अफसरों की लेटलतीफी से नहीं पहुंच सकीं बच्चों तक किताबें, हो रहे परेशान

स्कूल शिक्षा विभाग

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। स्कूल शिक्षा विभाग में अफसरों की लेटलतीफी की वजह से विद्यार्थियों तक किताबें नहीं पहुंच सकी हैं यही वजह है कि वह परेशान हो रहे हैं जबकि दूसरी ओर कक्षाएं शुरू हो चुकी है सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 15 जून से शुरू हो गया है पहली से आठवीं कक्षा के लिए डिजी लाइफ के माध्यम से शिक्षण सामग्री भेजी जा रही है वहीं नौवीं से 12वीं कक्षा की आॅनलाइन कक्षाएं दूरदर्शन और व्हाट्सएप के माध्यम से शुरू की गई है लेकिन किताबें नहीं होने के कारण उन्हें परेशान होना पढ़ रहा है दरअसल किताबें नहीं होने की वजह से वह अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।
हर साल दी जाती हैं नि:शुल्क किताबें
उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से सरकारी स्कूल के बच्चों को निशुल्क किताबें दी जाती है। लेकिन स्कूलों में अब तक पाठ्य पुस्तकें नहीं पहुंची हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम की ओर से हर साल पहली से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए निगम करीब सात करोड़ किताबें तैयार करता है। मध्य प्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के प्रबंध संचालक विनय निगम के मुताबिक लॉकडाउन के कारण विद्यार्थियों के पास तक किताबें नहीं पहुंच सकीं। जबकि अस्सी फीसदी किताबें तैयार कर डिपो तक पहुंचा दी गई हैं। अब वहां से ब्लॉक स्तर पर किताबें जल्द ही भेजी जाएंगी। बाकी बीस फीसदी किताबें इस माह के अंत तक तैयार कर ली जाएंगी।
डीपीआई ने दिए थे निर्देश
हालांकि इस बारे में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) ने पिछले माह ही निर्देश जारी कर दिए थे कि कक्षा नौवीं के सभी विद्यार्थियों को 10वीं में प्रवेश दिया जाए। साथ ही विद्यार्थी अपने साथ पुरानी किताबें लेकर आएं और स्कूल में जमा कराएं। पाठ्य पुस्तकें प्राप्त होने तक पुरानी पुस्तकें विद्यार्थियों को उनके कक्षा के अनुसार वितरित की जाएंगी।
स्कूलों तक किताबें अब तक नहीं पहुंची
पाठ्य पुस्तक निगम के मुताबिक करीब साढ़े तीन करोड़ किताबें डिपो तक पहुंचा दी गई है और इन किताबों को डिपो से ब्लाक कार्यालयों को सौंप दिया गया है। हालांकि इसके बावजूद भी स्कूलों तक किताबें अब तक नहीं पहुंचाई जा सकीं हैं। यही वजह है कि विद्यार्थी असमंजस में है कि बिना किताबों के पढ़ाई कैसे करें। यही नहीं कई छात्रों ने बताया कि उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि पढ़ाई आॅनलाइन जारी है और बिना किताबों के पढ़ाई कैसे करें।

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