पांच शहरों से निकलेगी भाजपा की विकास यात्रा

भाजपा

सरकार की उपलब्धियां बताने के साथ ही मैदानी हकीकत पर भी रहेगी नजर

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए भाजपा एक बार फिर से विकास यात्राएं निकालने जा रही है। इन यात्राओं के माध्यम से पार्टी न केवल अपनी उपलब्धियां जनता तक पहुंचाएगी, बल्कि पार्टी के साथ ही नेताओं की भी मैदानी हकीकत पता करने का भी पूरा प्रयास किया जाएगा। दरअसल भाजपा हर विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व में भी विकास यात्राएं निकालती रही है। इस बीच मंडल स्तर पर विधानसभा सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान मिले फीडबैक को पार्टी के सर्वे से मिलान कर दावेदारों की दावेदारी की रैंकिग तय की जाएगी। इस बार पार्टी कार्यकर्ताओं से भी फीडबैक लेगी। माना जा रहा है कि इसके आधार पर ही टिकट का वितरण किया जाएगा। दरअसल हाल ही में भोपाल के अचानक प्रवास पर आए गृहमंत्री अमित शाह ने विकास यात्रा निकाले जाने को मंजूरी प्रदान की है। इसके तहत प्रदेश के पांच अलग-अलग शहरों से इस यात्रा को शुरु करने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही पार्टी का प्रदेश में चुनाव प्रचार का मैदानी स्तर पर आगाज हो जाएगा। इस यात्रा का पूरा खाका तैयार किया जा रहा है। इस यात्रा का नेतृत्व प्रदेश के बड़े नेताओं द्वारा किया जाएगा। इनमें केन्द्रीय मंत्री द्वय नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते एवं कैलाश विजयवर्गीय के नाम शामिल बताए जा रहे हैं। यह यात्राएं प्रदेश के पांचों अचंलों में शामिल मध्यभारत के भोपाल, विंध्य के रीवा, महाकौशल के जबलपुर, मालवा के इंदौर और ग्वालियर-चंबल के ग्वालियर से निकाली जाएंगी। इन सभी यात्राओं का समापन एक साथ भोपाल में करने की योजना है। इसमें भी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष बड़े शहरों के कार्यक्रमों में शामिल होंगे। समापन अवसर पर एक विशाल आमसभा भी किए जाने की योजना तैयार की जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुलाए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही पार्टी प्रदेश में संत रविदास मंदिर निर्माण को लेकर निकलने वाली समरसता यात्रा, युवा मोर्चा द्वारा निकाली जाने वाली तिरंगा यात्रा और महिला मोर्चा से लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना को लेकर यात्रा निकालने को भी कहा जा चुका है। शाह द्वारा अपने प्रवास के दौरान ली गई चार घंटे की बैठक के बाद अब भाजपा पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। उनके द्वारा इस दौरान चुनावी तैयारियों को लेकर दिए गए निर्देशों को अमल में लाने के लिए बीते दो दिनों से लगातार प्रदेश भाजपा कार्यालय में बैठकों का दौर जारी है।  शाह  ने पार्टी के आला नेताओं से कहा था कि जनता से पहले कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए कार्यक्रम बनाएं। उन्होंने जिलों के कोर ग्रुप को कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बनाने के लिए सक्रिय करने को भी कहा है। इसके बाद से पार्टी ने अगले तीन माह के कार्यक्रमों का खाका तैयार करने का काम तेज कर दिया है।  
हर मामले पर शाह की नजर
प्रदेश में चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की सारी तैयारियों पर अब शाह की पूरी नजर है। उन्होंने भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव को अपने प्रतिनिधि के तौर पर प्रदेश में चुनाव के लिए तैनात किया है। यादव को शाह का बेहद करीबी माना जाता है। वे शाह के साथ 2017 से लगातार चुनावी चक्रव्यूह तैयार करने का काम करते आ रहे हैं। शाह ने पार्टी अध्यक्ष रहते 2017 के उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उन्हें प्रभारी बनाया था। हाल ही शाह के गृह राज्य गुजरात में भी यादव चुनाव प्रभारी रह चुके हैं। गुजरात में इसके बाद भाजपा ने अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। यादव को इसी वजह से मध्यप्रदेश की जिम्मेवारी दी गई है।
समितियों को मोदी की मुहर का इंतजार
प्रदेश में शाह के निर्देशों के बाद प्रदेश में चुनाव संचालन, चुनाव प्रबंधन, घोषणा पत्र समितियों के सदस्यों के नाम तय कर लिए गए हैं। इनकी कमान बड़े नेताओं को दी गई है। इन समितियों में सात से आठ नेताओं को रखा जा रहा है। इनमें एक प्रभारी और एक उपप्रभारी बनाया जाएगा। इन समितियों में पदाधिकारियों के अलावा प्रदेश सरकार के मंत्रियों को भी जगह दी जा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन समितियों के नाम तय कर पार्टी आलाकमान को भेज दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश से लौटते ही नामों पर उनकी सहमति मिलते ही इनका नामों का औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा।
तीन दिन तक होंगी बैठकें
हाल ही में प्रदेश चुनाव प्रभारी व सह प्रभारी बनाए गए भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव कल 15 जुलाई को भोपाल आ रहे हैं। उनके आने के साथ ही पार्टी की लगातार तीन दिनों तक बैठकों का दौर जारी रहेगा। भोपाल में यादव सभी जिला प्रभारियों, जिला अध्यक्षों से चर्चा कर करेंगे। इसके अलावा आकांक्षी सीटों पर अब तक किए गए कामों की भी समीक्षा करेंगे। मोर्चा प्रमुखों समेत पदाधिकारियों की बैठक इन तीन दिनों में बुलाई गई है।

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