
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किए गए एक नवाचार की इन दिनों देशभर में चर्चा हो रही है। खास बात यह है कि इस मामले में अब तो केन्द्र सरकार ने प्रदेश सरकार से रिपोर्ट तक मांगी है, जिससे उसका अध्ययन कर उसे देशभर में लागू करने की संभावनाओं का पता किया जा सके। दरअसल इस नवाचार के लिए विभागीय मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया द्वारा निर्देश एक साल पहले उस समय दिया गया था, जब उनके द्वारा विभाग की कमान संभाली गई थी। वह समय कोरोना काल का होने की वजह से इस पर अधिक कुछ काम नहीं हो पाया था, लेकिन अब इस नवाचार के तहत तेजी से काम किया जा रहा है। दरअसल सिसोदिया ने नवाचार के तहत ग्रामीण इलाकों के बच्चों को सम्मानजनक तरीके से भोजन कराने के लिए डाइनिंग टेबल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। विभाग द्वारा भारत सरकार के मनरेगा योजना के अंतर्गत दिये गये प्रावधानों का उपयोग करते हुये ग्राम स्तर पर उपलब्ध सामग्री जैसे पत्थर/पटिया की सहायता से डायनिंग टेबल तैयार करने के निर्देश दिए गए थे।
शुरू में तो कुछ ही स्कूलों को इस योजना में शामिल किया गया एवं प्रदेश में लगभग 26 हजार स्कूलों में पत्थरों से डायनिंग टेबल तैयार करने का काम शुरू किया गया। इसमें से अब तक प्रदेश के लगभग 14 हजार कार्य पूर्ण हो चुके हैं। कोरोना के बाद अब स्कूल खुलने लगे हैं और बच्चे स्कूल जाने लगे हैं। बच्चों को डायनिंग टेबल का यह नया सिस्टम बहुत पसंद आ रहा है। विभागीय मंत्री इस नवाचार के तहत किए जाने वाले काम का हाल बीते रोज भोपाल जिले के सूखा निपानिया गांव का औचक निरीक्षण भी कर चुके हैं।
पोषण आहार संयत्रों के संचालन की दे चुके हैं सौगात
इसके पहले सिसोदिया का विभाग प्रदेश की लाखों महिलाओं के लिए आर्थिक रूप से मजबूत होने का नया रास्ता खोल चुका है। इसके तहत अब प्रदेश में पोषण आहार संयत्रों का संचालन एमपी एग्रो से लेकर उसे आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्व सहायता समूहों के परिसंघों को देने का फैसला कर महिलाओं को सौगात दे चुके है। इससे लाखों स्व सहायता समूह में शामिल महिलाओं को आर्थिक रूप से फायदा होना तय हो गया है। इसकी वजह से अब एक बार फिर प्रदेश के लाखों स्व-सहायता समूहों को भविष्य में लाभ मिलना तय हो गया है। इससे उन्हें बड़े व्यवसाय को चलाने का अवसर भी मिला है।