
- केंद्र ने ठुकराया राज्य सरकार द्वारा भेजा गया प्रस्ताव…
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए सड़कों के निर्माण की योजना मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई थी। अब इस योजना को केन्द्र सरकार से बड़ा झटका लगा है। इसकी वजह है केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार द्वारा भेजे गए इस प्रस्ताव को यह कहकर लौटा दिया गया है कि इस संबंध में केन्द्र की कोई योजना ही नहीं है।
केन्द्र सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वर्ष 2011 के जनगणना के आधार पर 250 से अधिक जनसंख्या वाले ग्रामों की सड़क संपर्कता बढ़ाने के लिए कोई योजना ही नहीं बनाई गई है। दरअसल प्रदेश सरकार द्वारा छोटे गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए राज्य शासन द्वारा गठित मंत्री समूह द्वारा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के तहत अनुशंसा की गई थी। इसके बाद मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा ऐसे 1,592 राजस्व ग्रामों का चयन कर 3,669 किलोमीटर की सड़कों के निर्माण के लिए 917 करोड़ रुपए का प्लान तैयार कर इन ग्रामों में से 399 ग्रामों में 937 किमी लंबाई की सड़कों की सैद्धांतिक प्रशासकीय सहमति प्रदान की गई है। अब इसके लिए केन्द्र द्वारा हाथ खड़ा करने की वजह से राज्य सरकार को अपने पास से बजट का इंतजाम करना पड़ेगा। जब तक अब राज्य सरकार इस राशि का इंतजाम कर आवंटन नहीं करती है जब तक यह काम शुरू नहीं हो पाएगा।
केन्द्र ने दी 340 पुलों की मंजूरी
मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा नए वित्त वर्ष के लिए तैयार किए गए विजन में पीएमजीएसवाई-तीन के तहत 4,500 किमी लंबाई की सड़कें और 180 पुलों के निर्माण का लक्ष्य तय किया है। इसी तरह से पूर्व में केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश की 12,362 किमी लंबाई की सड़कों में से 11,390 किमी की सड़कों एवं 340 पुलों हेतु स्वीकृति दी गई थी। इसमें से इस साल के वित्तीय वर्ष के अंत तक 6,300 किमी लंबाई की सड़कें एवं 75 पुलों का निर्माण पूरा होने का अनुमान है। इसी तरह एमपीआरसीपी योजना में तय साढ़े चार हजार किमी की सड़कों में अगले वित्त वर्ष तक 1,650 किमी लंबाई की सड़कों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने पीएम सड़क योजना अन्तर्गत पूर्ण सड़कों के संधारण हेतु आवश्यक राशि को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 60-40 के अनुपात में वहन करने हेतु भी एक प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा है।
ग्रामीण सड़कों के विकास में बजट का रोड़ा
हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा की गई विभागीय समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि छोटे गांवों को सड़कों से जोड़ने का प्लान है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बनी एक लाख किमी सड़कों के रखरखाव में बजट का संकट बना हुआ है। प्राधिकरण ने फिर भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सितंबर 2022 तक 1,7541 बारहमासी सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। इसके बाद हालात यह हैं कि विभाग को अपने संसाधनों से हर गांव को सड़कों से जोड़ने का काम करना पड़ रहा है। नॉन ट्राइबल क्षेत्रों में 250 की जनसंख्या और ट्राइबल एरिया में 150 की जनसंख्या वाले करीब इलाकें की 10 हजार किमी की डामर सड़कें बना दी गई हैं। इसमें 8 हजार से अधिक गांवों को जोड़ दिया गया है। इसके अलावा पांच सौ किलोमीटर और सड़कें हर साल मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना अन्तर्गत बनाई जा रही हैं।