
- भाजपा ने शुरु की लोकसभा चुनाव की तैयारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल जीतने के बाद भाजपा की नजरे अब फाइनल यानी लोकसभा चुनाव पर है। भाजपा मिशन 2024 की तैयारी में पूरी तरह जुट गई है। इसके लिए भाजपा विधानसभा चुनाव वाली रणनीति पर ही काम कर रही है। यानी भाजपा फिर बूथ पर फोकस कर रही है। लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 29 सीटों को जीतने के लिए पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने वरिष्ठ नेताओं को बूथों की जिम्मेदारी सौंपने की रणनीति बनाई है। जल्द ही नेताओं को जिम्मेदारी सौंपकर उन्हें मैदान में उतारा जाएगा।
लड़ाई वाले बूथों पर फोकस
प्रदेश में अधिकांश पोलिंग बूथ ऐसे हैं ,जो भाजपा की दृष्टि से बेहद मुफीद हैं। पिछले कई से इन बूथों पर भगवा ही लहरा रहा है। ऐसे में पार्टी का फोकस अब उन पोलिंग बूथ पर है, जहां भाजपा लड़ाई में रहती है। कभी जीत मिलती है तो कभी हार। इन बूथों को मजबूत करने रणनीति के तहत हर लोकसभा क्षेत्र में बूथों को चिन्हित किया गया है। सांसद-विधायकों सहित हर सीट पर कुछ लोगों की टीम लगाई जाएगी। विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद अब भाजपा उससे आगे बढकऱ लोकसभा इलेक्शन में क्लीन स्वीप की तैयारियों में जुट गई है। भाजपा ने राज्य की सभी 29 सीटों के लिए प्लान तैयार किया है, जिनमें से एक कमलनाथ की छिंदवाड़ा सीट भी है। वह यहां से लगातार जीत हासिल करते रहे हैं और 2019 में उनके बेटे नकुलनाथ ने जीत पाई थी। यह इकलौती सीट थी, जिस पर कांग्रेस जीती थी। लेकिन अब भाजपा इस पर भी नजर गड़ाए हुए है। भाजपा की हाल ही में हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि मप्र में 60 फीसदी वोट हासिल करने का टारगेट रहेगा। इसके अलावा सभी 29 सीटों पर जीत हासिल करने का प्लान बन रहा है।
फिर बूथ पर फोकस
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में मिली उम्मीद से परे जीत से भाजपा उत्साहित तो है पर अतिआत्मविश्वास में नहीं। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव से निपटते ही उसके नेता लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। दिसंबर महीने के दूसरे सप्ताह में ही दो दिनी बैठकों का दौर पूरा हो चुका है। विधानसभा में हारी हुई सीटों के नेताओं को वह भोपाल बुलाकर उनके साथ मंथन कर चुकी है तो चुनाव जीत कर आए विधायकों की बैठक दस जनवरी को बुलाई गई है। भाजपा का पूरा फोकस बूथ मैनेजमेंट पर है। पिछली बार 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली पार्टी इस बार मिशन-29 का लक्ष्य लेकर चल रही है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 51 फीसदी वोट लक्ष्य के साथ अपना चुनावी कैम्पेन चलाया था, इसमें उसे आशातीत सफलता भी मिली थी। पार्टी को इन चुनावों में 48 फीसदी से अधिक मत मिले हैं। लोकसभा चुनाव में उसका लक्ष्य साठ फीसदी मत हासिल करना है। इसके लिए हर बूथ की समीक्षा की जा रही है। भाजपा ने अभी से हर बूथ पर तीन लोगों की टीमें तैनात कर दी हैं। संगठन में फेरबदल किए जा रहे हैं। जिन जिलाध्यक्षों ने विधानसभा चुनाव में काम नहीं किया उन्हें बदला जा रहा है। मंडल स्तर पर भी इसी महीने बदलाव होना है। एक हजार से अधिक बूथों की सीधी प्रदेश कार्यालय से मॉनीटरिंग की जा रही है।
कांग्रेस की आज बड़ी बैठक…
विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस अब लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली से लेकर भोपाल तक बैठकों का दौर जारी है। भोपाल में आठ जनवरी को बड़ी बैठक बुलाई गई है। जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर समितियों का गठन किया जाएगा। 9 जनवरी से चार दिवसीय दौरा किया जाएगा। यह दौरा प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे संयुक्त रूप से करेंगे। बताया जा रहा है कि पार्टी इस बार हर लोकसभा की अलग-अलग जवाबदारी वरिष्ठ नेताओं को देने जा रही है। इन सीटों को जिताने की जिम्मेदारी इनकी होगी। दरअसल, विधानसभा में करारी हार के बाद केंद्रीय नेतृत्व ने मजबूती के साथ लोकसभा की तैयारियों में जुटने की बात प्रदेश के नेताओं से कही है। केंद्रीय नेतृत्व से मिले निर्देश के बाद से ही पार्टी तैयारी में जुट गई है। विधानसभा चुनाव में हुई गलतियों से सबक लेते हुए नए सिरे से रणनीति तैयार की जा रही है। प्रदेश काग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी लोकसभा की तैयारियों को लेकर कार्यकर्ताओं से लगातार संवाद कर रहे हैं। आठ जनवरी को प्रदेश प्रभारी भवर जितेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में लोकसभा चुनाव की मॉनिटरिंग के लिए टीम का गठन किया जाएगा, को-आर्डिनेशन कमेटी बनाई जाएगी। साथ ही वरिष्ठ नेताओं के दौरे कार्यक्रमों को भी अंतिम रूप दिया जाएगा। कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव हारे डा. गोविन्द सिंह, कमलेश्वर पटेल, तरूण भनोत, सज्जन सिंह वर्मा आदि को लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है।
हर लोकसभा क्षेत्र में कार्यालय
मप्र में मिशन 2024 को पूरी तरह साधने के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर हर लोकसभा क्षेत्र में एक सेंट्रल चुनाव कार्यालय खोला जा रहा है। यह चुनाव कार्यालय सीधे दिल्ली को रिपोर्ट करेगा। यहां प्रदेश के नेताओं के साथ दिल्ली की टीम भी बैठेगी। प्रत्याशियों को लेकर सर्व का एक दौर भी पूरा हो गया है। विधानसभा चुनाव में पार्टी ने अपने तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा था। इनमें से पांच ने जीत दर्ज की है। तय है कि इनकी जगह नए चेहरे मैदान में होंगे। इस बात की संभावना कम ही है कि पार्टी विधानसभा का चुनाव हारने वाले सांसद को फिर टिकट देगी। माना जा रहा है कि राज्यसभा के एक दो नेताओं को लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है। भाजपा की चुनावी तैयारी अभी से बेहतर दिख रही है। अभी से केन्द्रीय नेताओं के दौरे भी तय हो रहे हैं। अगले महीने से पार्टी पूरी तरह चुनाव मैदान में उतरती दिखाई देगी।