
- विभिन्न योजनाओं के तहत केंद्र से फंड नहीं मिलने की वजह से किसानों को मिलने वाले अनुदान पर संकट खड़ा हो गया है…
भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की दुहाई पीट रही है। वहीं दूसरी ओर उन्हें खेतों में सिंचाई और बोवनी से संबंधित कृषि उपकरण खरीदने के लिए मिलने वाले अनुदान की राशि नहीं दिए जाने से अन्नदाता की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में किसानों को कृषि उपकरण और सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर खरीदने के लिए हर साल किसानों को अनुदान मुहैया कराया जाता है। बता दें कि इस साल केंद्र सरकार से मध्यप्रदेश को इस योजना में अभी तक कोई फंड नहीं मिला है जबकि प्रदेश सरकार 75 करोड़ का प्रावधान कर चुकी है। यही वजह है कि केंद्र से फंड नहीं मिलने की वजह से किसानों को मिलने वाले अनुदान पर संकट खड़ा हो गया है। किसानों की आय दोगुना करने केंद्र और राज्य सरकार कृषि से जुड़ी करीब दो दर्जन से भी अधिक योजनाओं का संचालन कर रहे हैं। इसमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना भी शामिल है। इस योजना के जरिए किसानों को कृषि उपकरण खरीदने और खेतों में सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर लगाने पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। बरेली के एक किसान अजब सिंह क्या कहना है कि केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत कृषि स्प्रिंकलर के लिए अनुदान पाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों के कई चक्कर लगाए लेकिन अनुदान नहीं मिला।
फिर भाजपा नेताओं के चक्कर लगाने के बाद सरकार ने अनुदान की राशि खाते में ट्रांसफर की। सरकार की ऐसी योजनाओं से तो तौबा ही कर लेनी चाहिए। बता दें कि केंद्र ने मध्यप्रदेश के पांच जिले शहडोल, उमरिया, मंडला, डिंडोरी और सिंगरौली में बोरवेल स्थापित करने वाले किसानों को भी अनुदान देने का प्रावधान किया है लेकिन केंद्र सरकार से इस साल फंड नहीं मिलने की वजह से किसानों को मिलने वाले अनुदान पर संकट खड़ा हो गया है। सरकार हर साल चार से पांच हजार किसानों को अनुदान मुहैया कराती है।
सिर्फ चार योजनाओं में मिली मामूली राशि
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार को केंद्र से विभिन्न योजनाओं में फंड दिया जाता है। इन योजनाओं में केंद्र सरकार से साठ प्रतिशत अंश के रूप में प्रदेश को 647.22 करोड़ की राशि मिलनी थी जबकि 31 जुलाई तक मध्यप्रदेश को मात्र चार योजनाओं में सिर्फ 87.40 करोड़ रुपए ही मिल सके हैं। इसमें भी कृषि ग्राम विकास में 16.20 करोड़, एग्रीकल्चर एक्सटेंशन में साढ़े बारह करोड़, सीड एंड प्लानिंग मटेरियल में 4.92 करोड़ तथा खाद्य सुरक्षा मिशन में 53.78 करोड़ की ही राशि सिर्फ मिल सकी है।
इन योजनाओं में एक भी रुपया नहीं मिला
दरअसल किसानों को कृषि उपकरण खरीदने से उनके सामने संकट जैसी स्थिति पैदा हो गई है। कई किसानों ने अनुदान मिलने की आस लगा रखी है लेकिन फंड नहीं आने से वे निराश हो गए हैं। किसानों की ऐसे कई योजनाएं हैं जिनमें केंद्र सरकार से एक भी रुपया का फंड नहीं मिला है। इनमें ट्रैक्टर, ट्रॉली अनुदान, कस्टम हायरिंग सेंटर, रेनफेड एरिया विकास, परंपरागत कृषि विकास, स्वाइल हेल्थ कार्ड, फार्म वाटर मैनेजमेंट, लघु सिंचाई गणना तथा आयल पाम मिशन आदि शामिल हैं।