मप्र में 2024 तक हर गरीब के सिर पर होगी पक्की छत

शिवराज सिंह चौहान
  • 4.50 लाख आवासहीनों को ढाई वर्ष में आवास उपलब्ध कराने दोगुनी रफ्तार से करना होगा काम

भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संकल्प है कि प्रदेश का कोई भी गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा। हर व्यक्ति का अपना पक्का मकान होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना में वर्ष 2024 तक हर व्यक्ति को पक्का आवास उपलब्ध करा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री के इसी संकल्प को पूरा करने के लिए दोगुनी रफ्तार से काम करना होगा। आवासहीनों की कतार में खड़े साढ़े चार लाख से अधिक गरीबों को ढाई वर्ष के अंदर आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। वर्ष 2016 से अब तक 5 लाख से अधिक शहरी गरीबों, आवासहीनों के घर का सपना सरकार पूरा कर पाई है। प्रदेश में 9 लाख 76 हजार से अधिक लोगों ने पक्के आवास लेने के लिए आवेदन किया था। ढाई साल में सभी शहरी गरीबों और निम्न आय वर्ग के लोगों के घर का सपना पूरा करने के लिए सरकार ने लक्ष्य तय किया है। आवेदन करने वालों में सबसे ज्यादा हितग्राही कच्चे आवास वाले हैं। यानी कि जिनके पास जमीन थी, लेकिन उनके घर मिट्टी अथवा झुग्गियां बनी हुई थीं। इस तरह के हितग्राहियों की संख्या 7.33 लाख से अधिक है। अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 3 लाख 45 हजार के आवास भी बनकर तैयार हो गए हैं।
 प्रदेश में अभी तक इस योजना में 24 लाख 10 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराए जा चुके हैं। वर्ष 2016-17 में योजना में 152 आवास पूर्ण हुए थे, वर्ष 2017-18 में 6 लाख 36 हजार, वर्ष 2018-19 में 6 लाख 79 हजार, वर्ष 2019-20 में 2 लाख 71 हजार, वर्ष 2020-21 में 2 लाख 60 हजार एवं वर्ष 2021-22 में 5 लाख 41 हजार से अधिक प्रधानमंत्री आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं। योजना के अंतर्गत प्रोजेक्ट में बैगा, सहरिया एवं भारिया जनजातियों के स्वीकृत आवासों में से 23 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं। भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा एक अप्रैल, 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) देश में शुरू की गई। इसमें सभी पात्र बेघर परिवारों एवं कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को वर्ष 2024 तक पक्का आवास उपलब्ध कराया जाएगा, जिनमें सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी।
3 लाख आवास निर्माणाधीन
वर्ष 2015-16 में शुरू हुई प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक मध्यप्रदेश में 511597 आवास आवंटित किए जा चुके हैं। कुल 976547 आवास स्वीकृत हैं। हालांकि समय-सीमा में सभी को आवास उपलब्ध कराने में निकायों को मेहनत करनी होगी। पिछले डेढ़ वर्ष यानी 2021 के बाद से अब तक निकायों में 11 हजार लोगों ने आवास के लिए आवेदन किया है। हालांकि इनके आवेदनों पर अभी सरकार विचार नहीं कर रही है, पर इनका सत्यापन कर चुकी है। इसकी वजह यह है कि पहले जिनके आवेदन आए थे, उन्हीं के आवास मंजूर हुए हैं। अब नई आवास योजना अथवा पीएम आवास के दूसरे चरण की स्वीकृति मिलने पर इन आवास मिल पाएंगे। प्रदेश में तीन लाख से अधिक पीएम आवासों के निर्माण चल रहे हैं। सबसे ज्यादा आवास भोपाल और इंदौर में बनाए जा रहे है। सूबे में जिन हितग्राहियों के आवास स्वीकृत हुए हैं और उन्हें प्रारंभिक राशि जमा कर दी है, उन्हें आवास तैयार होने के बाद उसकी चाबी भी सौंपी जा रही है। योजना में हितग्राही का चयन सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2021 की सर्वे सूची के आधार पर किया जाता है। योजना में समतल क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों को 01 लाख 20 हजार रुपये प्रति आवास एवं आईपीए जिलों (इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान फॉर ट्राइबल एंड बैकवर्ड डिस्ट्रिक्ट) में 01 लाख 30 हजार रुपये प्रदान किये जाते हैं। आवास स्वीकृत होने पर 25 हजार रुपये की पहली किश्त, प्लिंथ स्तर पर 40/45 हजार रुपये की दूसरी किश्त, लिंटल स्तर पर 40/45 हजार रुपये की तीसरी किश्त तथा आवास पूर्ण होने पर 15 हजार रुपये की चौथी किश्त दी जाती है। साथ ही शौचालय निर्माण के लिये 12 हजार रुपये अतिरिक्त रूप से दिये जाते हैं। मनरेगा योजना में आवास के हितग्राही को 90 से 95 दिन की मजदूरी का भुगतान भी किया जाता है।
31 लाख 36 हजार परिवारों का नाम जोड़ा गया
सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2021 की सर्वे सूची में छूटे हुए पात्र व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास दिलवाने के लिये आवास प्लस योजना शुरू की गई है। इसमें प्रदेश में छूटे हुए 31 लाख 36 हजार परिवारों का नाम जोड़ा गया है, जिन्हें भारत सरकार की गाइड-लाइन अनुसार आवास दिये जा सकेंगे। प्रदेश में अभ्युदय नवाचार के माध्यम से ऐसे ग्राम अथवा ग्राम पंचायतें, जहाँ 100 से अधिक आवास बन रहे हैं, वहाँ विभिन्न योजनाओं को जोड़कर एकीकृत कार्य-योजना बनाई जाती है, जिससे ग्राम एवं ग्रामीणों का सर्वांगीण विकास हो सके। इसमें सामुदायिक और व्यक्तिगत अधोसंरचना निर्माण, सामाजिक सुरक्षा, आजीविका सुदृढ़ीकरण आदि कार्य किये जाते हैं। अभ्युदय नवाचार में पूरे प्रदेश में अभी तक 2731 ग्रामों का चिन्हांकन किया गया है, जिनमें से 1668 ग्रामों के सर्वांगीण विकास की विस्तृत कार्य-योजना बनाई जा चुकी है। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास निर्माण में फ्लाई ऐश ब्रिक्स के उपयोग के लिये हितग्राहियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ये ईंटें सामान्य ईंटों की तुलना में सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण होती हैं। प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को भी आवास निर्माण के कार्य से जोड़ा गया है। प्रदेश में 33 स्व-सहायता समूहों के 300 से ज्यादा सदस्य लगभग 60 से 65 हजार फ्लाई ऐश ईंट प्रतिदिन बना रहे हैं। इसके अलावा लगभग 2800 स्व-सहायता समूहों के 11 हजार 840 सदस्यों को बैंकों से ऋण दिलवा कर सेन्टरिंग सामग्री उपलब्ध कराई गई है। इन कार्यों से ग्रामीण क्षेत्र के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं का आर्थिक सुदृढ़ीकरण भी हो रहा है।

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