
- मप्र में पार्टी के दिशा-निर्देश मानने को तैयार नहीं नेता
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। करीब तीन महीने पहले ही राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर विवादित व बड़बोले बयानों से किरकिरी के बाद भाजपा संगठन ने अपने नेताओं को नसीहत व प्रशिक्षण दिया था कि वे पार्टी की रीति-नीति के अनुरूप संवाद शैली और आचरण करें। लेकिन देखा जा रहा है कि पार्टी के दिशा-निर्देश को मानने को भाजपाई तैयार नहीं है। भाजपा नेता बात-बात पर आपस में भिड़ रहे हैं। ताजा मामला भिंड से सामने आया है, जहां जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवलिया पर स्थानीय विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह जमकर बरस पड़े और उन्हें भला बुरा कह दिया। इसकी शिकायत भाजपा प्रदेश मुख्यालय पहुंच गई है।
दरअसल, प्रदेश भाजपा को भले ही नया नेतृत्व मिला हो, लेकिन यहां कार्यकर्ताओं से लेकर जनप्रतिनिधियों के बीच खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे नेताओं में अधिकांश बड़े नेताओं के समर्थक बताए जा रहे हैं। बुधवार को भिंड में विधायक और जिलाध्यक्ष के बीच विवाद की शिकायत पार्टी फोरम तक पहुंची है। नेताओं की खींचतान की एक शिकायत पार्टी मुख्यालय में उस वक्त पहुंची है, जब पूरा संगठन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के धार के भौसला में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हो रहा था। बताया गया है कि सेवा पखवाड़े के तहत भिंड में भाजपा नेता कार्यकर्ताओं के साथ मरीजों को जिला अस्पताल में मरीजों को फल वितरण कर रहे थे, तभी यहां पर किसी बात को लेकर जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवलिया पर स्थानीय विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह जमकर बरस पड़े और उन्हें भला बुरा कह दिया। बताया गया है कि जिलाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह नरवलिया ने इसकी शिकायत प्रदेश संगठन से की है।
गुटबाजी के कारण बढ़ रहे विवाद
पार्टी के जानकारों का कहना है कि जिन नेताओं द्वारा अनुशासनहीनता या अभद्रता की जा रही है, वो किसी न किसी वरिष्ठ राजनेताओं के बेहद करीबी हैं। जिससे उनके द्वारा अभद्रता करने पर प्रदेश संगठन द्वारा उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले पाता, जिससे ऐसे नेताओं की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं आ पा रहा है। कई बार प्रदेश नेतृत्व द्वारा वरिष्ठ नेताओं के संज्ञान में बात लाई गई, लेकिन ऐसे नेता अपनी आदतों से बाज नहीं आ पा रहे है। बताया जा रहा है कि संगठन और सरकार से जुड़े कुछ नेताओं द्वारा सार्वजनिक तौर पर कई बार ऐसी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है, जो चर्चा का विषय तो होती है, लेकिन उन्हें जनसामान्य द्वारा ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता, जबकि विपक्ष उनकी आड़ में पार्टी और सरकार को निशाने पर लेती है। सूत्रों की माने तो पार्टी जल्द ही अपने कार्यकर्ताओं से ऐसी गतिविधियों से परहेज रखने के निर्देश दे सकती है। इस मामले में देवेन्द्र सिंह नरवलिया का कहना है कि सेवा पखवाड़े के तहत कार्यकर्ताओं के साथ जिला अस्पताल में फल वितरण किए जा रहे थे, तभी विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह वहां पहुंचे और उन्होंने कई तरह की बातें की। जिसे किसी भी रुप में उचित नहीं माना जा सकता। इस घटना को उनके द्वारा प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद के संज्ञान में लाया गया है। वहीं विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह का कहना है कि हम सभी जिला अस्पताल पहुंचे थे। जहां सेनेटाइजर और गिल्प्स नहीं होने पर वहां मौजूद सीएमएचओ से सवाल किए गए थे। सांसद संध्या राय ने भी इस बारे में वहां मौजूद चिकित्सकों से जानकारी मांगी थी। जिलाध्यक्ष दूसरे स्थान पर फल वितरित कर रहे थे। ऐसे में उनका किसी से विवाद होने का सवाल ही नहीं है।
नौकरी के नाम पर ठगी
इसी तरह कुछ युवक पार्टी दफ्तर पहुंचे, जहां मौजूद कार्यालय मंत्री राघवेन्द्र शर्मा को उनके द्वारा एक शिकायती पत्र सौंपा गया, जिसमें किसी भाजपा नेता द्वारा उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम लेने की शिकायत की गई है। कुछ ऐसी ही शिकायतें भी दूसरे अंचलों से प्रदेश संगठन को मिली हैं। इस संबंध में कार्यालय मंत्री राघवेंद्र शर्मा ने स्वीकार किया कि पार्टी दफ्तर में कुछ बच्चे उनके पास पहुंचे थे और उनके द्वारा नौकरी के नाम पर पैसा ऐंठने की लिखित शिकायत भी उन्हें दी गई है। लेकिन जिसकी शिकायत की गई है, उसका भाजपा से कोई वास्ता नहीं है। शर्मा ने बताया कि उन्होंने तत्काल बिलखिरिया थाना प्रभारी को दूरभाष पर सूचित कर उनसे जांच कर युवाओं को न्याय दिलाने का आग्रह किया गया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि युवाओं ने जिस भाजपा कार्यकर्ता पर नौकरी के नाम पैसे लेने और वापस मांगने पर मारपीट करने का आरोप लगाया है, वह भाजयुमो का जिला पदाधिकारी है। जिसे शिकायत होने के उपरांत पार्टी मुख्यालय में तलब किया गया, जो देर शाम तक पार्टी दफ्तर में मौजूद रहा।
