हर घर में पैठ बढ़ाने के लिए भाजपा ने बनाई रणनीति

 भाजपा
  • हर जिलाध्यक्ष को फेसबुक पर बनाने होंगे लाख फॉलोअर्स

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की जनता में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए भाजपा ने रणनीति बनाई है कि पार्टी के हर जिलाध्यक्ष को फेसबुक पर कम से कम एक लाख फालोअर्स बनाने होंगे। इसका मकसद है कि सोशल मीडिया पर नेताओं को और सक्रिय किया जाना।   उससे भी ज्यादा कैंपेन इस बात को लेकर चलाया जाएगा कि ज्यादा से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता और लोग, भाजपा जिलाध्यक्ष को सोशल मीडिया पर फॉलो करें। दरअसल, धार के मांडू में हुए प्रशिक्षण वर्ग में भाजपा के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने कहा था कि जिस जिलाध्यक्ष के फेसबुक पर एक लाख और ट्विटर पर दस हजार फॉलोअर्स नहीं हैं, वह पद पर रहने लायक नहीं है। राव ने संकेत दिए कि कई जिलाध्यक्ष बदलना तय है। जानकारी के अनुसार तेजी से हाईटेक हो रही भाजपा ने अब अपने जिलाध्यक्षों के लिए फरमान जारी किया है कि उनके फेसबुक पर कम से कम एक लाख फालोअर होने चाहिए। जिन जिलाध्यक्षों के इससे कम फालोअर्स होंगे उन्हें प्रदेश संगठन हटाने पर विचार करेगा। जिलाध्यक्षों को पार्टी का छोटे से छोटा कार्यक्रम भी सोशल मीडिया पर शेयर करना होगा। इसके अलावा ट्वीटर पर भी उनकी सक्रियता परखी जाएगी। हर जिलाध्यक्ष से कहा गया है कि ट्वीटर पर उसके कम से कम दस हजार लोग सम्पर्क में होने चाहिए।
    जिलाध्यक्षों में मचा हड़कंप

    संगठन के इस फरमान से जिलाध्यक्षों में हलचल मच गई है। गौरतलब है कि भाजपा का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सात से नौ अक्टूबर तक धार जिले के मांडू में आयोजित हुआ था। इसमें प्रदेश पदाधिकारी, जिला प्रभारी, जिलाध्यक्ष, मोर्चा, प्रकोष्ठों के प्रमुख समेत 180 से अधिक कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था। तीन दिन चले सम्मेलन में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न मुद्दों पर प्रशिक्षण दिया गया।  केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के साथ ही पदाधिकारियों से कहा गया कि सोशल मीडिया आज समाज को जोड़ने का सबसे बड़ा माध्यम है। सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफार्म के बारे में भी यहां विस्तार से जानकारी दी गई। सूत्रों की माने तो प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने इस दौरान साफ कहा कि जिस जिलाध्यक्ष के फेसबुक पर एक लाख से अधिक फालोअर्स नहीं है उसे जिलाध्यक्ष रहने का हक नहीं है। उन्होंने कहा कि एक जिलाध्यक्ष के ट्वीटर पर भी कम से कम दस हजार फालोअर्स होने चाहिए। उन्होंने जिलाध्यक्षों से साफ कहा कि वे सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बढ़ाएं। आज उसी का दौर है। उन्होंने कहा कि अगले चुनाव में सोशल मीडिया का रोल बेहद अहम होगा। राव के इस बयान के बाद जिलाध्यक्षों में खलबली मच गई है। कई जिलों के अध्यक्ष सोशल मीडिया पर उतने एक्टिव नहीं है। उन्होंने अब अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। संगठन के एक नेता की माने तो बुंदेलखंड और विंध्य के कई जिलाध्यक्षों की सोशल मीडिया पर प्रजेन्स कमजोर है।  संगठन ने इनसे एक्टिव होने को कहा है।
    टारगेट से दूर अधिक जिलाध्यक्ष
    प्रदेश प्रभारी ने जिलाध्यक्षों को सोशल मीडिया  के लिए जो टारगेट दिया है, उससे अधिकांश जिलाध्यक्ष काफी दूर हैं। ऐसे में अगर भाजपा प्रदेश प्रभारी के दिशा-निर्देशों का पालन करती है तो अधिकांश जिलाध्यक्ष बदलने पड़ जाएंगे। उधर, भाजपा अगले दो तीन दिनों में एक दर्जन जिलों के जिलाध्यक्षों को बदल सकती है। ये वे जिलाध्यक्ष हैं जिनका सर्वे में परफार्मेन्स कमजोर पाया गया है और जिनकी कार्यकतार्ओं से भी पटरी नहीं बैठ रही है। जिन जिलों के अध्यक्ष बदलने की संभावना है उनमें होशंगाबाद, उमरिया, रीवा, सिंगरौली, मुरैना समेत कुछ अन्य जिले शामिल हैं। गौरतलब है कि भाजपा ने छह अक्टूबर को भिंड, ग्वालियर नगर, गुना, अशोकनगर और कटनी के जिलाध्यक्षों को बदल दिया था। जिलाध्यक्षों को बदलने के पीछे नगरीय निकाय चुनाव में मिली हार को कारण बताया जा रहा है। गौरतलब है कि भाजपा ने इन चुनावों के बाद प्रदेश से अपने वरिष्ठ नेताओं को जिलों में फीडबैक लेने भेजा था। इसमें कई जिलाध्यक्षों को लेकर कार्यकर्ताओं से गंभीर शिकायतें दर्ज कराई थीं। इसके बाद से यह कवायद शुरू की गई है। संगठन सूत्रों की माने तो कुल बीस जिलों के अध्यक्ष बदले जाने हैं।
    भाजपा-कांग्रेस के बीच होगी तगड़ी जंग
    दरअसल, आज के बदलते वक्त में किसी भी चुनाव के लिए सोशल मीडिया बेहद जरुरी है। सोशल मीडिया की रीच लगातार बढ़ी है और एमपी में होने वाले 2023 के चुनावों तक यह और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। क्योंकि जनता तक अपनी बात पहुंचाने का सबसे आसान माध्यम सोशल मीडिया ही है। एक्सपर्ट की मानें तो सोशल मीडिया के जरिए ग्राफिक्स, लाइव सेशन, वीडियो, फोटो का इस्तेमाल कर अपनी बात बेहतर रूप से जनता तक पहुंचाई जा सकती है। यही वजह है कि पॉलिटिकल पार्टियां भी बड़े पैमाने पर अब इसका इस्तेमाल करने लगी हैं।  देश से लेकर मध्यप्रदेश में भाजपा व  सोशल मीडिया पर आमने-सामने होते है। अब प्रदेश की सीमा से बाहर आकर दोनों पार्टी जिलों में सक्रिय होने वाली है। भाजपा तो यह काम पहले से शुरू कर चुकी है, अब कांग्रेस भी इसमे शामिल होने जा रही है। यह सब विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी में किया जा रहा है।
    मप्र के सबसे लोकप्रिय नेता सीएम शिवराज
    मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। सीएम चौहान के ट्विटर अकाउंट पर रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। सीएम के 85 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हो गए। सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर पर मुख्यमंत्री शिवराज ने नया कीर्तिमान हासिल किया है। ट्विटर पर उनके फॉलोअर्स की संख्या 85 लाख से ज्यादा हो गई है। इसी के साथ सीएम शिवराज मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले नेता बन गए हैं।

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