
भोपाल/ गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए शासकीय अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने से केन्द्र सरकार प्रदेश की शिव सरकार से बेहद नाराज है। यह नाराजगी हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा भेजे गए पत्र में जाहिर की गई है। यह पत्र केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के समान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है। इस पत्र में शासकीय सेवकों के खिलाफ कार्रवाई करने में लेतलतीफी को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए एसओपी जारी कर उसके अनुसार जल्द ही सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार निवारण की धारा 17-ए में तय मानकों को ध्यान में रखकर कार्रवाई की जाए।
इसके साथ ही यह नसीहत भी दी गई है कि यह ध्यान रहे कि उक्त धारा के तहत कार्रवाई में कोई देरी नहीं की जाए। केन्द्रीय कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (डीओपीटी) ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17-ए के तहत दर्ज मामलों के मानकीकरण और संचालन के लिए जारी निर्देशों के बाद जीएडी ने अब सक्रियता दिखाते हुए सभी कमिश्नर, कलेक्टर और विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
इस निर्देश में आगे इसके अनुसार ही कार्रवाई कराने को कहा है। जीएडी ने सभी अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार से जारी एसओपी का अवलोकन करे। इसमें शासकीय अधिकारियों पर जांच एजेंसियों की ओर से की गई कार्रवाई के लिए पुर्वानुमति प्राप्त करने के लिए सक्षम अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। इसकी सूची जिलों से लेकर विभागाध्यक्ष तक को भेजी गई है। इसमें अधिकारियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की जांच शुरू करने से पहले चेकलिस्ट के अनुसार प्रकरण संबंधित पुलिस अधिकारी की ओर से प्रस्तुत किया जाएगा।
स्कूटनी के बाद देना होगी जानकारी
जीएडी की ओर से नामांकित अधिकारी जांच एजेंसियों से प्राप्त प्रकरण में प्रावधान और एसओपी के अनुसार चेक लिस्ट के अनुसार स्कूटनी करेगा। प्रकरण प्राप्ति की सूचना संदर्भित पत्र में निर्देशों के उल्लेखित संबंधित जांच और अन्वेषण एजेंसी को देगा। इसके तहत त्वरित कार्रवाई की जाएगी। जानकारी देने में विलंब करने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हर विभाग में होगी अफसर की नियुक्ति, मांगी जानकारी
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-17 ए के तहत प्राप्त प्रकरणों को ग्रहाय करने के लिए संबंधित विभाग के अवर सचिव स्तर के अधिकारी को नामांकित किया जाएगा। इसके लिए जीएडी ने सभी विभागों में इस अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के लिए अवर सचिव स्तर के अधिकारी का नाम, पदनाम, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर की जानकारी एक सप्ताह में भेजने को कहा है।