
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में नर्सिंग कलेजों की मान्यता में किए गए फर्जीवाड़ा की जांच अब सीबीआई द्वारा की जाएगी। इसको लेकर हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने यह मामला अब सीबीआई को सौंप दिया है। इसके साथ ही अब यह तय माना जा रहा है कि, नर्सिंग कॉलेजों के साथ ही नर्सिंग काउंसिल पर शिकंजा कसेगा। दरअसल संबद्धता और मान्यता के मामले में अब तक नर्सिंग कॉलेजों व नर्सिंग काउसलिंग के बीच सांठगांठ की बात सामने आ रही है। इस जांच के लिए सीबीआई को तीन महीने का समय दिया गया है। जांच के बाद रिपोर्ट कोर्ट को देने के भी निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 5 जनवरी 2023 को तय की गई है। इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश रोहित आर्या ने अफसरों को जमकर फटकार लगाई और कहा कि जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, ऐसे में चुप नहीं बैठा जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक-एक कमरे में नर्सिंग कालेज चल रहे हैं, कोई देखने वाला नहीं है, बिना जांच पड़ताल के मान्यता दे दी जाती है। आखिर यह किसकी जिम्मेदारी है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने प्रदेश में सत्र 2019-20 में 520 कॉलेजों को संबद्धता दी थी। इन कॉलेजों में ग्वालियर के 35 कॉलेज भी शामिल हैं। बुधवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के डीएमई, इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव व मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधिकारी को तलब किया गया था। सभी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उपस्थित रहे। सभी ने कोर्ट के सामने अपना-अपना पक्ष रखा है। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले की गंभीरता से लेते हुए सीबीआई को जांच सौंपने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने तत्काल जांच शुरू करने के निर्देश भी दिए हैं।
कोर्ट में जाना पड़ गया मंहगा
दरअसल 2019-20 में कुछ कॉलेजों में कोरोना काल में सीटे खाली रह गई थीं तभी, एडमिशन पोर्टल बंद हो गया था। पोर्टल खुलवाकर नए सिरे से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए हाईकोर्ट में कॉलेजों की ओर से याचिका लगाई गई थी। जिस पर हाईकोर्ट ने सख्त निर्णय लिया है। इससे याचिका लगाने वालों की मुश्किलें बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि शिकारी खुद शिकार हो गया। हाई कोर्ट ने इन कॉलेजों से पास होकर निकलने वाले छात्रों के कार्यों पर चिंता जताई है। कोर्ट का कहना है कि जब इन्हें मेडिकल की जानकारी नहीं हैं तो ऐसे छात्र नर्स बनकर अस्पतालों में सेवाएं देते हैं तो मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ होगा। यदि आपरेशन थियेटर में काम कराया जाता है तो क्या स्थिति बनेगी। यह मरीजों के साथ धोखा है। कई कालेजों के रिकॉर्ड के अवलोकन में प्राथमिक गड़बड़ी पायी गई है।
जांच में होगा बड़ा खुलासा
हाईकोर्ट द्वारा सीबीआई को जांच सौंपने के बाद नर्सिंग कॉलेज में संबद्धता और मान्यता का फर्जीवाड़ा करने वाले परेशान है। अब एमपी नर्सिंग काउंसिल, मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मुश्किल बढ़ना तय है। इसकी वजह है हर स्तर पर कॉलेजों को मान्यता व संबद्धता देने में गड़बड़ी का मिलना। ग्वालियर अंचल के 36 कॉलेजों ने शिक्षण सत्र 2019-20 के विद्यार्थियों का नामांकन कराकर परीक्षा कराने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने इन कॉलेजों का रिकॉर्ड मंगवाया तो काफी गड़बड़ी पायी गई।