मिशन 2023 के लिए भाजपा का फोकस नेताओं की छवि सुधार पर

भाजपा
  • जनप्रतिनिधियों को पढ़ाया जाएगा संवेदनशीलता का पाठ

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। चाल, चरित्र और चेहरा वाली भाजपा मिशन 2023 के मद्देनजर नेताओं की छवि सुधार पर फोकस करने जा रही है। पार्टी की कोशिश है कि वह अपने जनप्रतिनिधियों को ऐसा पाठ पढ़ाए ताकि वे जनता के प्रति संवेदनशील बने। बताया जाता है कि इसके लिए निकायों में जीतकर आए महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के लिए संगठन ने प्रशिक्षण शिविर लगाने की तैयारी की है।
इस शिविर में नवनियुक्त प्रतिनिधियों को पार्टी की छवि सुधारने, टाइम मैनेजमेंट, सुशासन और संवेदनशीलता का पाठ पढ़ाया जाएगा।  गौरतलब है कि निकाय चुनाव में भाजपा को बड़ी सफलता मिली है। अत: निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद भाजपा को अब मिशन 2023 की चिंता सताने लगी है। निकायों में जीतकर आए महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के लिए संगठन ने प्रशिक्षण शिविर लगाने की तैयारी की है।  इस शिविर में नवनियुक्त प्रतिनिधियों को यह सिखाया जाएगा कि जनहित के मुद्दों को लेकर संवेदनशील रहते हुए आगामी विधानसभा के चुनाव को देखते हुए मैदानी स्तर पर पार्टी की इमेज का विशेष ख्याल रखें।
अक्टूबर में आयोजित हो सकता है प्रशिक्षण
अभी विधानसभा चुनाव होने में करीब 14 महीने का समय है। ऐसे में पार्टी की कोशिश है की मैदानी मोर्चे पर उतारने के लिए जनप्रतिनिधियों को मंत्र दिया जाए। इसके लिए संभवत: अक्टूबर में प्रशिक्षण आयोजित किया जा सकता है। अभी प्रदेश के आदिवासी बहुल 18 जिलों के 46 निकायों में 27 सितंबर को चुनाव होना है। इन चुनावों को लेकर सत्ता-संगठन के बड़े नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है। क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल स्वयं मालवा-निमाड़ अंचल के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पार्टी के जनाधार का फीडबैक ले रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी चुनाव वाले जिलों के दौरे पर हैं। ये चुनाव संपन्न होते ही प्रदेश के सभी जिलों के भाजपाई प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
भोपाल और जिलों में होगी ट्रेनिंग
पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा 46 निकायों के नतीजे आने के तुरंत बाद ही संबंधित आदिवासी बहुल 17 जिलों के लिए नए सिरे से अपनी चुनावी तैयारी शुरू करेगी। वहीं महापौर और नपाध्यक्षों को भोपाल और पार्षदों की ट्रेनिंग जिला स्तर पर कराए जाने की तैयारी है। तीन सत्रों में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे। पार्टी का सबसे ज्यादा फोकस छवि और सुशासन के मुद्दे पर है। निकाय चुनाव के दौरान कई जिलों में बोर्ड में बहुमत न होने के बावजूद पार्टी के अध्यक्ष जीतकर आए हैं। कुछ जिलों में चुनाव को लेकर वाद-विवाद की नौबत भी बनी, यही कारण है कि संगठन इस प्रयास में जुटा है पार्टी के बाहर किसी तरह के मनमुटाव का संदेश न जाए। इसके अलावा निकाय प्रतिनिधियों को टाइम मैनेजमेंट, जनसमस्याओं के प्रति जागरूक और स्वच्छता अभियान के संदर्भ में चर्चा की जाएगी। इसके अलावा विषय विशेषज्ञों द्वारा कामकाज संबंधी टिप्स भी दिए जाएंगे।

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