
- विधायक बनने के बाद पहली बार देनी होगी अग्नि परीक्षा
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में होने वाले निकाय व पंचायत चुनाव भाजपा विधायकों के लिए अग्नि परीक्षा के समान रहने वाले हैं। इसकी वजह है भाजपा ने निकाय व पंचायत चुनावों में पार्टी की जीत तय करने का जिम्मा अपने माननीयों को सौंप दिया है। इसके साथ ही विधायकों को कह दिया गया है की उनके इलाकों में पार्टी की जीत से ही परफॉर्मेंस का आंकलन किया जाएगा, जिसके आधार पर ही अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी के टिकट का फैसला किया जाएगा। दरअसल पार्टी इस बहाने चुनाव में गुटबाजी की वजह से होने वाले नुकसान से बचना चाहती है। कई जिले ऐसे हैं ,जहां संगठन व विधायकों में पटरी नहीं बैठती है। यही वजह है कि विधायकों को दो टूक शब्दों में कह दिया गया है की वे अपने-अपने क्षेत्र में पंचायत और नगर पालिका चुनाव जिताने के लिए कमर कस लें। सत्ता- संगठन के प्रमुख नेताओं ने यह भी नसीहत दी है कि इस दौरान विवादों से दूर रहें कोई भी पचड़े में न पड़ें। हमारा सारा फोकस चुनाव पर है। इससे यह माना जाने लगा है की परोक्ष रूप से विधायकों को यह अल्टीमेटम दे दिया गया है कि चुनाव हारे तो टिकट कटेगा। यह साफ संदेश बीते रोज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने वर्चुअल बैठक में विधायकों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये चुनाव महत्वपूर्ण हैं इसलिए अभी किसी भी तरह के विवाद और पचड़े में न पड़ें। कोई भी मुद्दा माहौल प्रभावित कर सकता इसलिए अपने-अपने क्षेत्र की पंचायत और स्थानीय निकाय को जिता कर लाएं। उन्होंने कहा की सब काम छोड़कर चुनावी तैयारी में अभी से जुट जाएं। इसके अलावा केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं की ब्रांडिंग भी करें। बैठक में अगले तीन दिन में शासकीय स्तर शुरू की जा रही योजनाओं का ब्योरा भी दिया गया।
दें सरकारी योजनाओं की जानकारी: हितानंद: इस मौके पर प्रदेश महामंत्री हितानंद ने कहा कि संगठन और सरकार से भी सबसे महत्वपूर्ण हमारा कार्यकर्ता है। हमे बूथ और पन्ना प्रमुख स्तर पर दौरे करने होंगे और लोगों को बताना होगा की आखिर भाजपा को उनके द्वारा वोट क्यों दिया जा रहा है। सरकार की योजनाओं के बारे में जनता को बताएं और यह भी पता करें की लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ सही ढंग से मिल रहा है या नहीं।
जनता कांग्रेस की छल-कपट वाली नीति समझ गई
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हम इस चुनाव में इतिहास बनाएंगे। पंचायत-निकाय चुनाव का शंखनाद हो गया है। चुनाव को लेकर भाजपा पूरी तरह तैयार है। हर बूथ स्तर पर पहले से तैयारी कर ली गई है। हमारे सांसद-विधायक मैदान में हैं और समाज के सभी वर्गों के निरंतर संपर्क में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस छल कपट की राजनीति करती है। ये लोग फूट डालकर राज करते आए हैं उनकी यह शैली जनता भी समझ गई है।
कार्यकर्ताओं से भी कराएं भूमिपूजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी विकास कार्यों के भूमिपूजन व अन्य कार्य हों, तो वरिष्ठ और प्रभावी कार्यकर्ताओं को महत्व दें, जिससे जनता के बीच संदेश जाए कि भाजपा जनता की पार्टी है। मप्र की गांव और नगर सरकारों पर कब्जा जमाने के प्रयास में जुटी भाजपा ने अपने विधायकों से कहा है कि ये कार्यकर्ताओं को महत्व देना शुरू कर दें। करीब 40 मिनट चली बैठक में सबसे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विधायकों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत एवं निकाय चुनाव सामने है। ऐसे में हम सभी को और मेहनत और रणनीति के तहत मैदान संभालना है। आने वाले दो सप्ताह में सरकारी कार्यक्रम होने है। यह कार्यक्रम निकाय और पंचायत क्षेत्रों में कराए जाएंगे जहां प्रभारी मंत्री स्थानीय मंत्रियों के अलावा विधायकों की जिम्मेदारी है कि वे इन कार्यक्रमों की इस तरह प्लानिंग करें कि उसमें ज्यादा से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ताओं की सहभागिता हो। सीएम ने कहा कि कार्यकर्ताओं को महत्व मिलना चाहिए, क्योंकि यही कार्यकर्ता पार्टी को वोट दिलाते हैं। कार्यक्रमों से पहले विधायक अपने क्षेत्र के वरिष्ठ एवं विशिष्ट लोगों से संपर्क करें और उनसे सलाह मशवरा ले कि किस तरह का कार्यक्रम होना चाहिए।
जिला कोर समिति से नियमित चर्चा होगी: वीडी
प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि विधायक अपने जिले के पार्टी अध्यक्ष के साथ नियमित तौर पर बैठक करें और उनके साथ चुनावी रणनीति बनाएं क्योंकि, इन चुनावों में स्थानीय स्तर पर बनाई गई रणनीति ही कारगर होगी। जिसका फल पार्टी को मलेगा। उन्होंने कि किसी भी तरह का कहीं कोई व्यवधान आता है, तो उसके बारे में तत्काल प्रदेश संगठन को जनकारी दी जाए ,जिससे समय रहते उसे दूर किया जा सके। उन्होंने कहा की विधायक यह मानकर चलें की आने वाले चुनाव विधानसभा के हैं और वे खुद ही प्रत्याशी हैं। प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि जल्द ही संगठन के जिला संभाग प्रभारी विधानसभा क्षेत्र स्तर पर पहुंचकर विधायकों और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठकर रणनीति पर चर्चा करेंगे। उन्होने कहा की इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाए कि जिले की कोर समिति से नियमित रूप से चर्चा होती रही और समिति के प्रत्येक सदस्य की राय को महत्व दिया जाए।