
- कांग्रेस व भाजपा के अपने-अपने जीत के दावे
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव परिणामों की अधिकृत घोषणा के बाद अब दोनों प्रमुख राजनैतिक दल भाजपा व कांग्रेस द्वारा अपनी-अपनी जीत के दावे किए जा रहे हैं। इस बीच जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक ग्वालियर -चंबल वाले श्रीमंत के इलाके में भाजपा की बल्ले -बल्ले रही है। इस इलाके के अधिकांश जिलों में भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस पर भारी पड़े हैं। इसकी वजह से अंचल के भिंड, मुरैना, शिवपुरी, श्योपुर , अशोकनगर और दतिया जिलों में भाजपा का जिपं अध्यक्ष बनना लगभग तय हो गया है। इन जिलों में कुल मिलकार जिला पंचायत सदस्य के 98 पदों में से भाजपा के खाते में 61 आए हैं , जबकि कांग्रेस के खाते में इन से आधे यानी कि महज 27 पद आए हैं।
यही वजह है की अंचल के छहों जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा की जीत होना तय है। इसमें भी खास बात यह है की इन छह जिलों में से 4 में महिला ही जिला पंचायत की अध्यक्ष होंगी। इसकी वजह है भिंड, मुरैना और श्योपुर में पद महिला के लिए आरक्षित है जबकि शिवपुरी में दो प्रमुख दावेदार महिला हैं। दतिया में भी दो महिलाएं अध्यक्ष पद के लिए मजबूती से दावेदारी कर रही हैं। उधर, सागर में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई हीरा सिंह का भी जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। वे जिला पंचायत का चुनाव र्निविरोध रुप से जीते हैं। उन्हें जिले के ही दूसरे मंत्री भूपेन्द्र सिंह का भी समर्थन मिला हुआ है। उधर, जनपद पंचायत और जिला पंचायतों में जीत को लेकर भाजपा-कांग्रेस ने अपने-अपने दावे किए हैं। जिला पंचायत के 875 सदस्यों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस ने दावा किया है कि उसके 386 समर्थक चुनाव जीते हैं, जबकि भाजपा समर्थक 360 जिपं सदस्य और 129 सदस्य निर्दलीय चुने गए हैं। वहीं भाजपा ने जीत के आंकड़ों का तो खुलासा नही किया है, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने चुनाव परिणामों की घोषणा के पहले कहा था की हम 80 फीसदी तक सीट जीत रहे हैं। खास बात यह है की इस बार पंचायत चुनाव में आप पार्टी का भी खाता खुल गया है।
ग्वालियर में भाजपा का परचम
ग्वालियर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद भाजपा के खाते में जाना तय हो गया है। जिले के 13 वार्डो में से 8 पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। घोषित नतीजों में 3 वार्डों में कांग्रेस, 1 में बसपा और 1 वार्ड में निर्दलीय को जीत मिली है। अध्यक्ष की कुर्सी के लिए बहुमत का आंकड़ा 7 का है। जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है और इनके लिए आरक्षित तीन वार्डों 37 व 9 में जो महिला प्रत्याशी जीती हैं वे तीनों भाजपा समर्थित हैं। इसलिए अध्यक्ष पद भी इन तीनों में से किसी एक को मिलेगा, लेकिन ये एक चेहरा किसका होगा, इसको लेकर भाजपा नेताओं में अभी एक राय नही है। उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने दुर्गेश (वार्ड-3) पत्नी डॉ. कुंवर सिंह जाटव और पिछोर डबरा निवासी मंजू में से किसी एक को अध्यक्ष की कुर्सी पर देखना चाहते हैं , जबकि लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी डबरा निवासी नेहा मुकेश परिहार के पक्ष में बनी हुई हैं। इसी तरह से अशोकनगर जिले के 11 जिपं सदस्य पदों में से भाजपा ने 7, कांग्रेस ने 3 और एक निर्दलीय ने जीत दर्ज की।
