- गौरव चौहान

मप्र विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने 229 तो वहीं भाजपा ने 228 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। लेकिन इन उम्मीदवारों की सूची जारी होते ही घमासान मचा हुआ है। विधानसभा क्षेत्रों से लेकर राजधानी भोपाल तक भाजपा-कांग्रेस में कई प्रत्याशियों का जमकर विरोध हो रहा है। नाराज नेताओं ने प्रदेश भाजपा और कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर ने केवल प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि प्रत्याशी बदलने की मांग भी की जा रही है। दोनों पार्टियों के 30 प्रत्याशियों के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। इनमें भाजपा के 12 और कांग्रेस के 18 प्रत्याशियों का टिकट बदलने की मांग की जा रही है।
गौरतलब है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का एक व भाजपा के दो प्रत्याशियों को छोडक़र सभी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो चुकी है। प्रत्याशियों के चेहरे सामने आने के बाद अब चुनावी रण में संग्राम शुरू होगा। सूची सामने आने के बाद दोनों ही दलों के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती रूठों को मनाने को लेकर है। दोनों ही पार्टियां चाहती हैं कि बगावत की आग को जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी शांत कर दिया जाए ताकि डैमेज कंट्रोल किया जा सके। प्रत्याशियों की घोषणा से आक्रोशित दावेदार और उनके समर्थकों के हंगामे और प्रदर्शन की खबरें प्रदेशभर से अब भी आ रही हैं। कई जगह टिकट कटने से नाराज दावेदारों ने दूसरे दलों का हाथ थामकर चुनाव में दो-दो हाथ करने का फैसला कर लिया है। इसके अलावा कुछ दावेदार अपने समर्थकों के जरिए पार्टी नेतृत्व पर टिकट बदलने का दबाव बना रहे हैं। इन्हें अभी भी उम्मीद है कि पार्टी कार्यकर्ताओं के मन की बात सुनकर सूची में फेरबदल कर सकती है। प्रत्याशियों के नामांकन की अंतिम तारीख 30 अक्टूबर है।
पैसे के लेनदेन का लगाया आरोप
बिजावर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी चरण सिंह यादव का दावेदारी कर रहे करीब आधा दर्जन नेताओं ने विरोध किया और आगामी चुनाव को लेकर रणनीति बनाई। उन्होंने कमलनाथ पर पैसे का लेन देन कर टिकट वितरण करने का आरोप लगाया। टीकमगढ़ विधानसभा से बीजेपी के पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। श्रीवास्तव टिकट वितरण से नाराज हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यहां सर्वे और कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई है, जिसके चलते वे व्यथित है। इसलिए पार्टी के सभी दायित्वों से मुक्त होकर उन्होंने अपना इस्तीफा जिला अध्यक्ष को सौंप दिया है। कटनी के बहोरीबंद विधानसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी की घोषणा होते ही ओबीसी समाज ने विरोध करना शुरू कर दिया। कांग्रेस ने बहोरीबंद विधानसभा से सौरव सिंह को मैदान में उतारा है। विस में ओबीसी का एक बड़ा फैक्टर होने के चलते टिकट नहीं मिलने से नाराज ओबीसी वर्ग ने कांग्रेस के नेताओं के पोस्टर जलाए। छिंदवाड़ा में पूर्व विधायक पंडित रमेश दुबे की टिकट कटने से नाराज उनके समर्थकों ने छिंदवाड़ा भाजपा कार्यालय के सामने पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता चौरई विधानसभा क्षेत्र से लखन वर्मा को उम्मीदवार बनाए जाने से आगबबूला हैं। लगभग 100 से ज्यादा गाडिय़ों का काफिला पंडित रमेश दुबे के निवास से भाजपा कार्यालय तक पहुंचा। यहां दुबे के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की और प्रदेश संगठन के नाम अपने इस्तीफे सौंप दिए। नरसिंहपुर जिले की गाडरवाड़ा विस सीट मैं कांग्रेस व भाजपा दोनों पार्टियां बगावत से जूझ रही हैं।
इस सीट पर भाजपा से तीन बार के सांसद राव उदय प्रताप तथा कांग्रेस से वर्तमान विधायक सुनीता पटेल के बीच टक्कर है। नरसिंहपुर में पूर्व विधायक गोविंद सिंह पटेल के पुत्र तथा बीते विस चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी गौतम सिंह व उनके समर्थक भाजपा को छोडक़र कांग्रेस में शामिल हो गए। पूर्व विधायक साधना स्थापक अपने समर्थक के साथ कांग्रेस पार्टी को छोडक़र भाजपा में शामिल हो गई हैं। दोनों पार्टी में आंतरिक विरोध है और स्थानीय नेताओं के दल- बदलने का सिलसिला जारी है। उज्जैन जिले की बडऩकर विस सीट से विधायक रहे मुरली मोरवाल का टिकट कांग्रेस द्वारा काटने के बाद वह बेहद नाराज हैं। टिकट कटते ही वह कह चुके हैं कि मुझे खरीदने के लिए करोड़ों के ऑफर थे, लेकिन मैंने उन्हें ठुकरा दिया। पार्टी ने इसी बात का मुझे इनाम दिया है। अब मुरली मोरवाल ने अपने कार्यकर्ताओं को इक_ा कर एक मीटिंग ली और प्रदेश कांग्रेस को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी का गलत फैसला कर बडऩगर विधानसभा के हजारों-हजार निष्ठावान कार्यकर्ताओं का अपमान किया है, जिसका अंजाम पार्टी को आसपास की 10 सीटों पर भुगतना पड़ेगा। अभी भी मौका है.. अगर सरकार बनानी हो तो बडऩगर की आवाज को सुनकर अपना फैसला बदलें। मुरली मोरवाल द्वारा यह खुली धमकी सोशल मीडिया पर स्वयं के फेसबुक अकाउंट पर दी है। इस धमकी के साथ बडऩगर में हुई बैठक के फोटो भी वायरल किए हैं। बडऩगर से इस बार कांग्रेस ने एडवोकेट राजेंद्र सिंह सोलंकी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
