, गवर्नमेंट प्रेस, नापतौल विभाग, जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र और जिंसी चौराहे पर आबकारी के गोदाम को तोडकऱ सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर 12 टॉवर बनाए जाएंगे। इसमें डीबी मॉल के सामने की जमीन भी शामिल है। अफसरों की मानें तो सरकार के प्रस्तावित मास्टरप्लान में वर्तमान से दो गुना फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) लाने का प्रावधान कर रही है। इससे इन कार्यालयों की जमीन की कीमत दोगुना हो जाएगी। इसके चलते इन्हें तब तक नहीं बेचा जाएगा, जब तक नया मास्टरप्लान नहीं आ जाता है।
गौरतलब है कि हाउसिंग बोर्ड रिडेंसीफिकेशन योजना के तहत प्रदेश के प्रमुख विंध्याचल और सतपुड़ा भवन की जगह पर नया प्रशासनिक भवन सेंट्रल विस्टा बनाने जा रहा है। इससे एक ही स्थान पर शहर के विभिन्न स्थानों से संचालित होने वाले और विंध्याचल-सतपुड़ा भवन में लगने वाले कार्यालयों को शिफ्ट किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को इस साल जुलाई में सरकार ने मंजूर कर दिया था। हाउसिंग बोर्ड ने अब इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। हाउसिंग बोर्ड ने प्रोजेक्ट के लिए आर्किटेक्ट और कंसल्टेंट की नियुक्ति शुरू कर दी है।
प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने की तैयारियां तेज
गौरतलब है कि सतपुड़ा भवन में साल 2023 में आगजनी की बड़ी घटना हुई थी। इससे पहले विंध्याचल भवन में भी आग लग चुकी है। इससे ये इमारतों के कई हिस्से जर्जर हो चुके हैं। इसके बाद इन इमारतों के नवीनीकरण और पुनर्निमाण को लेकर चर्चा चली। पीडब्ल्यूडी ने सतपुड़ा भवन के रिनोवेशन का प्रजेंटेशन सरकार के सामने रखा, जो सरकार को पसंद नहीं आया था। इसके बाद यह काम सरकार ने अर्वन विभाग को सौंप दिया था। अर्बन विभाग भी इन इमारतों के रिनोवेशन पर कुछ नहीं कर पाया। तब हाउसिंग बोर्ड ने प्रिजेंटेशन बनाकर सरकार को सौंपा। इस प्रजेंटेशन को 2 जुलाई को हुई साधिकार समिति की बैठक में मंजूरी दी थी। इसके बाद से हाउसिंग बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत अब आर्किटेक्ट और कंसल्टेंट नियुक्त किए जा रहे हैं। इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आर्किटेक्ट और कंसलटेंट नियुक्त किए जाने को लेकर हाउसिंग बोर्ड में नगरीय प्रशासन पीएस संजय दुबे की मौजूदगी में प्रजेंटेशन भी हो चुका है।
पांच गुना किया जाएगा ग्रीन एरिया
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में निर्माण के साथ पर्यावरण और सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा। प्रस्ताव में ग्रीन एरिया पांच गुना किया जाएगा। ग्रीन एरिया 5.84 हेक्टेयर से बढ़ाकर 22.46 हेक्टेयर किया जाएगा। अनियोजित अव्यवस्थित क्षेत्र को 39.54 हेक्टेयर से बढ़ाकर 56.07 हेक्टेयर किया जा रहा है। वहीं अरेरा हिल्स क्षेत्र की इंटीग्रेटेड प्लानिंग होगी, जिसमें यातायात सुगमता, हरित क्षेत्र बढ़ाना एवं विश्व स्तरीय लैण्ड स्केपिंग एवं जन सुविधाओं को ध्यान में रख कर आधुनिक भवनों की प्लानिंग होगी। प्रस्तावित टॉवरों में आने वाले 50 वर्षों की आवश्यकतानुसार पार्किंग का प्रावधान किया जाएगा। सेन्ट्रल विस्टा के पास स्थित मेट्रो स्टेशनों आदि से सेन्ट्रल विस्टा तक आने के लिए कवर्ड फुटपाथ होंगे, जिनमें पब्लिक टॉयलेट एवं हॉकर्स कॉर्नर का प्रावधान होगा। बस स्टेशनों आदि से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रावधान किया जाएगा।
तीन स्लम कॉलोनियों को हटाया जाएगा
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए अरेरा हिल्स की तीन स्लम कॉलोनियों को हटाना तय किया हुआ है। बोर्ड अफसरों के अनुसार स्लम रिहैबिलिटेशन के तहत नगर निगम इसके लिए काम करेगा, लेकिन इसमें काफी जमीन सेंट्रल विस्टा के लिए भी उपयोग में ली जाएगी। वर्तमान विंध्याचल और सतपुड़ा भवनों का निर्मित क्षेत्रफल 76500 वर्ग मीटर है, जिसके लगभग दोगुने निर्मित क्षेत्रफल 1,60,000 वर्ग मीटर के 12 टॉवर वर्तमान वल्लभ भवन की वास्तुकला अनुसार प्लान किए गए है। प्रस्तावित सभी टॉवरों की छत को जोड़ते हुए पर्गाला का प्रावधान किया गया है, जिससे कि भवनों के ताप को कम रखा जा सके एवं उनके ऊपर सोलर पैनल लगाकर अतिरिक्त सोलर बिजली उत्पन्न की जा सके। पहले चरण में वल्लभ भवन में अधिकारियों के लिए निर्धारित पार्किंग को तोडकऱ उसके स्थान पर ब्लॉक 1, 2, 3, 5 और 6 निर्मित किए जाएंगे। दूसरे चरण में विंध्याचल एवं सतपुड़ा भवन को तोडकऱ ब्लॉक 4, 7, 8, 9, 10, 11 एवं 12 का निर्माण होगा।