51 फीसदी वोट शेयर के लिए… भाजपा चलाएगी बूथ सशक्तिकरण अभियान

भाजपा

– जामवाल ने दिया मिशन 2023 के लिए मंत्र
-निकाय चुनाव में हारे हुए बूथों पर रहेगा जोर
भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम।
मिशन 2023 में जुटी भाजपा की रणनीति को और मजबूत करने और खामियों को दूर करने के लिए पार्टी के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री (मध्य क्षेत्र) अजय जामवाल ने तीन दिनों तक प्रदेश की राजनीति का जायजा लिया। इस दौरान दो दिन उन्होंने भोपाल में पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों के साथ पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों के परिणामों और आगामी रणनीति पर चर्चा की। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद के साथ मिशन 2023-24 की कार्ययोजना पर चर्चा की। वहीं, भोपाल जिले के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को बूथ सशक्तिकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि भाजपा में पहली बार क्षेत्रीय संगठन महामंत्री का पद बनाया गया है। जामवाल को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का दायित्व सौंपा गया है। छत्तीसगढ़ में जमावट के बाद उन्होंने मप्र का रूख किया। भोपाल में उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग चर्चा की। प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री और प्रदेश संगठन महामंत्री के साथ चर्चा में आगामी वर्ष में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर जानकारी ली। वहीं, भोपाल के विधायकों, महापौर, पार्षद, जिला इकाई के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें उन मतदान केंद्रों पर सर्वाधिक ध्यान देना है, जहां पार्टी का लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए बूथ सशक्तिकरण अभियान चलाया जाएगा। इसमें सभी को अपनी भूमिका निभानी है।
सत्ता व संगठन के बीच के समन्वय का जायजा
 क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने दो दिनों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, संगठन मंत्री हितानंद के साथ अलग-अलग बैठकें कर सत्ता व संगठन के बीच के समन्वय का जायजा लिया है। उन्होंने दोनों दिन प्रदेश की सियासी नब्ज टटोली। भविष्य की संभावनाओं पर काफी देर तक विचार विमर्श किया हैं। प्रदेश दौरे के दौरान जामवाल ने पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के अलावा कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात कर स्थानीय व प्रदेश के बारे में जानकारी ली। इस दौरान एक-एक पदाधिकारी व कार्यकर्ता के बारे में डिटेल जानकारी भी ली। जामवाल ने यह भी जानने की कोशिश की कि आखिर में प्रदेश के सभी जिलों में संगठन की स्थिति क्या है? यदि त्रिस्तरीय पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को अच्छी बढ़त मिली है। तो क्या इसका फायदा विधानसभा के चुनाव में भी पड़ेगा या फिर नहीं। जामवाल ने मीडिया में आ रही खबरों आदि के बारे में भी जानकारी ली हैं। कार्यालय में बैठने वाले पदाधिकारियों तथा दूर दराज से आने वाले कार्यकर्ताओं के लिए किस तरह की व्यवस्था होती है। इस पर भी उन्होंने काफी कुछ जानने की कोशिश की है।
अब भविष्य की रणनीति पर काम
भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री जामवाल दो दिन तक सियासी नब्ज टटोलने के बाद अब भविष्य की रणनीति पर काम शुरू करेंगे। जामवाल के सामने भविष्य की रणनीति बनाने से लेकर अगले लोकसभा व विधानसभा की चुनौती भी है। इसी चुनौती से निबटने उन्होंने उसी तरह से कदम जमाना शुरू किया है। बताते हैं कि मप्र उनके लिए अभी नया जैसे है। ऐसे में राजनैतिक जमावट किस तरह से होनी है। इस पर उन्होंने काफी देर नेताओं के साथ मंथन किया है। 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिहाज से इनका दौरा काफी अहम माना जा रहा है। जामवाल के भोपाल दौरे की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि छत्तीसगढ़ में उनके दौरे के बाद ही बड़ा बदलाव हुआ। संगठन ने विष्णुदेव साय को हटाकर अरुण साव को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया। मध्यप्रदेश में भाजपा भले चुनाव हारने के बाद सरकार बना ली हो पर 2018 के चुनाव में हार की समीक्षा कर उन कमियों को दूर करना चाहती है। हालांकि कांग्रेस इस कवायद के बजाय प्रदेश में एन्टीइन्कम्बेंसी के जरिए भाजपा को सत्ता से बेदखल होने की उम्मीद लगाए बैठी है। अजय जामवाल ने अपने पहले प्रदेश दौरे पर भाजपा के मिशन 2023 की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अपने तीन दिन के दौरे के दौरान सत्ता और संगठन का पूरा फीडबैक ले लिया है। अब वें 51 फीसदी वोट शेयर, त्रिदेव फामूर्ला के साथ बूथों के डिजिटलाइजेशन के काम की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा वो मंत्रियों के कामकाज और विधायक,सांसदों के काम का भी मूल्यांकन भी करेंगे।

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