
- घोषणा के एक साल बाद भी इंतजार
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रही है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश में मोटे अनाज (मिलेट्स) के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य मिलेट मिशन संचालित किया जा रहा है। सरकार द्वारा कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा और रागी जैसी फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को प्रमाणित बीज, प्रशिक्षण, भ्रमण और वर्कशॉप जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। साथ ही सरकार ने एक साल पहले किसानों को मिलेट्स पर बोनस देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक किसानों को उसका इंतजार है। मप्र सरकार ने जनवरी, 2024 में मिलेटस खरीदी पर प्रति किलो 10 रुपए बोनस देने का निर्णय लिया। कोदो खरीदी का भाव 20 रु. और कुटकी का 30 रु. किलो तय हुआ था। फिर अक्टूबर, 2024 में सरकार ने मिलेट्स की खरीदी किए बगैर किसानों को प्रति हेक्टेयर 3900 रुपए बोनस देने का फैसला किया।
गौरतलब है कि मप्र सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में किसानों के हित में ऐतिहासिक निर्णय लिया था। सरकार ने मिलेट्स (कोदो-कुटकी) की खरीदी किए बगैर किसानों को प्रोत्साहन राशि (बोनस) देने की घोषणा की थी। संभवत: देश में पहली बार किसी सरकार ने ऐसा निर्णय लिया, लेकिन सरकार अब तक अपने फैसले पर अमल नहीं कर पाई है। प्रदेश के मिलेट्स उत्पादक किसान साल भर से बोनस मिलने का इंतजार कर रहे हैं। एक साल में सरकार यह तय नहीं कर पाई है कि किसानों को बोनस दें या नहीं दें। उच्च स्तर पर इस पर मंथन जारी है। गौरतलब है कि प्रदेश में मिलेट्स का उत्पादन साल-दर-साल बढ़ रहा है। वर्ष 2024-25 में 12.60 लाख मीट्रिक टन मिलेट उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसे बढ़ाकर वर्ष 2025-26 में 13.85 लाख मीट्रिक टन, 2026-27 में 15.35 लाख मीट्रिक टन, 2027-28 में 17.35 लाख मीट्रिक टन और 2028-29 तक 19.85 लाख मीट्रिक टन तक ले जाने की योजना है।
करीब 40 करोड़ बोनस बांटा जाना है
सरकार पिछले साल ही मिलेट्स के रकबे का सर्वे करा चुकी है। करीब एक लाख हेक्टेयर में मिलेट्स का बुवाई हुई थी। किसानों को मिलेट्स का करीब 40 करोड़ रुपए बोनस बांटा जाना है। प्रदेश में अधिक से अधिक किसानों को मिलेट्स (श्रीअन्न) की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से 3 जनवरी, 2024 को जबलपुर में हुई कैबिनेट की बैठक में रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई थी। बैठक में मिलेट्स का उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए बोनस देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद सरकार ने मिलेट्स की खरीदी से लेकर इसके प्रसंस्करण, ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए मिलेट्स फेडरेशन का गठन किया था। फेडरेशन के गठन में देरी से कोदो-कुटकी की खरीदी के लिए उपार्जन केंद्र, इसके परिवहन, स्टोरेज आदि की व्यवस्थाएं नहीं हो पाईं। इस कारण पिछले साल सरकार कोदो-कुटकी की खरीदी नहीं कर पाई थी। इसे देखते हुए सरकार ने अक्टूबर, 2024 में कोदो-कुटकी दो-कुटकी दो-कुटकी की की खरीदी किए बगैर ही किसानों को प्रति हेक्टेयर 3900 रुपए बोनस देने का निर्णय लिया था। सर्वे में प्रदेश में एक लाख हेक्टेयर से ज्यादा में मिलेट्स की बुवाई का आंकड़ा सामने आया था। इस तरह सरकार को लगभग 40 करोड़ रुपए की बोनस राशि का वितरण किसानों को करना है। सरकार ने किसानों को दिसंबर, 2024 में बोनस का वितरण करने की तैयारी की थी। दिसंबर से अक्टूबर आ गया, लेकिन सरकार किसानों को बोनस देने को लेकर अब तक अंतिम निर्णय नहीं ले पाई है। कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना का कहना है कि मप्र सरकार किसान हितैषी सरकार है। किसानों से किया गया हर एक वादा पूरा किया जाएगा।
इस साल मिलेट्स खरीदने की तैयारी
मप्र में इस साल सरकार ने मिलेट्स खरीदने की तैयारी शुरू कर दी है। कृषि विभाग के अधिकारी इस संबंध में प्रारंभिक दौर की चर्चा कर चुके हैं। प्रदेश में मिलेट्स के रकबे का सर्वे किया जा रहा है। जल्द ही रकबा का डाटा कम्पलाइल कर लिया जाएगा। मिलेट्स का रकबा संबंधी डाटा फायनल होने के बाद खरीदी के संबंध में आगे की रूपरेखा बनाई जाएगी। देश में मिलेट्स के उत्पादन के मामले में राजस्थान सबसे आगे है। मिलेट्स उत्पादन में मप्र का सातवां स्थान है। देश में कुल उत्पादित होने वाले मिलेट्स उत्पादन में से राजस्थान अकेला 28.06 फीसदी का उत्पादन और मध्य प्रदेश 5.07 प्रतिशत मिलेट्स का उत्पादन करता है। जबलपुर संभाग में मुख्यत: मंडला-डिंडोरी जिला और जबलपुर जिले के कुंडम क्षेत्र में ही कोदो-कुटकी का उत्पादन हो रहा है। मप्र में इस बेल्ट को मिलेट्स का कटोरा कहा जाता है। मिलेट्स में शामिल हैं 16 किस्में मिलेट्स की 16 प्रमुख किस्में हैं। इनमें ज्वार, बाजरा, रागी, लघु बाजरा, प्रोसो बाजरा, कोदो, कुटकी आदि शामिल हैं। मिलेट्स कैल्शियम, आयरन और फाइबर से भरपूर होता है।