6 दिन तक इंदौर में उत्सव

इंदौर में उत्सव

प्रवासी सम्मेलन और समिट का साक्षी बनने की इंदौरी तैयारी

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में प्रवासी सम्मेलन और समिट का साक्षी बनने की  तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। इस दौरान पूरी सरकार इंदौर में ही रहने वाली है, जिसकी वजह से यह शहर इन दिनों अघोषित  रुप से प्रदेश की राजधानी के रुप में दिखने लगी है। इन दोनों ही आयोजनों में प्रदेश की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।  दरअसल 8 से 10 जनवरी तक प्रवासी सम्मेलन हो रहा है और इसके तत्काल वाद ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन  भी किया जा रहा है।
सरकार ने जहां इस आयोजन में प्रदेश की समृद्वशाली पंरपरा और इतिहास को दिखाने की तैयारी की है तो वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने निवेशकों को लुभाने के लिए खुद वन टू वन करने की भी तैयारी की है। खास बात यह है कि इस दौरान मुख्यमंत्री हर दिन 18 घंटे निवेशकों से बात करेंगे। उधर, दोनों ही आयोजनों में कोई कमी न रह जाए इसके लिए सरकार ने बीते रोज आठ अखिल भारतीय सेवा के अफसरों की भी इंदौर में पदस्थापना की हैं। उधर, समिट में देश के शीर्ष उद्योगपति भी शामिल होने के लिए आ रहे हैं।
सत्रों की कमान रहेगी मंत्रियों पर
प्रवासी भारतीयों के पैनलिस्टों की भागीदारी के साथ पीबीडी सम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित सत्र होंगे। सत्र की अध्यक्षता मंत्री स्तर से की जाएगी। सत्रों से प्राप्त निष्कर्षों पर कार्रवाई के लिए संबंधित मंत्रालयों विभागों के साथ जानकारी साझा की जाएंगी। पहले सत्र में 8 जनवरी को नवाचारों और नई प्रौद्योगिकी में प्रवासी युवाओं की भूमिका, दूसरे सत्र में 9 जनवरी को अमृत काल में भारत के हेल्थकेयर इकोसिस्टम को बढ़ावा देने में प्रवासी भारतीयों की भूमिका: विजन 2047, तीसरे सत्र में 9 जनवरी को भारत की सॉफ्ट पावर का लाभ उठाना – शिल्प, व्यंजन और रचनात्मकता के माध्यम से सद्भावना, चौथे सत्र में 10 जनवरी को भारतीय कार्यबल की वैश्विक गतिशीलता को सक्षम करना – भारतीय डायस्पोरा की भूमिका और पाँचवें सत्र में 10 जनवरी को राष्ट्र निर्माण के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण की दिशा में प्रवासी महिला उद्यमियों की क्षमता का दोहन विषय पर विस्तृत चर्चा होगी। अब तक 66 देशों से 3200 से अधिक व्यक्तियों ने पंजीकरण कराया है। इस कार्यक्रम में यूएई, मॉरीशस, कतर, ओमान, यूएसए, यूके, बहरीन, कुवैत और मलेशिया सहित कई देशों के बड़े प्रवासी प्रतिनिधि-मंडल भाग लेंगे। मॉरीशस, मलेशिया और पनामा सहित कुछ देशों से मंत्रि-स्तरीय प्रतिनिधि-मंडल सहभागिता करेंगे।
यह है निवेशकों के रुझान बढ़ने की वजह
प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से प्रदेश में निवेश के लिए देश-विदेश के निवेशकों का रूझान बढ़ रहा है। यहाँ बिजनेस स्टार्ट करने के लिये शासकीय अनुमतियों से लेकर इंडस्ट्री प्रारंभ करने के बाद उसके सफल संचालन के लिये आवश्यक सभी सुविधाएं आसानी से प्राप्त हो जाती हैं।  राज्य प्राकृतिक संसाधनों और खनिजों से सम्पन्न है। राज्य में 95 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र, 7 स्मार्ट सिटी और बेहतरीन यातायात व्यवस्था है। राज्य में खेती एवं प्रोसेसिंग क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है, जिससे औद्योगिक निवेश के लिए माहौल बन रहा है। इसके साथ ही फार्मास्यूटिकल ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, लॉजिस्टिक, आईटी, अक्षय ऊर्जा, पर्यटन, शहरी विकास ऐसे क्षेत्र हैं, जहाँ निवेश की अपार संभावनाएं हैं। राज्य में कुशल मानव संसाधन और उचित मूल्य पर भूमि की उपलब्धता, राज्य में औद्योगिक वातावरण को तैयार करती है। सरकार की नीति और प्रशासन का सहयोग इस दिशा में मददगार साबित हो रहा है। मध्य प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए वह सभी कुछ है, जो निवेश के लिए आवश्यक है। देश के केंद्र में स्थित होने के कारण प्रदेश की सीमा देश के 5 राज्यों से लगती है और यह देश की तकरीबन 50 प्रतिशत आबादी को प्रवेश देता है।

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