जल जीवन मिशन से… केंद्र ने खींचे हाथ

  • 7.5 लाख घरों में पानी सप्लाई की लागत वहन करने से किया इनकार

गौरव चौहान
मप्र में 51,548 हजार गांवों के 1.11 करोड़ घरों में पाइप लाइन बिछाकर पेयजल पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना की राह में बजट रोड़ा बन गया है। जल जीवन मिशन में प्रदेश के एक-एक गांव के प्रत्येक घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन प्रदेश में करीब 8 हजार मजरे-टोलों के 7.50 लाख घर जल जीवन मिशन में शामिल होने से छूट गए। विभाग ने जुलाई, 2024 में इन मजरे टोलों में नल से पानी सप्लाई किए जाने को लेकर 2500 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजा था। केंद्र से 50 प्रतिशत राशि देने का अनुरोध किया गया था। लेकिन केंद्र ने अपने हिस्से के 1250 करोड़ रूपए देने से मना कर दिया है। अत: अब यह राशि मप्र को अकेली की वहन करनी पड़ेगी।
गौरतलब है कि जल जीवन मिशन को 2019 में शुरू किया गया था। इसे 3.60 लाख करोड़ की लागत से कार्यांवित किया जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार की तरफ से 2.08 लाख करोड़ और राज्यों की तरफ से 1.52 लाख करोड़ का योगदान है। यह मिशन अपने लक्ष्य को पूरा करने की राह पर है। मिशन का लक्ष्य केवल सभी के लिए सुरक्षित पेयजल पहुंचाना है। पिछले साल अक्टूबर में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पिछले पांच वर्षों में भारत में ग्रामीण परिवारों के लिए नल के पानी के कनेक्शन में पांच गुना की वृद्धि हुई है। अक्तूबर 2024 तक नल कनेक्शन वाले ग्रामीण परिवारों की संख्या बढकऱ 15.20 करोड़ हो गई। मिशन के लॉन्च के दौरान केवल 3.23 ग्रामीण परिवारों के पास ही नल का कनेक्शन था, लेकिन वर्तमान समय में इसमें पांच गुना वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में बताया गया, 10 अक्टूबर 2024 तक जेजेएम के तहत 11.96 अतिरिक्त घरों को नल का कनेक्शन प्रदान किया गया। इसी के साथ अब मौजूदा समय में 15.20 करोड़ ग्रामीण परिवार नल के कनेक्शन का लाभ उठा रहे हैं।
आठ हजार गांवों में नहीं पहुंचा नल से जल
प्रदेश में अभी 8 हजार गांवों में नल से जल पहुंचाना है। केंद्र सरकार ने प्रदेश में जल जीवन मिशन में छूटे करीब 8 हजार गांव (मजरे-टोलों) के 7.5 लाख घरों में पानी सप्लाई की लागत वहन करने से इनकार कर दिया है। केंद्र के इनकार करने के बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग इस मामले को लेकर मुख्य सचिव के पास पहुंचा। अधिकारियों ने इस संबंध में मुख्य सचिव के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठकें कीं और प्रस्ताव को आगे बढ़ाने पर सहमति दे दी। इन गांवों तक नल से जल पहुंचाने पर करीब 2500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह पूरी राशि मप्र सरकार वहन करेगी। साथ ही मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन का रिवीजन कर देखें कि और कितने गांव जल जीवन मिशन में शामिल होने से छूट रहे हैं, उन्हें भी मिशन में शामिल करें। जल्द ही  इस संबंध में प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में आएगा।
90 प्रतिशत काम पूरा
अधिकारियों का कहना है कि जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश में 51 हजार से ज्यादा गांवों में नल से जल की सप्लाई की जानी है। मिशन में एकल नल जल योजनाओं की संख्या 27 हजार 990 है। इनका 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। दिसंबर, 2025 तक एकल नल-जल योजनाओं का काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। प्रदेश में समूह नल-जल योजनाओं की संख्या 147 है। इनमें 23 हजार से ज्यादा गांव शामिल हैं। दिसंबर 2026 तक इनका निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जल जीवन मिशन में प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के करीब एक करोड़ 11 लाख घरों तक एकल और समूह नल-जल योजनाओं के जरिए नलों से जल पहुंचाया जाएगा। प्रदेश में बुरहानपुर और निवाड़ी हर घर जल प्रमाणित जिला घोषित हो चुके हैं। बता दें कि देश के प्रत्येक गांव के हर घर में नल से पानी की सप्लाई के लिए केंद्र सरकार ने 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन लॉन्च किया था। इसकी डेडलाइन मार्च, 2024 रखी गई थी, लेकिन निर्धारित अवधि में मध्यप्रदेश समेत अधिकतर राज्यों में यह काम पूरा नहीं हो पाया। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन की अवधि वर्ष 2028 तक बढ़ा दी है।
अब राज्य का वहन करना होगा पूरी राशि
पीएचई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल जीवन मिशन में प्रदेश के एक-एक गांव के प्रत्येक घर तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन प्रदेश में करीब 8 हजार मजरे-टोलों के 7.50 लाख घर जल जीवन मिशन में शामिल होने से छूट गए। विभाग ने जुलाई, 2024 में इन मजरे टोलों में नल से पानी सप्लाई किए जाने को लेकर 2500 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजा था। केंद्र से 50 प्रतिशत राशि देने का अनुरोध किया गया था। योजना में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा  50:50 प्रतिशत राशि वहन की जाती है। प्रस्ताव का परीक्षण करने के बाद केंद्र सरकार ने राशि देने से इनकार कर दिया। इससे यह प्रस्ताव अटक गया। इसके बाद पीएचई के अफसरों ने इस मामले से मुख्य सचिव अनुराग जैन को अवगत कराया।  उन्होंने जल जीवन मिशन की समीक्षा करते हुए केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्ताव पर विस्तार से चर्चा की और इसे आगे बढ़ाने की सहमति दे दी। प्रमुख सचिव पीएचई पी. नरहरि का कहना है कि प्रस्ताव फायनल कर लिया गया है। जल्द ही इसे कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा।

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