भाजपा ने चुनावी चंदे का 10 गुना टारगेट बढ़ाया

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भोपाल/गौरव चौहान /बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना संक्रमण का असर देश-प्रदेश के साथ ही राजनीतिक पार्टियों के खजाने पर पड़ा है। कोरोना काल में धन संग्रहण नहीं होने के कारण मप्र भाजपा का खजाना खाली हो गया है। ऐसे में इस बार पार्टी धन संग्रहण पर खास ध्यान दे रही है। यही नहीं पार्टी ने इस बार धन संग्रहण अभियान के टारगेट को सीधे-सीधे 10 गुना बढ़ा दिया है। पिछले साल भाजपा ने 10 करोड़ का टारगेट रखा था, इस बार इसे बढ़ा कर सीधा 100 करोड़ कर दिया है। इसके लिए जनवरी से हर बूथस्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह काम भाजपा अपने आजीवन सहयोग निधि कार्यक्रम के तहत करेगी। गौरतलब है कि भाजपा अपनी पार्टी के खर्चों को चलाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं और समान विचारधारा वाले लोगों से चंदा लेती है। इस सहयोग निधि से सालभर पार्टी का खर्चा चलता है। पिछले दो सालों से पार्टी कोरोना के चलते जो लक्ष्य निर्धारित कर रही है उसे पूरा नहीं कर पा रही है। इससे प्रदेश भाजपा का खजाना खाली होता चला गया है। इसलिए भाजपा ने इस बार धन संग्रहण का टारगेट 100 करोड़ रुपए निर्धारित किया है।

दो साल से टारगेट पूरा नहीं
कोरोना संक्रमण के कारण भाजपा पिछले दो साल में धन संग्रहण में पिछड़ती जा रही है। पार्टी ने पिछले साल दस करोड़ का लक्ष्य रखा था पर कोरोना के चलते उसके पास महज तीन करोड़ 41 लाख रूपए ही आ पाए थे। भाजपा हर साल अपने टारगेट में दस फीसदी का इजाफा करती है। बीते सालों में उसने टारगेट एचीव भी किया पर दो सालों से कोरोना के चलते पार्टी कार्यकर्ता दूसरे सेवा कामों में लगे रहे लिहाजा यह अभियान गति नहीं पकड़ पाया। सूत्रों की माने तो भाजपा ने तय किया है कि संग्रहण का जिम्मा मंत्री विधायकों को दिया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश पदाधिकारियों की भी इसमें जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके संकेत बी एल संतोष ने प्रदेश पदाधिकारियों और मंत्रियों को हाल ही हुई बैठक में दे दिए हैं। मंत्रियों को अपने प्रभार के जिलों में सक्रिय किया जाएगा। प्रदेश प्रभारियों को भी प्रभार वाले क्षेत्रों की जवाबदारी सौंपी जाएंगी।

अभी कूपन का फॉर्मेट तय नहीं
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पार्टी में यह परम्परा वरिष्ठ नेता कुशाभाऊ ठाकरे की पहल पर शुरू की गई थी। मप्र से शुरू हुई इस परंपरा को बाद में पूरे देश में अपनाया गया था। सूत्रों की माने तो हाल ही में प्रदेश दौरे पर आए राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के साथ भी आजीवन सहयोग निधि पर चर्चा हुई थी। पार्टी ने तय किया है कि इस बार इस अभियान को तेज किया जाए और पिछले साल के टारगेट दस करोड़ को बढ़ाते हुए इसे सौ करोड़ किया गया है। पार्टी का मानना है कि इस राशि के ब्याज से पार्टी कार्यालयों का खर्च चलाया जाए। इसके लिए सभी जिलों को टारगेट दिए जाएंगे। इसके लिए अभी कूपन का फॉर्मेट तय नहीं किया गया है पर जल्द ही सीएम की संगठन नेताओं के साथ होने वाली बैठक में इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

इस बार पांच हजार तक के कूपन
प्रदेश में हर साल धन संग्रहण के लिए पार्टी 100 से लेकर 2000 रुपए तक के कूपन कार्यकर्ताओं को देती थी। इससे अधिक की राशि चेक के जरिए पार्टी के खाते में ली जाती थी। माना जा रहा है कि इस बार पांच हजार तक के कूपन पार्टी जारी करेगी। बताया जाता है कि इस फंड से भाजपा के मंडल से लेकर जिला स्तर तक के कार्यालयों का खर्च चलता है। जिलों से एकत्र होने वाली राशि का पचास फीसदी जिले में 25 फीसदी प्रदेश संगठन अपने पास रखता है और इतनी ही राशि केन्द्रीय संगठन को भेजी जाती है।

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