ऑपरेशन सिंदूर के चलते थमा भाजपा ‘अध्यक्षों’ का चुनाव

  • अभी सेना के शौर्य का बखान करेगी भाजपा

गौरव चौहान
मप्र भाजपा अध्यक्ष सहित राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव फिलहाल कुछ दिन और थमा रहेगा। इसकी वजह है ऑपरेशन सिंदूर। भाजपा आलाकमान ने सभी प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने प्रदेश की जनता को ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और सेना के शौर्य के बारे में बताए। केंद्र से मिले संदेश के बाद मप्र भाजपा ने अपना पूरा फोकस अब सेना के शौर्य के बखान की ओर केंद्रित कर दिया है और पार्टी जल्द ही कार्यक्रम बनाकर मैदान में उतरेगी।  जानकारी के अनुसार भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद बने हालातों को लेकर भाजपा ने अपने कई संगठनात्मक कार्यों को फिलहाल आगे बढ़ाने का फैसला किया है। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष चुनाव तक को आगे बढ़ाने का निर्णय भी शामिल है। भाजपा में पिछले चार महीनों से संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। बूथ, मंडल से लेकर जिलाध्यक्षों तक के चुनाव प्रदेश में हो चुके हैं। अब केवल प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है। इसके अलावा पार्टी ने तय किया है कि वे ऑपरेशन सिंदूर में सेना के शौर्य को आम जनता को बताएगी और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों द्वारा इसे लेकर उठाए जा रहे सवालों और कथित भ्रातिंयों को भी साफ करेगी।
प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कयासों का दौर
सूत्रों की माने तो पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने ऑपरेशन सिंदूर के चलते अब राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव टाल दिए हैं। इनमें मप्र भी शामिल है। इसके अलावा संगठन के अन्य कार्यक्रम भी आगे बढ़ा दिए हैं। गौरतलब है कि भाजपा में जिलाध्यक्षों के चुनाव हुए तीन महीने से अधिक का समय बीत गया है। इसके बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कयासों का दौर चल रहा है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को अध्यक्ष बने साढ़े पांच साल का समय हो रहा है।  उनके कार्यकाल में विधानसभा और उसके बाद लोकसभा चुनाव में मिली सफलता और संगठन के कई कामों में प्रदेश का देश में नंबर वन रहने के कारण उनके रिपीट होने की भी संभावना है। इसके अलावा इस मामले में राष्ट्रीय नेतृत्व को भी कोई जल्दबाजी नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ प्रदेश संगठन महामंत्री को लेकर भी अटकलबाजियों का दौर चल रहा है। इसमें संघ से जुड़े दो-तीन नेताओं के नाम चर्चा में हैं। इनमें से एक नेता जो इन दिनों राजधानी में ही रहकर एक एनजीओ का काम देख रहे हैं, उनका नाम सबसे आगे चल रहा है पर अब जब तक सीमा पर हालात सामान्य नहीं होते तब तक पार्टी हाईकमान ने संगठन चुनाव टालने का फैसला किया है।  
पार्टी के सारे कार्यक्रम निरस्त
संगठन चुनाव के साथ ही पार्टी ने अपने सारे आगामी कार्यक्रम निरस्त कर दिया है। गौरतलब है कि भाजपा ने वक्फ कानून को लेकर जन जन जागरण अभियान चलाने का फैसला किया था। इसमें नए वक्फ कानूनों की बारीकियां और इससे आम मुस्लिम समाज को होने वाले फायदों को लेकर जनता को बताया जाना था। इसे लेकर केंद्रीय मंत्रियों की सभाएं भी प्रदेश में तय की गई थीं। केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल के मध्यप्रदेश आने का कार्यक्रम था पर अब उनका कार्यक्रम भी स्थगित हो गया है। इसके अलावा प्रदेश की 23 हजार से अधिक वक्फ संपत्तियों के सर्वे के कार्यक्रम को भी आगे बढ़ा दिया गया है। गौरतलब है कि 23 हजार से अधिक वक्फ संपत्तियों में से 15 हजार पर कब्जे की बात प्रारंभिक रूप से सामने आई थी।
कांग्रेस चली भाजपा की राह
उधर, दूसरी तरफ भाजपा की तर्ज पर कांग्रेस भी अब अपने पार्टी कैडर को दुरुस्त करने का प्रयास कर रही है। उसने तय किया कि अब वह अपने सभी विधायकों, जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों, विधानसभा प्रभारियों को अब आवासीय प्रशिक्षण देगी। अगले महीने 9 से 15 जून के बीच सर्वोदय की पद्धति पर दो से तीन दिन का यह आवासीय प्रशिक्षण होगा। ट्रेनिंग कैम्प में प्रशिक्षण लेने वाले विधायकों, जिला अध्यक्षों सहित सभी नेताओं को एक निश्चित राशि पार्टी के पास जमा करनी होगी। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ट्रेनिंग डिपार्टमेंट के चीफ सचिन राव और एमपी कांग्रेस के प्रशिक्षण विभाग द्वारा यह ट्रेनिंग कैम्प आयोजित किया जाएगा। गौरतलब है कि भाजपा में इस तरह के प्रशिक्षण शिविरों की परम्परा है। कांग्रेस ने ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया है। इसमें प्रशिक्षणार्थियों को ये बताया जाएगा कि वर्तमान में एआई के युग में फेक न्यूज और कंटेंट और फैक्ट को कैसे पहचानें। विरोधी दल द्वारा सोशल मीडिया पर किए जाने वाले दुष्प्रचार को रोकने के तौर तरीके भी बताए जाएंगे। कांग्रेस का मानना है कि सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति के व्यवहार और काम करने के तौर-तरीके का कार्यकर्ताओं और आम जनता पर बड़ा असर पड़ता है। ट्रेनिंग में मोबाइल मैनेजमेंट, मीडिया और सोशल मीडिया मैनेजमेंट भी सिखाया जाएगा। बीते 7 मई को भोपाल में एमपी कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी और पीसीसी चीफजीतू पटवारी के साथ हुई बैठक में ये तय हुआ है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को आइडियोलॉजी के आधार पर जोडऩे के लिए विधायकों, जिलाध्यक्षों, प्रदेश पदाधिकारियों से लेकर ब्लॉक, मंडलम, सेक्टर और बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिए जाएं। सबसे पहले होने वाली ट्रेनिंग में कांग्रेस पार्टी के इतिहास, राजनीतिक सफरनामे से लेकर वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बताया जाएगा।

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