यस एमएलए- पंधाना को भाजपा ने बना लिया है अपना गढ़

पंधाना विधानसभा

भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। पंधाना विधानसभा सीट खंडवा जिले में आती है। विधानसभा क्षेत्र में चुनावी रंगत नजर आने लगा है। गांवों में चुनावी चर्चा तेज हो गई है तो वहीं, दोनों ही पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को तैयार करने में लग गई है। मान मनुहार का दौर शुरू हो गया है। आदिवासी सीट होने से प्रदेश की राजनीति में यह महत्वपूर्ण मानी जाती है। यहां लंबे समय से भाजपा का दबदबा बना हुआ है। वर्तमान में भाजपा के राम दांगोरे  विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी छाया मोरे को करीब 23 हजार से ज्यादा वोटों हराया था। पंधाना विधानसभा क्षेत्र के बड़ौदा अहीर जननायक टंट्या मामा की जन्मभूमि है।
पंधाना विधानसभा क्षेत्र खंडवा जिले के अंतर्गत आता है और खंडवा सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक विशेषताओं से भरा हुआ है। पंधाना के आस -पास कई पर्यटन स्थान हैं ,जहां घूमा जा सकता है और पर्यटक आते भी खूब हैं। पंधाना के पास ही 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ओंकार ममलेश्वर, ओंकारेश्वर शहर में पवित्र नर्मदा के तट पर स्थित हैं।  हालांकि यह मंधाता विधानसभा क्षेत्र में आता है। दादा धुनीवाले जी की समाधि स्थल खंडवा में स्थित है। मशहूर गायक किशोर कुमार की समाधि स्थली खंडवा शहर में है। हनुमंतिया द्वीप मध्य प्रदेश पर्यटन में एक उभरता जल पर्यटन स्थल है ,जो इंदिरा सागर बांध पुनासा तहसील में स्थित है।
हर बार भाजपा बदल देती है चेहरा
नए परिसीमन में यह विधानसभा अनुसूचित जाति से अनुसूचित जनजाति में परिवर्तित हो गई, जिसके चलते 2008 के चुनाव में यहां से भाजपा ने अनारसिंह वास्कले को प्रत्याशी बनाकर सीट को पुन: अपनी झोली में लाने में कामयाब रही थी। 2013 में नए चेहरे के रूप में योगिता नवल बोरकर को चुनाव मैदान में उतारकर भाजपा ने फिर से इस सीट पर अपनी जीत पक्की कर ली। 2018 में फिर नया युवा चेहरा राम दांगोरे के रूप में लाकर जीत पक्की कर ली। हर बार भाजपा चेहरा बदलकर कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर कर इस विधानसभा को अपनी झोली में डाल लेती है। वर्तमान पंधाना विधायक राम दांगोरे ने अपने पांच साल के कार्यकाल में नगर विकास के मुद्दों को जोरशोर से उठाया है। वहीं कांग्रेस से उम्मीदवारी को लेकर हलचल तेज हो गई है। इनमें चार नामों को लेकर माहौल गरमाया हुआ है।
विकास के अपने-अपने दावे
पंधाना विधानसभा के विकास कार्यों की बात की जाए तो यहां के विधायक राम दांगोरे का कहना है कि आजादी के बाद से जो काम नहीं हुए थे, वह काम उन्होंने अपने कार्यकाल में करवाए हैं। पंधाना विधानसभा में लगभग छह हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य उन्होंने स्वीकृत करा लिए हैं। जिसमे खंडवा लिफ्ट एरिगेशन योजना 18 सौ 66 करोड़ रुपए की योजना, इसमें 84 गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। सिंगोट को उप तहसील बनाया, छैगांव माखन को उप तहसील से तहसील का दर्जा मिला। आईटीआई कॉलेज की सौगात मिली, सीएम राइज स्कूल की सौगात मिली। पंधाना विधानसभा में सडक़ों की दिक्कत थीं, उसे दूर करते हुए  गांवों  को सडक़ों  के माध्यम से शहर से जोड़ा है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि पंधाना विधानसभा में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे, आगे रोड बनाता है और पीछे साफ हो जाता है। भ्रष्टाचार का अड्डा भाजपा ने पंधाना में बना रखा है। सडक़ों पर लोग चल नहीं सकते सडक़ों पर गड्ढे इतने हैं कि आए दिन एक्सीडेंट हो रहे हैं। धूल के गुब्बार से यहां के व्यापारी दुकानदार इतने परेशान हैं कि काम धंधा नहीं कर पा रहे। किसानों को सिंचाई के लिए पानी तक नहीं मिल पा रहा है। इन सब बातों को कांग्रेस मुद्दे बनाकर 2023 की लड़ाई में उतरने की तैयारी में है।
पिछले चार विधानसभा चुनाव
पंधाना विधानसभा सीट पर पिछले चार चुनावों से भाजपा का गढ़ बनी हुई है। भाजपा के ही प्रत्याशी यहां जीतते आए हैं। प्रत्याशी बदलने के बाद भी कांग्रेस यहां जीत हासिल नहीं कर सकी। हर बार भाजपा नया प्रत्याशी यहां उतारती आई है। 2003 में भाजपा के किशोरीलाल वर्मा ने कांग्रेस के प्रत्याशी हीरालाल सिलावट को 16 हजार 820 वोटों से हराया था। 2008 में भाजपा के अनार सिंह वास्कले ने कांग्रेस के नंदू बारे को 3 हजार 393 वोटों से हराया। 2013 में भाजपा की योगिता नवल सिंह बोरकर ने कांग्रेस के नंदू बारे को 17 हजार 261 से हराया था। वहीं वर्ष 2018 के चुनाव में भाजपा के राम दांगोरे ने कांग्रेस प्रत्याशी छाया मोरे को 23 हजार 750 से हराया था।
जातिगत समीकरण
पंधाना विधानसभा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है। यहां भील समाज के वोट  अधिक है, जो चुनावी हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं। इसीलिए भील समाज पर सभी राजनैतिक दलों की नजर रहती है। उन्हें रिझाने के लिए हर संभव प्रयास पार्टियां करती है और अपनी तरफ समर्थन के लिए मजबूत उम्मीदवार जनता के बीच रखती हैं। इस विधानसभा में गुर्जर, कुनवी पटेल एवं अनुसूचित जाति के मतदाता अधिक हैं, जो सीधे तौर पर चुनाव को प्रभावित करते हैं। पंधाना विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाता 1 लाख 41 हजार 064 और पुरुष 1 लाख 32 हजार 803 मतदाता हैं। जबकी 4 अन्य हैं। इस तरह से कुल मतदाता 2 लाख 73 हजार 871 हैं। यह मतदाता अब 2023 में पंधाना विधानसभा क्षेत्र के भाग्य का फैसला करेगें।

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