डैमेज अनकंट्रोल
टिकट वितरण के बाद मचे बवाल पर कांग्रेस में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और रणदीप सुरजेवाला ने असंतोष को खत्म करने की रणनीति बनाई। वहीं भाजपा में भूपेंद्र यादव, अश्वनी वैष्णव, सीएम शिवराज, वीडी शर्मा डैमेज कंट्रोल में लग गए हैं। लेकिन फिलहाल कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है। रविवार को भी नाराज कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन चलता रहा। कई विधानसभा से कार्यकर्ता भोपाल पहुंचे और अपना असंतोष जताया। भाजपा की 12 और कांग्रेस की 18 सीटों पर अभी भी टिकट बदलने की मांग उठ रही है। कालापीपल सीट से भाजपा के घनश्याम चंद्रवंशी को टिकट देने से नाराज कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पहुंचकर हंगामा किया। वे यहां धरने पर बैठ गए और चंद्रवंशी की जगह स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग की। बुरहानपुर भाजपा के कद्दावर नेता रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान ने रविवार को भोपाल से बुरहानपुर पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया। पांच हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं, समर्थकों और नेताओं के साथ लालबाग से शहर तक जुलूस निकाला। शनिवार रात बड़ी संख्या में नंदू भैया के समर्थक कार्यकर्ता उनके संजय नगर स्थित आवास पहुंचे और उन्होंने नंदू भैया निमाड़ की नैया के नारे भी लगाए थे। स्टेशन से बाहर आते ही हर्षवर्धन ने कहा कि निमाड़ की जनता के साथ दूसरी बार फरेब हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि निर्दलीय से हारे किसी नेता को टिकट नहीं दिया जाएगा। बावजूद इसके भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लोगों को प्रत्याशी बना दिया है, उनका इशारा बुरहानपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाई गई पूर्व मंत्री और प्रदेश प्रवक्ता अर्चना चिटनिस की ओर था। भाजपा की तरह कांग्रेस में भी दोनों प्रत्याशियों का विरोध जारी है। प्रत्याशियों को बदलने के लिए कांग्रेस के छोटे पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष हमीद काजी और प्रदेश महासचिव अजय रघुवंशी तक सडक़ों पर उतर आए हैं। कांग्रेस के 23 पार्षद विरोध स्वरूप पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।
डैमेज अनकंट्रोल
टिकट वितरण के बाद मचे बवाल पर कांग्रेस में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और रणदीप सुरजेवाला ने असंतोष को खत्म करने की रणनीति बनाई। वहीं भाजपा में भूपेंद्र यादव, अश्वनी वैष्णव, सीएम शिवराज, वीडी शर्मा डैमेज कंट्रोल में लग गए हैं। लेकिन फिलहाल कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है। रविवार को भी नाराज कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन चलता रहा। कई विधानसभा से कार्यकर्ता भोपाल पहुंचे और अपना असंतोष जताया। भाजपा की 12 और कांग्रेस की 18 सीटों पर अभी भी टिकट बदलने की मांग उठ रही है। कालापीपल सीट से भाजपा के घनश्याम चंद्रवंशी को टिकट देने से नाराज कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पहुंचकर हंगामा किया। वे यहां धरने पर बैठ गए और चंद्रवंशी की जगह स्थानीय नेता को टिकट देने की मांग की। बुरहानपुर भाजपा के कद्दावर नेता रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्षवर्धन सिंह चौहान ने रविवार को भोपाल से बुरहानपुर पहुंचकर शक्ति प्रदर्शन किया। पांच हजार से ज्यादा कार्यकर्ताओं, समर्थकों और नेताओं के साथ लालबाग से शहर तक जुलूस निकाला। शनिवार रात बड़ी संख्या में नंदू भैया के समर्थक कार्यकर्ता उनके संजय नगर स्थित आवास पहुंचे और उन्होंने नंदू भैया निमाड़ की नैया के नारे भी लगाए थे। स्टेशन से बाहर आते ही हर्षवर्धन ने कहा कि निमाड़ की जनता के साथ दूसरी बार फरेब हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि निर्दलीय से हारे किसी नेता को टिकट नहीं दिया जाएगा। बावजूद इसके भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे लोगों को प्रत्याशी बना दिया है, उनका इशारा बुरहानपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाई गई पूर्व मंत्री और प्रदेश प्रवक्ता अर्चना चिटनिस की ओर था। भाजपा की तरह कांग्रेस में भी दोनों प्रत्याशियों का विरोध जारी है। प्रत्याशियों को बदलने के लिए कांग्रेस के छोटे पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष हमीद काजी और प्रदेश महासचिव अजय रघुवंशी तक सडक़ों पर उतर आए हैं। कांग्रेस के 23 पार्षद विरोध स्वरूप पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।