- प्रदेश की पांच सीटों पर भाजपा काट सकती है टिकट
- गौरव चौहान

भाजपा द्वारा पहली सूची में प्रदेश की जो पांच सीटें होल्ड की गई हैं, उन पर पार्टी द्वारा नए और दमदार प्रत्याशियों को लेकर मंथन जारी है। माना जा रहा है कि दिल्ली में 6 मार्च को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन सीटों पर भी प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लग जाएगी। अहम बात यह है कि इसमें छिंदवाड़ा की चर्चित सीट भी शामिल है। इसके अलावा धार व बालाघाट जैसी आदिवासी बाहुल वाली सीटें भी इसमें शामिल हैं। दरअसल विधानसभा चुनाव में अजजा (एसटी) वर्ग के लिए सुरक्षित 47 में से भाजपा को 23 सीटों पर हार मिली हैै, जिसके बाद पार्टी इन सीटों को चुनौती के रूप में ले रही है। छिंदवाड़ा संसदीय सीट कांग्रेस का गढ़ है। मोदी लहर से लेकर भाजपा के पक्ष में चलने वाली आंधी में भी इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिलती रही है। बीते विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस लोकसभा सीट के तहत आने वाली सातों विस की सीट पर जीती है। यही नहीं छिंदवाड़ा महापौर से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष तक पर भी कांग्रेस का कब्जा है। इस सीट को जीतने के लिए भाजपा लगातार असफल प्रयास कर रही है। यही वजह है कि इस सीट पर सर्वाधिक मंथन किया जा रहा है। पहले माना जा रहा था कि इस सीट पर भाजपा शिवराज सिंह चौहान का उतार सकती है, लेकिन उन्हें विदिशा से प्रत्याशी बनाया गया है। ऐसे में एक बार फिर से माना जा रहा है कि पार्टी यहां से उपचुनाव लड़ने वाले नत्थन शाह पर ही दांव लगा सकती है। इसी तरह की स्थिति धार में है। इस लोकसभा सीट की आठ विधानसभाओं में से पांच पर कांग्रेस जीती है। कांग्रेस ने यहां से विधायक उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया है। जय युवा आदिवासी शक्ति (जयस) का भी यह प्रभाव वाला क्षेत्र है, जो कांग्रेस का समर्थन करता है। माना जा रहा है कि इस बार भाजपा मौजूदा सांसद का टिकट काटकर नया चेहरा उतार सकती है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित उज्जैन सीट मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव का गृह क्षेत्र है। यहां से अभी अनिल फिरोजिया सांसद हैं। इस सीट पर भी चेहरा बदल सकता है। माना जा रहा है कि पार्टी यहां से किसी महिला उम्मीदवार को उतार सकती है। इस सीट पर मुख्यमंत्री की पसंद का खास ध्यान रखा जा सकता है। इसकी वजह है यह क्षेत्र मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र है। इसी तरह इंदौर और बालाघाट लोकसभा सीट के प्रत्याशी को लेकर फिलहाल एक राय नहीं बन पाई है। दरअसल, स्थानीय नेता नए चेहरे को प्रत्याशी बनाने के पक्ष में हैं। यही कारण है कि इन पांचों सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा भाजपा की ओर से नहीं की गई है।
किस लोकसभा सीट पर किसके कितने विधायक
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर अभी कांग्रेस के नकुल नाथ सांसद हैं। इस सीट के तहत सात सीटें आती हैं, जिसमें तीन अजजा, एक अजा, तीन सामान्य सीट हैं। इन सभी विस सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। इसी तरह से धार लोकसभा सीट पर भाजपा के छतरसिंह दरबार हैं। इसके तहत आठ विधानसभा की सीटें आती हैं, जिनमें से पांच सीटें अजजा और तीन सामान्य वर्ग की है। इनमें से पांच कांग्रेस, तीन सीटों पर भाजपा विधायक हैं। उधर, बालाघाट से भाजपा के ढाल सिंह बिसेन सांसद हैं। इस सीट के तहत आने वाली आठ सीटों में दो सीटें अजजा, छह सामान्य है, जिनमें से चार पर कांग्रेस और चार पर भाजपा विधायक हैं। इसी तरह से इंदौर से भाजपा के शंकर लालवानी सांसद हैं। और इसके तहत आने वाली आठ में से एक अजा सीट, सात सामान्य सीट हैं। इन सभी सीटों पर भाजपा के विधायक हैं। अजा के लिए आरक्षित उज्जैन सीट की बात की जाए तो यहां से भाजपा के अनिल फिरोजिया सांसद हैं। इसके तहत आठ में से तीन अजा वर्ग की और पांच सामान्य सीटें हैं, जिनमें से छह पर भाजपा, दो सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं।
किस लोकसभा सीट से कौन हैं दावेदार
होल्ड की गई सीटों पर जो नए चेहरे दावेदार बनकर उभरे हैं , उनमें डां निशांत खरे और जीतू जिराती का नाम शामिल हैं। जीतू पूर्व विधायक हैं। उन्हें कैलाश विजयवर्गीय का समर्थक माना जाता है जबकि निशांत को शिवराज समर्थक माना जाता है। इसी तरह से धर्मधानी कही जाने वाली महाकाल की नगरी उज्जैन में सुरेश गिरी और प्रभुलाल जाटवा, छिंदवाड़ा में नथन शाह, बंटी साहू और डां. गगन कोल्हे की दावेदारी सामने आ रही है, जबकि बालाघाट लोकसभा सीट पर वैभव पंवार और रमेश भटेरे के नाम चर्चा में हैं। इसमें वैभव प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के समर्थक हैं और रमेश भटेरे को शिवराज समर्थक माना जाता है। धार सीट पर रंजना बघेल और सावित्री ठाकुर के नाम दावेदार के रूप में चर्चा में बने हुए हैं। हालांकि माना जा रहा है कि छिंदवाड़ा सीट पर इस बार भाजपा कोई बेहद चौंकाने वाला नाम दे सकती है। फिलहाल सभी की नजर इस सीट पर घोषित होने वाले भाजपा प्रत्याशी पर लगी हुई है।