ब्यूरोक्रेट्स की डीपी लगाकर हो रही ठगी

ब्यूरोक्रेट्स
  • ऑनलाइन ठगी का नया ट्रेंड आया सामने

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। तू डाल-डाल, मैं पात-पात की तर्ज पर ठगोरे ऑनलाइन ठगी के नए-नए तरीके खोज रहे हैं। अभी हाल ही में प्रदेश में ऑनलाइन ठगी का नया ट्रेंड देखने में आया है। साइबर क्राइम करने वाले शातिर लोग अब प्रदेश के मंत्री, आईएएस-आईपीएस की आईडी नंबर और प्रोफाइल बताकर-दिखाकर अवैध वसूली कर रहे हैं।  फेक आईडी और वॉट्सऐप अकाउंट के जरिए धोखाधड़ी की जा रही है।
जानकारी के अनुसार डायलर चीट कोड और लिंक स्क्रिप्ट डलवाकर धोखाधड़ी की जा रही है। पिछले महीनों में ऐसे कई मामले सामने आ है जिस सभी मामलों में ठगी का प्रयास किया गया। बड़े अधिकारियों की वॉट्सऐप में डीपी लगाकर ठगी का प्रयास करते हैं।
इस बार ठग सक्रिय हो गए हैं। खुद को सीआईएसएफ आॅफिसर बता रहे थे। इसी कड़ी में आईपीएस सचिन अतुलकर के फेसबुक फैंस अड्डा में सामान बेचने का विज्ञापन दे रहे है। मंजीत सिंह नाम के ठग ने आईपीएस अतुलकर के फैंस अड्डा में विज्ञापन छपवाया है। मंजीत सिंह ने खुद को सीआईएसएफ का आॅफिसर बताया है। फर्जी अकाउंट में लिखा-अर्जेंटली ट्रांसफर टू अदर स्टेट। सायबर क्राइम एसीपी अक्षय चौधरी ने बताया कि इसी प्रकार का नया तरीका लिंक या स्क्रिप्ट भेजकर धोखाधड़ी की जा रही है। जैसे ही आप यह लिंक डाउनलोड करते हैं, तो आपके मोबाइल की सेटिंग और परमिशन चेंज हो जाती है। एप के माध्यम से अधिक डाटा आदि को एक्सेस कर वाट्सऐप का दुरुपयोग किया जाता है।
तीन माह में 65 मामले सामने आए
आॅनलाइन ठगी के इस नए ट्रेंड से जालसाज डायलर चीट कोड और लिंक स्क्रिप्ट डलवाकर कॉल डायवर्ट कर धोखाधड़ी कर रहे हैं। गत तीन माह में इस तरह के करीब 65 मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों से ठगी की गई या ठगी का प्रयास किया गया है। जानकारी के मुताबिक, जालसाज इन दिनों ऐसे मोबाइल नंबर को सर्च करते हैं, जो कि की-पैड वाले मोबाइल पर चलते हैं। इन मोबाइल नंबर पर डायलर चीट कोड उदाहरण के लिए हैज, स्टार, वन, टू हैज धोखे से डलवाकर कॉल डायवर्ट कर लेते हैं। उसी नंबर पर व्हाट्सएप चालू कर लेते हैं। ओटीपी के जरिए वाट्सऐप अकाउंट एक्टिवेट कर लेते हैं। अब शुरू होता है ठगी का गोरखधंधा। इस नंबर के जरिए आॅनलाइन जालसाज बड़े होटल, अस्पताल, ट्रेवल एजेंसी में एडवांस बुकिंग के नाम पर ठगी कर लेते हैं। कॉल डायवर्ट कर धोखाधड़ी की करीब 15 शिकायतें सामने आई हैं। गत दिनों राजधानी के बड़े अस्पताल, एक लायब्रेरी और होटल में इस तरह से ठगी की गई है। इन्हीं नंबरों के व्हाट्सएप पर नामी-गिरामी नेता-मंत्री, अफसरों के फोटो लगाकर करीब 50 लोगों से ठगी और ठगी का प्रयास किया गया है। राजधानी के कुछ थानों में नेता-मंत्री की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। उनके नाम से जालसाज ने अधीनस्थ से पैसे मांगे हैं।
नामचीन लोगों के नाम पर ठगी
इस तरह की ठगी के लिए नामचीन लोगों के नाम का सहारा लिया जा रहा है। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि (आरजीपीवी) के कुलपति, शहर के दो-तीन डॉक्टर, आईएएस, आईपीएस अधिकारी समेत कई नेता-मंत्री के नाम की वाट्सएप पर फोटो लगाकर अधीनस्थों से पैसे मांगने का प्रयास हो चुका है। अभी रविवार को एक वाक्या सामने आया है। किसी मंजीत सिंह ने एडिशनल सीपी सचिन अतुलकर की फेसबुक आईडी का फ्रंट पेज दिखाते हुए टैग किया है कि मैं सीआईएसएफ में आफिसर हूं। मेरा ट्रांसफर हो गया है। मैं अपना सामान तुरंत बेचना चाहता हूं। डीसीपी क्राइम अमित कुमार का कहना है कि इस मामले में अभी कोई शिकायत नहीं हुई है। कि किसी के साथ फ्रॉड हुआ है। इससे पहले भी सचिन अतुलकर की लोकप्रियता को देखते हुए चित्रकूट, सतना के कबाड़ी संतोष गुप्ता ने एडिशनल सीपी की फर्जी आईडी बनाकर एक कैंसर पीड़ित बच्ची के इलाज में मदद के लिए 50-50 रुपए मांगे थे। इस तरह जालसाज 22 हजार रुपए लोगों से ऐंठ लिए थे। क्राइम ब्रांच ने आरोपी संतोष को गत 2 जून को चित्रकूट, सतना से गिरफ्तार किया था।

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