
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। बारिश के मौसम में बाढ़ की चपेट में आने वाले प्रदेश के नौ जिलों के लिए केन्द्र सरकार ने अब छह सौ रुपए की अतिरिक्त मदद राशि स्वीकृत की है। इन नौ जिलों में ग्वालियर – चंबल संभाग के तहत आने वाले आठ जिलों के अलावा भोपाल संभाग के तहत आने वाला विदिशा जिला शामिल है। यह राशि गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय समिति ने केंद्रीय सहायता के रुप में स्वीकृत की है। इस समिति ने मध्य प्रदेश सहित छह राज्यों को 3,063.21 करोड़ रु. की अतिरिक्त सहायता की मंजूरी दी है। मप्र को यह राशि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर मिली है।
इस मामले में अब तोमर ने प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृह मंत्री शाह के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है कि यह सहायता प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे इन छह राज्यों के लोगों की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। दरअसल दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान, मध्यप्रदेश के ग्वालियर व चंबल संभाग के सभी 8 जिले तथा विदिशा जिला अत्यधिक वर्षा के कारण बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस दौरान शिवपुरी जिले में तो एक ही दिन में 300 मिली मीटर से अधिक वर्षा हुई थी। उस समय राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 9 टीमें, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 29 टीमें, सेना के 6 कॉलम, होमगार्ड की 61 टीमें, नागरिक सुरक्षा की 478 टीमें तैनात की गईं और नागरिकों को बचाने के लिए 145 नावों तथा एयर लिफ्ट के लिए 6 विमानों का इस्तेमाल किया गया था। बचाव अभियान के दौरान फंसे हुए 9,334 लोगों को बचाया गया, 32,960 लोगों को स्थानांतरित व 278 लोगों को एयर लिफ्ट किया गया था, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर राज्य द्वारा बाढ़ प्रभावित जिलों में 226 राहत शिविर आयोजित किए थे। उस समय केंद्रीय मंत्री और क्षेत्रीय सांसद तोमर ने भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद केंद्र व राज्य सरकार में उच्च स्तर पर चर्चा कर प्रभावित जिलों के लिए सहायता राशि देने का अनुरोध किया था। इसके बाद इस प्राकृ़तिक आपदा से हुए नुकसान के आंकलन करने के लिए, केंद्रीय गृहमंत्रालय की अंतर-मंत्रालयी टीम ने 16 से 18 अगस्त तक तीन दिनों में राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। केंद्रीय टीम की रिपोर्ट व राष्ट्रीय कार्यकारी समिति (एससी-एनईसी) की उप-समिति की सिफारिशों पर उच्चस्तरीय समिति (एचएलसी) ने विचार करने के बाद बाढ़ प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ मद से यह राशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही केंद्र सरकार द्वारा वर्ष के दौरान विभिन्न आपदाओं के प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ में राज्य को अपने हिस्से के 1456 करोड़ रु. पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
इन राज्यों के लिए सहायता मंजूर
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने जिन अन्य 5 राज्यों को केंद्रीय सहायता देने की मंजूरी दी, उनमें असम, गुजरात, कर्नाटक, उत्तराखंड व पश्चिम बंगाल शामिल हैं। यह राशि इस साल आई बाढ़ ,भूस्खलन और चक्रवाती तूफान के प्रभावितों की मदद के लिए दी जा रही है। इसमें गुजरात को चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ के लिए 1,133.35 करोड़ रु., पश्चिम बंगाल को चक्रवाती तूफान ‘यास’ के लिए 586.59 करोड़ रु., दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान बाढ़, भूस्खलन के लिए असम को 51.53 करोड़ रु., कर्नाटक को 504.06 करोड़ रु. और उत्तराखंड को 187.18 करोड़ रु. की सहायता मंजूर की गई है। यह अतिरिक्त सहायता केंद्र सरकार द्वारा इन राज्यों को एसडीआरएफ में जारी राशि के अतिरिक्त है, जो पहले से ही राज्यों के पास मौजूद है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान केंद्र सरकार ने 28 राज्यों को उनके एसडीआरएफ में 17,747.20 करोड़ रु. जारी किए गए हैं। इसके अलावा एनडीआरएफ से 7 राज्यों को 3,543.54 करोड़ रु. जारी किए गए हैं। गौरतलब है कि चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ और ‘यास’ के बाद एनडीआरएफ से गुजरात को गत 20 मई को एक हजार करोड़ रु.व पश्चिम बंगाल को 29 मई को 300 करोड़ रु. अग्रिम रूप से जारी किए गए थे। वर्ष 2021-22 के दौरान केंद्र सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं के तुरंत बाद ही प्रभावित राज्य सरकारों से ज्ञापन प्राप्त होने की प्रतीक्षा किए बिना ही 22 अंतर-मंत्रालय केंद्रीय टीमों (आईएमसीटी) को वहां भेज दिया था।