उपचुनाव में फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है भाजपा

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भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। दूध का जला जिस तरह छांछ भी फूंक-फूंक कर पीता है उसी तरह दमोह की हार से सबक लेते हुए भाजपा चारों उपचुनाव वाले क्षेत्रों में काम कर रही है। पार्टी ओवर कॉफिडेंस की जगह सतर्क है। दमोह की तरह इन क्षेत्रों में भी बगावत भारी न पड़ जाए इसके लिए पार्टी पूरी तरह सतर्क है।
असंतुष्टों को साधने के साथ ही मतदाताओं को साधने के लिए विधानसभा क्षेत्रों में 17 मंत्रियों के साथ ही 20 पदाधिकारियों को मोर्चे पर सक्रिय रखा गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में खंडवा लोकसभा के साथ ही पृथ्वीपुर, जोबट और रैगांव में उपचुनाव हो रहा है। इन सीटों पर टिकट के कई दावेदार थे। लेकिन पार्टी ने संभावित जीत वाले प्रत्याशी को टिकट दिया है। इससे कई दावेदार नाराज हैं।
भाजपा ने भले ही बागी प्रत्याशियों का गुस्सा ठंडा कर दिया हो, लेकिन जो बगावत के सुर लगातार उपचुनाव में उठ रहे हैं, उससे होने वाले डैमेज को कंट्रोल करने के लिए भाजपा ने तीन विधानसभा और एक लोकसभा के 8 विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव में कुल 11 विधानसभा क्षेत्रों में अपने 17 मंत्रियों को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा संगठन की तरफ से 20 पदाधिकारियों को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी गई है।
दमोह उपचुनाव में मिली हार के बाद पार्टी ने अपनी रणनीति में ज्यादा बदलाव नहीं किया है। जहां एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंत्रियों को तैनात किया है वहीं संगठन के मुखिया विष्णुदत्त शर्मा ने अपने पदाधिकारियों को विधानसभा क्षेत्र व जिम्मेदारी सौंपी है।
खंडवा के प्रत्याशी सबसे अधिक धनी
उपचुनाव के मैदान में कई प्रत्याशी करोड़पति हैं। जहां खंडवा के भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी सबसे अधिक धनी हैं, वहीं रैगांव के प्रत्याशियों के पास बाकियों से कम संपत्ति है। खंडवा लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी राजनारायण सिंह ने आयोग को दिए एफिडेविट में अपनी संपत्ति साढ़े तीन करोड़ रुपए बताई है, तो वहीं भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल के पास तकरीबन सवा तीन करोड़ रुपए की संपत्ति है। जोबट विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी सुलोचना रावत ने आयोग को दिए ब्यौरे में अपनी संपत्ति करोड़ों में बताई है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी महेश यादव ने अपनी संपत्ति 50 लाख बताई है। इन पर शराब और रेत उत्खनन के आरोप भी लगते रहे हैं।  पृथ्वीपुर विधानसभा से कांग्रेस उमीदवार नितेंद्र सिंह जो कि पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह के बेटे हैं को टिकट दिया है। इन्होंने भी अपनी संपत्ति करोड़ों में दिखाई है, तो वही निर्दलीय चुनाव लड़ रहे अखंड प्रताप सिंह जो कि पूर्व मंत्री भी रहे हैं इनकी संपत्ति भी करोड़ों में है।  वही रैगांव विधानसभा से दोनों प्रत्याशियों की संपत्ति बाकियों के मुकाबले कम है।
विधानसभावार मंत्रियों का दी गई है जिम्मेदारी
भाजपा ने समीकरणों के आधार पर मंत्रियों को विधानसभा वार तैनात किया है।  बुरहानपुर की जिम्मेदारी मंत्री तुलसी सिलावट और इंदर सिंह परमार को दी गई है। दोनों ही लगे हुए क्षेत्रों से आते हैं। वहीं खंडवा में विजय शाह, कमल पटेल और मोहन यादव कमान संभाले हैं। हालांकि कमल पटेल और मोहन यादव की इस क्षेत्र पर उतनी पकड़ नहीं है। विजय शाह की क्षेत्र में अच्छी पकड़ है।  देवास में उषा ठाकुर मैदान में रहेंगी। यह क्षेत्र भी उषा ठाकुर का जाना माना क्षेत्र है। बागली सीट उन को जितानी है, लेकिन संगठन की तरफ से चिंतामणि मालवीय को भेजा गया है। पृथ्वीपुर और जोबट में तीन तीन मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है। पृथ्वीपुर में गोपाल भार्गव, अरविंद भदौरिया और भारत सिंह कुशवाह को जिम्मेदारी दी गई है।
सामाजिक वोटों के फॉर्मूले पर जोर
मप्र में एक लोकसभा सीट खंडवा और तीन विधानसभा सीटों रैगांव, पृथ्वीपुर व जोबट में उपचुनाव होने जा रहे हैं। इन सीटों को फतह करने के लिए प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा अपनी राजनीतिक बिसात बिछाने में जुटी है। भाजपा ने उप चुनाव जीतने के लिए अब सोशल इंजीनियरिंग फार्मूले पर जोर दिया है। पार्टी ने विभिन्न समाजों के प्रमुखों के साथ बैठक कर उनका समर्थन जुटाने की रणनीति तैयार की है। पार्टी समाजों के बीच जाकर सम्मेलन भी आयोजित करेगी। मप्र में एक लोकसभा सीट के अलावा तीन विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा रणनीति बनाने में जुटी हुई है। इस बार भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग पर जोर देने की रणनीति बनाई है।
प्रदेश पदाधिकारी और बड़े नेता होंगे शामिल
सामाजिक सम्मेलनों में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद वीडी शर्मा, प्रदेश प्रभारी पी मुरलीधर राव, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी, चुनाव प्रभारी व प्रदेश पदाधिकारीगण और उपचुनाव की सीटों के प्रत्याशी शामिल होंगे। सम्मेलनों के दौरान संबंधित समाज के कल्याण को लेकर रूपरेखा तैयार होगी और समस्याओं के निराकरण का भरोसा भी दिलाया जाएगा। चुनाव क्षेत्रों में प्रबुद्धजन सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पेशे के आधार पर बुद्धिजीवियों का समर्थन जुटाने की कोशिश होगी। प्रबुद्धजन सम्मेलनों में चिकित्सक, इंजीनियर, एडवोकेट, साहित्यकार, शिक्षाविद, अर्थशास्त्री सहित विभिन्न विषयों के विद्वान आमंत्रित किए जाएंगे। इस दौरान भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों की उपलब्धियों और अच्छे कार्यों पर चर्चा होगी।

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