
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। दो माह बाद भी ग्वालियर-चंबल संभाग में बाढ़ से मिले जख्म भरे नहीं हैं। संभाग के जिन नौ जिलों में बारिश और बाढ़ से भारी नुकसान हुआ था, वहां स्थिति जस की तस है। हालांकि राज्य सरकार ने अपने खजाने से अभी तक 216 करोड़ रूपए की राहत राशि वितरित की है, लेकिन केंद्र सरकार ने एक फूटी कौड़ी भी नहीं दी है। जबकि राज्य सरकार ने केन्द्र से 2043 करोड़ की राहत राशि मांगी है। इस बीच गत दिनों हुई बारिश ने दोनों संभाग की फसलों को चौपट कर दिया है। राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अगस्त में बाढ़ से सवा लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसल को नुकसान पहुंचा था और इससे 1.15 लाख किसान प्रभावित हुए थे। राज्य सरकार ने फसलों के अलावा विभिन्न विभागों को हुए नुकसान की अध्ययन रिपोर्ट भेजते हुए केन्द्र सरकार से 2043 करोड़ की मांग की है। अभी यह राशि मिली भी नहीं है कि गत दिनों हुई बारिश से इस बार धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है जबकि पिछली बार सोयाबीन, मूंग, बाजरा और मूंगफली सहित धान की खड़ी फसल को क्षति हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार श्योपुर, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, गुना, दतिया, विदिशा और भिंड जिले की 63 तहसीलों में आपदा से नुकसान हुआ था।
एनडीआरएफ के नाम पर अभी तक कोई राशि नहीं
एनडीआएफ का केन्द्र से पूरा बजट मिलता है जबकि बाढ़ और बारिश से हुए नुकसान पर केन्द्र का 75 प्रतिशत और राज्य का 25 प्रतिशत अंश होता है। राज्य शासन ने केंद्र सरकार को रिमांइडर भेजते हुए आपदा राशि जारी करने का आग्रह किया है। इधर, फिर हुई बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई है। वहीं राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी का कहना है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में बारिश हुए नुकसान की रिपोर्ट केन्द्र को दो माह पहले भेजी जा चुकी है। 2 हजार करोड़ से अधिक की डिमांड की है लेकिन एनडीआरएफ के नाम पर अभी तक कोई राशि नहीं मिली है। राज्य सरकार राहत के नाम पर अपने खजाने से 216 करोड़ की राशि वितरित कर चुकी है। केंद्र से राशि मिलने का इंतजार है।