एकला चलो की राह पर बसपा, बिगाड़ेगी समीकरण

बसपा

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में भले ही दो दलीय सियासी व्यवस्था हो, लेकिन क्षेत्रीय दल भी बीच-बीच में अपनी ताकत दिखाकर दोनों ही दलों भाजपा व कांग्रेस के समीकरण बनाते बिगाड़ते रहते हैं।  हाल ही में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमों मायावती ने अकेले ही चुनाव में उतरने की घोषणा कर दी है। इससे तय है कि प्रदेश में विधानसभा व अगले साल होने वाला लोकसभा चुनाव वे अकेले लड़ेगी। उन्होंने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी इंडिया, एनडीए या किसी अन्य पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने एक्स (पहले ट्विटर) पर यह ऐलान किया है। इसकी वजह से मध्यप्रदेश में भी अभी से पडऩे वाले असर को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं। माना जा रहा है कि बसपा प्रदेश के दो अंचलों में सीधे तौर पर भाजपा और कांग्रेस को कई सीटों पर नुकसान पहुंचाएगी। रणनीति के तहत बसपा अपनी पहली सूची भी जारी कर चुकी है। इस सूची में भी उप्र की सीमा से लगी प्रदेश की सीटों को ही प्राथमिकता दी गई है। इनमें  दिमनी, राजनगर, रामपुर बघेलान, सिरमौर, निवाड़ी और सिमरिया समेत सात विधानसभा सीटें शामिल हैं। इनमें से अधिकांश सीटें दलित मतदाता बाहुल्य हैं। पार्टी का इन इलाकों में खासा जनाधार रहा है। अगर प्रदेश में बसपा का प्रर्दशन देखें तो एक बार तो उसे नौ फीसदी तक मत मिल चुके हैं। उस समय उसके विधायकों की संख्या सात तो हो गई थी जिसकी वजह से उसे प्रदेश में तीसरी सियासी ताकत के रुप में देखा जाने लगा था। इस बीच पार्टी के अंदर हुए घमासान की वजह से  प्रदेश में बसपा का ग्राफ तेजी से कम होता गया और बाद में तो हर चुनाव में उसके खाते में एक दो सीट ही आती रही हैं। इनमें भी वे प्रत्याशी जीते जो दलबदल कर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे।  अगर बीते  2018 के चुनाव की बात की जाए तो बसपा को  5.10 प्रतिशत मिले थे। इस चुनाव में बसपा ने भिंड और दमोह जिले की पथरिया सीट पर जीत हासिल की थी। हालांकि, बाद में भिंड विधायक संजीव सिंह भाजपा में शामिल हो गए थे। फिर 2020 में 28 सीटों पर हुए उप चुनाव में बसपा खाता भी नहीं खोल पाई, लेकिन 5.75 फीसदी वोट पाने में कामयाब रही। राज्य के ग्वालियर, चंबल, बुंदेलखंड के साथ ही बघेलखंड में पार्टी का अच्छा प्रभाव है। यह सभी उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे हुए हैं। बसपा के प्रत्याशी यहां विधानसभा क्षेत्रों में कई बार दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे हैं।
यह सीटें अहम
रीवा जिले की सिरमौर व सिमरिया, सतना की रैगांव व रामपुर बघेलान, राजनगर, निवाड़ी, मुरैना की दिमनी विधानसभा बसपा के लिए महत्वपूर्ण है। रामपुर बघेलान में 93 और 2008 में पार्टी चुनाव जीत चुकी है। बीएसपी ने जिन सात जनप्रतिनिधियों को उम्मीदवार बनाया है, उसमें पहला नाम रीवा जिले की सिरमौर सीट से पुलिस विभाग से रिटायर डीएसपी विष्णुदेव पांडेय का है। दूसरा नाम रीवा जिले की सेमरिया विधानसभा सीट से पंकज सिंह पटेल का है। सतना जिले की रैगांव सीट से देवराज अहिरवार, खजुराहो की राजनगर विधानसभा सीट से रामराजा पाठक और निवाड़ी विधानसभा सीट से अवधेश प्रताप सिंह राठौर पर पार्टी ने विश्वास जताया है।

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