भाजपा विधायकों की होगी मॉनीटरिंग

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  • विधानसभा का मानसून सत्र शुरू

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हुआ। इस सत्र में विधानसभा सचिवालय को 3377 प्रश्न मिले है। 191 ध्यानाकर्षण की सूचनाएं और एक स्थगन प्रस्ताव मिला है। मानसून सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस आक्रामक मुद्रा में नजर आई। वहीं सरकार की नजर अपने विधायकों पर रहेगी। पार्टी अपने विधायकों की सदन में कार्यप्रणाली की मॉनीटरिंग करेगी। इसके बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी की भाजपा के किस विधायक ने सरकार को घेरने की कोशिश की। गौरतलब है कि विगत सत्रों में भाजपा के विधायकों ने अपनी ही सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।
जानकारी के अनुसार विधानसभा में अपनी ही सरकार को घेरने वाले भाजपा विधायकों पर इस बार कड़ी नजर रखी जाएगी। इन विधायकों से पहले ही मिलकर संबंधित विभाग के मंत्री उनके प्रश्नों का संतोषजनक जवाब देंगे। ताकि वे सदन में सरकार को घेरने वाले प्रश्न न कर सकें। इतना ही नहीं भाजपा विधायकों को यह भी बताया जाएगा कि विधानसभा सत्र के दौरान सदन में कौन से सवाल उठाने हैं और कौन से नहीं। सदन में विपक्ष को घेरने की रणनीति पर चर्चा के लिए 29 जुलाई को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव की उपस्थिति में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इससे पहले भी सरकार समय-समय पर विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों को नसीहत देती आई है कि विपक्ष को घेरने की तैयारी करके आएं, लेकिन सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने के लिए नहीं बल्कि सदन में विपक्ष के झूठ को बेनकाब करने के लिए।
कई विधायक अपनी पार्टी को घेर चुके हैं
दरअसल, पिछली बार विधानसभा सत्र के दौरान आलोट से भाजपा विधायक डा. चिंतामणि मालवीय ने आरोप लगाए थे कि उज्जैन में सिंहस्थ की जमीन पर कालोनाइजरों की नजेर है। सदन में इस पर हंगामा हुआ। विषक्ष के कई सदस्यों ने भाजपा विधायक की बातों का समर्थन कर दिया। इसके अलावा जल जीवन मिशन में घोटाले पर भी विपक्ष के साथ भाजपा विधायकों ने भी सदन में सवाल किए थे, जिससे सरकार की किरकिरी हुई थी। इधर, 31 जुलाई को दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक भी रखी गई है। इनमें प्रदेश से सभी राज्यसभा और लोकसभा सदस्य शामिल होंगे।
भाजपा विधायक दल की बैठक कल
 मप्र विधानसभा के मानसून सत्र के बीच मप्र भाजपा की तीन अहम बैठकें 29 से 31 जुलाई के बीच होंगी। 29 जुलाई को मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में विपक्षी हमलों के जवाब में सत्तापक्ष की रणनीति पर चर्चा होगी। 30 जुलाई को प्रदेश भाजपा संगठन पदाधिकारी और जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई गई है। इसमें भाजपा के पिछले कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी। जिला अध्यक्षों से उनके कामकाज का हिसाब मांगा जाएगा। 31 जुलाई को मुख्यमंत्री मोहन यादव दिल्ली जाएंगे और वहां भाजपा संसदीय दल की बैठक में शामिल होंगे। बैठक में लोकसभा और राज्यसभा के सभी भाजपा सांसद एकत्रित होंगे। इस बैठक में लोकसभा और राज्यसभा में मप्र के कौन से मुद्दे उठाए जाने हैं, इसको लेकर सांसदों के साथ चर्चा होगी।
कांग्रेस ने सरकार को घेरने की बनाई रणनीति
भोपाल में रविवार को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई थी। इसमें विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा हुई। तय किया गया कि सत्र में आदिवासियों की जमीन बेदखली, भर्ती परीक्षाओं में घोटाले, जातिगत जनगणना, भ्रष्टाचार, युवाओं को रोजगार, ड्रग्स कारोबार, खाद की किल्लत, महिला अत्याचार, रिक्त पड़े पदों पर जल्द भर्तियां, 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण और 13 फीसदी पर होल्ड हटाने की मांग को जोर-शोर से उठाया जाएगा। जल जीवन मिशन के अंतर्गत हुए काम और प्रर्यावरण अनुमति देने में हुई अनियमितता, कानून-व्यवस्था सहित अन्य भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को कांग्रेस विधानसभा के मानसून सत्र में जोर-शोर से उठाकर सरकार से जवाब मांगेगी। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की अध्यक्षता में सदन की बैठक प्रारंभ होने से पहले होने वाली कार्यमंत्रणा समिति में काम रोककर चर्चा कराने का प्रस्ताव रखा जाएगा। यदि सरकार इस पर सहमत नहीं होती है तो फिर ध्यान आकर्षण सूचना के माध्यम से चर्चा कराने का दबाव बनाया जाएगा। सत्र की तैयारियों को अंतिम रूप देने  के लिए भोपाल में रविवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की अध्यक्षता में विधायक दल की बैठक हुई। इसमें धार जिले के मांडू में आयोजित नव संकल्प शिविर में सरकार को घेरने के लिए जिन मुद्दों पर चर्चा हुई थी, उनमें से कौन से मानसून सत्र में उठाए जाने हैं, उन पर विचार किया गया। जल जीवन मिशन, स्कूलों की बदहाली, एससी-एसटी के साथ ओबीसी वर्ग पर हो रहे अत्याचार, 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का लाभ न मिलने सहित अन्य मुद्दों का प्राथमिकता के साथ उठाया जाएगा। खनन सहित निर्माण कार्यों के लिए पर्यावरणीय अनुमति देने वाली संस्था मप्र राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण को लेकर उठे सवाल पर जवाब मांगा जाएगा।

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