अन्य बड़े शहरों वाले जिलों की स्थिति
भोपाल जिले के 10 वार्डों में से 9 पर तस्वीर पहले ही स्पष्ट हो गई है। कांग्रेस समर्थित छह सदस्य जीते हैं, जबकि भाजपा समर्थक तीन सदस्य विजय रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य की कुर्सी पर वार्ड 10 की सदस्य रश्मि भार्गव मजबूत स्थिति में है। उनके पति अवनीश भार्गव कांग्रेस के बड़े नेता हैं। इसी तरह से इंदौर में भाजपा मजबूत स्थिति में है। अध्यक्ष पद के लिए फिर भाजपा का बाजी मारना तय है। एससी महिला के लिए आरक्षित इस सीट पर भाजपा समर्थित प्रत्याशी अध्यक्ष होंगी। जिला पंचायत के 17 वार्डों में चुनाव हुए थे। इसमें वार्ड 10 में श्यामूबाई परमार और वार्ड 12 की रीना मालवीय ने जीत दर्ज की है। इन दोनों में से ही एक को जिला पंचायत अध्यक्ष चुना जाएगा। इंदौर जिला पंचायत के 17 वार्डों में से 12 पर भाजपा समर्थक और पांच प्रत्याशी कांग्रेस समर्थित जीते हैं। जबलपुर जिला पंचायत में अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार संतोष बरकड़े 1100 वोट से जीते हैं। उन्होंने पूर्व विधायक एवं आदिवासी नेता नन्हें लाल धुर्वे को हरा दिया। वहहीं क्षेत्र-8 से ऐकता ठाकुर ने चुनाव जीता है, जो यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं। 17 वार्डों में से 9 पर कांग्रेस और 6 पर भाजपा समर्थक प्रत्याशी जीते हैं।
भाजपा ने मंत्री-विधायकों की लगाई ड्यूटी
भाजपा ने अब गांव सरकार में पार्टी समर्थित अध्यक्ष बनवाने के लिए सारी ताकत लगा दी है। मुख्यमंत्री निवास से देर रात तक प्रत्येक जिलाध्यक्ष और प्रभारी मंत्री से पूछा गया कि अपने कितने लोग जीतकर आए है। मंत्री-सांसद और विधायकों को 15 दिन में अपने अध्यक्ष बनाने को कहा गया है। सीधी नसीहत दी गई कि सारे काम छोड़ दो। पार्टी से अगर बागी है तो उसे मनाओ। कांग्रेस समर्थित है तो उसे अपने साथ जोड़ो। कोई निर्दलीय है तो पाले में लाओ। मुख्यमंत्री निवास में बैठक शाम सात बजे से शुरू होकर देर रात तक चलती रही। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और कई मंत्री बैठक में शामिल थे। प्रत्येक जिलाध्यक्ष से जिले में पंचायत और नगरीय निकाय का फीडबैक लिया गया। बैठक में बताया गया कि करीब 38 जिलों में स्थिति ठीक है। 9 जिलों में भाजपा के अध्यक्ष बनना मुश्किल है। एक जिले में भाजपा-कांग्रेस बराबर है। सीएम ने कहा कि कोई मंत्री और विधायकों की बात नहीं माने तो उसे भोपाल संगठन के पास लेकर आओ।
यह रही अन्य जिलों में स्थिति: मंदसौर जिले में 17 जिला पंचायत सदस्यों में भाजपा-कांग्रेस को 8-8 सीटें मिली हैं। एक निर्दलीय की जीत हुई है। यानि यहां निर्दलीय के वोट से ही अध्यक्ष तय होगा। यह सीट महिला अध्यक्ष के लिए आरक्षित है। इसी तरह से छिंदवाड़ा जिले के 26 वार्ड में से 12 में कांग्रेस, 11 में भाजपा, 2 में निर्दलीय और एक वार्ड में गोंगपा समर्थित प्रत्याशी की जीत हुई है। दोनों निर्दलीय में से एक कांग्रेस तो दूसरा भाजपा का बागी हैं।