
- पुलिस मुख्यालय ने सभी रेंज आईजी को पत्र भेजकर दिलाई याद
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में पुलिसकर्मियों के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए सरकार स्कॉलरशिप देती है। लेकिन विडंबना यह है कि सरकार इस योजना का फायदा एमबीबीएस और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे पुलिसकर्मियों के बच्चों को नहीं मिल पा रहा है। दरअसल, पुलिस मुख्यालय के दिशा-निर्देश के बाद भी पुलिस अधीक्षकों (कप्तानों)की रूची ‘अपनों’ यानी पुलिसकर्मियों के बच्चों को स्कॉलरशिप दिलाने में नहीं है। स्थिति यह है कि 29 जिलों से एक भी प्रस्ताव इस साल नहीं आया है। इस पर पुलिस मुख्यालय ने सभी रेंज के आईजी को पत्र भेजकर उनके क्षेत्र की स्थिति से अवगत कराया है।
गौरतलब है कि पुलिसकर्मियों के बच्चे जो एमबीबीएस और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी फीस पुलिस मुख्यालय अदा करता है। पुलिस मुख्यालय की पुलिस कल्याण एक योजना चला रहा है, जिसमें पुलिसकर्मियों के बच्चे जो एमबीबीएस कर रहे हैं उन्हें अधिकतम 50,000 रुपये और इंजीनियरिंग सहित अन्य कॉलेज पाठ्यक्रमों के लिए अधिकतम 40,000 रुपये या वास्तविक फीस, जो भी कम , दी जाती है। शाखा ने अपनी सभी 119 फील्ड इकाइयों को वर्ष 2024-25 की फीस प्रतिपूर्ति आवेदन भेजने के लिए पत्र जारी किया था, ताकि फीस प्रतिपूर्ति की जा सके। वर्ष 2024-25 के लिए महज 474 आवेदन ही मुख्यालय तक पहुंचे। फील्ड इकाइयों की लापरवाही तब भी सामने आई, जब वर्ष 2023-24 में मात्र 2337 आवेदन ही कार्यालय पहुंचे।
जून में डीजीपी करेंगे समीक्षा
गौरतलब है कि पुलिसकर्मियों के बच्चे जो एमबीबीएस और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं, उनकी फीस पुलिस मुख्यालय अदा करता है, लेकिन जिलों सहित अन्य इकाई इस योजना का लाभ अपने फोर्स को दिलाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इससे पुलिस मुख्यालय नाराज है। नाराज पुलिस मुख्यालय के अफसर ने सभी रेंज आईजी को इस संबंध में पत्र भेजा है और उनके रेंज में कितने जिलों ने कितने प्रस्ताव भेजे इसका लेखा-जोखा भी उन्हें थमा दिया है। जानकारी के अनुसार 29 जिलों से एक भी प्रस्ताव इस साल नहीं आया है। जानकारी के अनुसार अब डीजीपी कैलाश मकवाना जून में स्वयं इस योजना की समीक्षा करेंगे। एडीजी पुलिस कल्याण अनिल कुमार ने इस संबंध में सभी रेंज के आईजी को पत्र लिखा है। साथ ही उनके रेंज के हर जिले की स्थिति भी बता दी है। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि पुलिस महकमें द्वारा विद्यार्थियों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजना की जानकारी हर पुलिसकर्मी तक पहुंचाएं, ताकि उन्हें अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए पैसे मिल सकें। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे हर छोटी इकाई जैसे थाना, पुलिस चौकी, कंपनी और अन्य अनुभागों से संपर्क करें, ताकि पुलिसकर्मियों को लाभ मिल सके। 15 मई तक सभी इकाईयों को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेशभर से आए मात्र 474 आवेदन
जानकारी के अनुसार जिन जिलों से एक भी आवेदन नहीं आए उनमें भोपाल शहर और देहात दोनों जिले शामिल हैं, वहीं शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, राजगढ़, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरोली, मऊगंज, मैहर, इंदौर देहात, धार, बुरहानुपर, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, रतलाम, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, दतिया, दमोह, पन्ना, बालाघाट, मंडला और डिंडौरी जिलों से एक भी आवेदन पुलिसकर्मियों के बच्चों की हायर एजुकेशन की फीस अदायगी के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा। पुलिस बल के अनुमान के अनुसार करीब पांच प्रतिशत आवेदन कम से कम आना चाहिए थे, लेकिन पुलिस मुख्यालय में बहुत कम आवेदन पहुंच रहे हैं। प्रदेश पुलिस की 119 इकाइयों में से सिर्फ 49 इकाइयों ने 474 आवेदन भेजे हैं, बाकी जिले एक भी आवेदन नहीं भेज पाए हैं। तीस जून के बाद सभी आईजी अपने जोन की मूल्यांकन रिपोर्ट भेजेंगे और डीजीपी इस रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे।