
- अब बूथ स्तर पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में मिली भारी जीत से भाजपा सरकार कॉन्फिडेंस में है। पार्टी का अभी से 2028-29 के चुनाव पर फोकस है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विजन डॉक्यूमेंट 2028 तैयार करने के निर्देश दिए है। विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने की गाइडलाइन कलेक्टरों तक पहुंची है। विजन डॉक्यूमेंट 2028 विधानसभा वार तैयार किया जाएगा। वहीं वोट बैंक बढ़ाने पर भी फोकस है। इसके लिए महिलाओं के रुझान से अपनी सत्ता बरकरार रखने में कामयाब रही भाजपा मध्य प्रदेश में अब बूथ स्तर पर भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर फोकस कर रही है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव को लेकर सारे अनुमान तक ध्वस्त हो गए थे, जब परिणाम एकतरफा भाजपा के पक्ष में आए। इसकी बड़ी वजह महिलाओं का बड़ा समर्थन मिलना माना गया। इसमें केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार तक की कई योजनाओं के साथ बड़ी भूमिका लाड़ली बहना योजना की भी मानी गई। ऐसे में पार्टी ने संगठन पर्व के तहत जारी सदस्यता अभियान का रुख भी महिलाओं को बड़ी संख्या में पार्टी से जोडऩेे पर मोड़ दिया है। लोकसभा और राज्यसभा से नारी शक्ति वंदन विधेयक पारित होने और महिलाओं को आरक्षण संबंधी कानून बनने के बाद उन्हें लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा, जबकि अब तक किसी राजनीतिक दल ने 15 प्रतिशत टिकट भी महिलाओं को नहीं दिया। ऐसे में भाजपा का जोर अधिक से अधिक महिला सदस्य बनाने पर है।
हर बूथ पर 30 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य
भाजपा हर बूथ पर 30 प्रतिशत से अधिक सदस्य बनाएगी। पार्टी के रणनीतिकार संभागीय स्तर से लेकर नीचे तक कार्यकर्ताओं को समझा रहे हैं कि 2028 के विधानसभा और 2029 के लोकसभा चुनाव महिला आरक्षण के साथ हो सकते हैं, इसलिए अधिक से अधिक महिला सदस्य बनाकर महिला नेतृत्व को मजबूत करना है। मध्य प्रदेश में इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। भाजपा ने मध्य प्रदेश में पिछली बार 98 लाख सदस्य तो बनाए लेकिन उसमें महिलाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम थी। इस वर्ष भाजपा डेढ़ करोड़ सदस्यों में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी रखेगी। हर जिले में महिला मोर्चा से कहा गया है कि वे कम से कम एक लाख सदस्य अपने जिले से बनाएं। प्रदेश में बीते 15 वर्ष में गठित तीन विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या का विश्लेषण करें, तो वर्ष 2013 में गठित 14वीं विधानसभा ही ऐसी थी, जिसमें कुल 230 सदस्यों में महिला विधायकों की संख्या 32 यानी लगभग 14 प्रतिशत थी। यह संख्या 15वीं विधानसभा (वर्ष 2018) में घटकर नौ प्रतिशत यानी महिला विधायकों की संख्या घटकर 21 हो गई थी। 2008 में 24 महिला विधायक थीं। यह 2024 में बढक़र 27 यानी 12 प्रतिशत हो गई।
महिलाओं की भागीदारी निरंतर बढ़ रही
मप्र में स्थानीय सरकार में महिलाओं की भागीदारी निरंतर बढ़ रही है। पंचायत और नगरीय निकाय जैसी संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने 50 प्रतिशत महिला आरक्षण दिया है, लेकिन यहां 60 प्रतिशत महिलाएं चुनाव जीतकर प्रतिनिधित्व कर रही हैं। यही स्थिति नगर निगमों की है। प्रदेश के 16 नगर निगमों में नौ महिला महापौर हैं। मप्र भाजपा की प्रवक्ता नेहा बग्गा का कहना है कि भाजपा ने महिलाओं को आर्थिक सामाजिक एवं राजनीतिक तौर पर सशक्त किया है। संगठन पर्व पर भाजपा महिला लाभार्थी, स्टूडेंट गृहिणियों, प्रोफेशनल्स सभी से संपर्क कर उनको सदस्य बनाएगी।